स्तनों में गांठ पढ़ना हमे चिंता में डाल देता है क्योंकि यह हमे स्तन कैंसर के खतरे का एहसास कराता है। स्तनों में गांठ पढ़ने के अन्य कारण भी हो सकते है और हरबार यह चिंताजनक नहीं होता। ताजा रिपोर्ट बताती है कि आज बढ़ते हुए रेडियोधर्मी प्रदुषण और कुपोषित आहार के कारण महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे हैं। 

अधिकांश स्तन गांठ गैर-कैंसरयुक्त होती है, जिसका अर्थ है कि ये स्तनों की गांठें ठीक हो जाने वाली समान्य गांठ है। लेकिन कई बार ये स्तन कैंसर के प्रमुख लक्षण के रूप में उभरती है, जो काफी दर्दनाक होती है, ये आपके स्तनों को दर्द देती है। 

जब आप अपने स्तनों पर हाथ रखते है तो अचानक से किसी गांठ का महसूस होना स्वाभाविक रूप से चिंताजनक ही है। आपको यह याद रखना चाहिए कि स्तनों की गांठ आपके दीर्धकालिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।  स्तनों की गांठ को स्तन कैंसर का शुरुआती और मुख्य लक्षण के रूप में जाना जाता है। इसीलिए अपने स्तनों पर किसी भी प्रकार की गांठ और सूजन को नजरअंदाज ना करे, बुद्धिमानी इसी में है कि आप अपने नजदीकी चिकित्सक से सलाह लेकर उसके बताये गये दिशा निर्देशों का पालन करे। 

हम सभी जानते है कि महिलाओं के शरीर में स्तन अधिक महत्पूर्ण भूमिका निभाते है जबकि पुरषों के भी स्तन ऊतक होते हैं। जाहिर है यह समस्या दोनों ही लिंगों के लिए है, लेकिन यह मुख्य रूप से महिलाओं को प्रभावित करती है। हम सबका शरीर कोशिकाओं से निर्मित ऊतकों से बना हुआ है और वे ऊतक जो स्तन लो स्तन बनाते है उन्हें स्तन ऊतक कहा जाता है। स्तन के ऊतक हार्मोन को प्रभावित करते है। महिलाओं में स्तन की गांठ अधिक देखने को मिलती है और स्तन कैंसर भी उन्हें ही अधिक होता है। 

स्तन की गांठें बनने का मुख्य कारण होता है, हार्मोनल परिवर्तन (रसायनिक परिवर्तन) और कभी कभी ये गांठें बनकर अपने आप ठीक भी हो जाती है। ऐसा नहीं है कि स्तन की गांठ सिर्फ युवाओ को हो सकती है, आप किसी भी उम्र में स्तन की गांठ का अनुभव कर सकते हैं। 

कुछ बच्चों में यह अपनी माँ से जन्म के दौरान मिला महिला हार्मोन Estrogen  के कारण होता है और समय के साथ एस्ट्रोजन खत्म हो जाता है और गांठ भी ठीक हो जाती है। 

जवानी के दौरान ल़डकियों में स्तन की गांठ हो सकती है और कभी कभी यह लड़कों में भी हो सकती है। लेकिन बाद में यह अपने आप ठीक हो जाती है। किशोर लड़कों को भी यौवन के दौरान स्तन में गांठ हो सकती है।  ये अस्थायी होते हैं और आमतौर पर कुछ महीनों में गायब भी हो जाते हैं।

स्तन की गांठ क्या है? (What IS Breast Lump? In Hindi) 

स्तन की गांठ एक प्रकार की सूजन और उभरा हुआ भाग है जो आपके स्तन में होता है। आप इसे छू कर अनुभव कर सकते हैं और यह आपके दूसरे स्तन से अलग महसूस कराएगा। कई बार एक सूजन, उभार जैसा होता है और कई बार ठोस गांठ जैसा होता है, जो इसके आसपास के स्तन ऊतक या दूसरे स्तन के उसी क्षेत्र में स्तन ऊतक से अलग महसूस होता है।

ज्यादातर स्तनों में पाई जाने वाली गांठें सौम्य होती है अर्थात्‌ वे कैंसर युक्त नहीं होती । हालांकि कैंसर युक्त स्तन गाँठ और गैर कैंसर युक्त स्तन की गाँठ में थोड़ा सा अन्तर भी नोट किया जा सकता है। आमतौर पर बिना कैंसर वाली सौम्य स्तन गांठों में पर चिकने किनारे होते हैं और जब आप उन्हें हिलाते या धक्का देते हैं तो उन्हें थोड़ा हिलाया जा सकता है। और ये अक्सर दोनों स्तनों में होती हैं।

स्तन में गाँठ बनने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से अधिकतर यह चिंता योग्य नहीं होते। जैसा कि ऊपर बताया कि अधिकतर स्तन की गांठें कैंसर युक्त नहीं होती। इनके बनने के पीछे निम्न कारण हो सकते हैं – 

  • संक्रमण
  • आघात
  • Fibroadenoma 
  • Cyst 
  • Fibrocystic Breasts 
  • Fat Necrosis 
  • चोट लगने के कारण 

महिलाओं के मासिक धर्म चक्र के कारण हार्मोनल बदलाव के कारण भी स्तनों पर फर्क पड़ सकता है। हालांकि इसके अतरिक्त भी कई कारण ऐसे जिनसे स्तन में गाँठ बन सकती है। स्तन की गांठें सबसे अधिक महिलाओं में देखने को मिलती है, जबकि ये पुरुषों में भी हो सकती है और होती है। यदि आप स्तन गाँठ का अनुभव करते है, तो आपको जल्दी ही इसका पूरा मूल्यांकन करना चाहिए कि यह किस कारण से है। 

स्तन गांठ के कारण – (Breast Lump Causes In Hindi) 

स्तन में गाँठ का बनना उम्र की प्रक्रिया के रूप शारीरिक बदलाव के कारण होता है लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि की यह सिर्फ सामन्य ही हो। 

यदि हम महिलाओं के स्तनों की बात करे तो महिला के स्तन में विभिन्न प्रकार के ऊतक (Tissue) होते हैं।  दो मुख्य प्रकार की दूध ग्रंथियां होती है , जहां दूध बनाया जाता है, और दो दूध नलिकाएं, या ट्यूब जो दूध को निप्पल तक पहुंचाती है। 

अब समझने वाली बात यह है कि कार्य के आधार पर महिलाओं के स्तनों के ऊतकों की संचरना अलग अलग होती है। जैसे ही यदि महिला स्तन पान कराती है तब उसके स्तन अलग प्रकार के आकार में होंगे और जब नहीं कराती तब अलग। दोनों ही स्थितियों के अन्तर को देखा और महसूस किया जा सकता है कि दोनों स्थितियों में स्तन कितने अलग होते हैं। 

स्तन में रेशेदार संयोजी ऊतक, वसायुक्त ऊतक (Fatty Tissues) , नसें, रक्त वाहिकाएं और लिम्फ नोड्स भी होते हैं।

अब जब हमारे शरीर में रासायनिक बदलाव होते है, तो उसका प्रभाव स्तन के हर ऊतक पर अलग अलग पड़ता है। ये सभी बदलाव स्तनों की बनावट को और मास को बदलते है। कहा जा सकता कि स्तनों के यह बदलाव स्तन की गाँठ को बना सकते हैं। 

स्तन में गाँठ पड़ने के प्रमुख कारण – 

  • रसीली चर्बी 
  • स्तन कैंसर 
  • अल्सर 
  • एडेनोमा या फाइब्रोएडीनोमा
  • संक्रमण 
  • फोड़ा 
  • चोट 

कुछ स्तन की गांठों में एक सीमा महसूस होती है जबकि कुछ मोटे ऊतकों का ढेर जैसी होती है। 

गैर-कैंसरयुक्त स्तन गांठ

गैर कैंसर युक्त स्तन गाँठ की बनावट काफी अलग होती है और इसे विशेषज्ञों द्वारा आसानी से पहचाना जा सकता है। गाँठ का आकार, अनुभव और बनावट यह सब देखकर काफी कुछ पता लगाया जा सकता है कि गांठ किस प्रकार की है। 

स्तन पुटी (Breast Cysts In Hindi) 

Breast Cyst को ही स्तन पुटी कहा जाता है जो स्तन में एक कोमल,  थैली होती है जिसमें गैर कैंसर युक्त द्रव्य भरा हुआ होता है। आपको हाथ से छूने से पता चलेगा कि यह आपकी त्वचा के नीचे चिकना और कुछ कुछ रबड़ जैसा अनुभव कराएगा। कई बार यह ब्रेस्ट Cyst बेहद दर्दनाक होती है और कई बार बिना दर्द के होती है। देखने में या महसूस करने में यह आपको स्तन की गाँठ जैसा ही अनुभव कराती है। 

अधिकतर ब्रेस्ट Cyst जवान महिलाओं में देखने को मिलते है इसीलिए 50 साल से ऊपर की महिलाओं में ब्रेस्ट पूटी दुर्लभ है। ब्रेस्ट Cysts होने का मुख्य कारण अभी तक ज्ञात नहीं हो पाया है, लेकिन माना जाता है कि मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण ही स्तन पुटी बन जाती है। 

Cysts आकार में किसी भी प्रकार के हो सकते हैं, कई बार इनका आकार अल्ट्रासाउंड स्कैन पर दिखाई देने लायक होता हैं, 2.5 से 5 सेंटीमीटर के बीच हो सकते हैं। अधिकतर यह छोटे छोटे होते हैं लेकिन कई बार स्तन ऊतकों पर दबाव के कारण असहज महसूस कराने वाले बड़े Cyst भी हो सकते हैं। 

यदि स्तन की फैट से भरी हुयी तेल की ग्रंथियां अवरुद्ध हो जाए तब भी फैट से बनी हुए स्तन की गाँठ (Cyst) अनुभव हो सकता है। आपके स्तन की त्वचा के नीचे वसायुक्त थैली बन सकती है। यदि आपको कोई चोट लगती है या हार्मोन के बदलाव के कारण यह बड़ी भी हो सकती है। 

फैट से बनी हुयी गाँठ (Cyst) को किसी उपचार की आवश्यकता नहीं होती लेकिन यदि ये बेहद दर्दनाक है तो इन्हें बाहर निकाला जा सकता है। 

नॉर्मल Cysts(पूटी) 

नॉर्मल सिस्ट तरल वसायुक्त पदार्थों से भरी हुई एक थैली होती हैं जो आमतौर पर आपके दोनों स्तनों  को प्रभावित कर सकती हैं। साधारण Cysts का आकार भिन्न हो सकता हैं। उनकी कोमलता और आकार अक्सर आपके मासिक धर्म के साथ बदलते हैं।

इस तरह की Cyst का उपचार डॉक्टरों द्वारा सुई लगा कर किया जाता है। यह सर्जरी बिल्कुल भी नहीं है इस उपचार के दौरान आपका डॉक्टर गांठ के आसपास के क्षेत्र में एक सुई लगाएगा। यदि गांठ एक पुटी है, तो वे Injection के माध्यम से Cyst में मौजूद पूरा द्रव को चूस लेंगे और पुटी खत्म हो जाएगी ।  हालांकि इस प्रकार के सिस्ट अपने आप भी ठीक हो सकते है। कई बार डॉक्टर कुछ ना करके इन्तेज़ार करने की सलाह भी दे सकते हैं। 

फाइब्रोसिस्टिक परिवर्तन 

मासिक धर्म के चक्र के कारण हार्मोन में हुए परिवर्तन के कारण फाइब्रोसिस्टिक परिवर्तन होते है, जिसमें आपके दोनों स्तनों में गाँठ बन जाती है। ये गांठें मासिक धर्म से पहले होती है इनका आकार उसी समय बढ़ता है। छूने पर कोमल महसूस होती है, और यह जगह से खिसकाने योग्य होती है। इस दौरान आपके निप्पल से डिस्चार्ज भी निकलता है। 

फाइब्रोसिस्टिक परिवर्तन के कारण होने वाली गांठें आपके स्तनों की दूध नलिकाओ और उनके आसपास के ऊतक होती है। यह ऊतक Cyst बनाने के लिए बड़े और चौड़े होने लगते हैं। यह Cyst तब ज्यादा वृद्धि करती है जब आपके मासिक धर्म के हार्मोन बदलाव करते हैं। 

स्तन के फोड़े 

स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तनों में फोड़े होने की संभावना अधिक होती है। आम तौर पर ये bacteria संक्रमण के कारण होते है, जिसमें गाँठ की आसपास की त्वचा लाल होती है। छूने पर यह आपको गर्म और ठोस महसूस होगी। बेशक स्तन के फोड़े दर्दनाक और गैर कैंसर युक्त होते हैं। 

ग्रंथ्यर्बुद (Adenoma) 

एडेनोमा या ग्रंथ्यर्बुद स्तनों की ग्रंथियों के ऊतकों की असमान्य वृद्धि के कारण होती है। स्तनों में होने वाले Fibroadenomas सबसे ज्यादा आम प्रकार के एडेनोमा है। Fibroadenomas अधिकांश 30 वर्ष तक की महिलाओं में अधिक देखे जा सकते हैं लेकिन यह 50 बर्ष वाली महिलाओं को भी हो सकते हैं।  (1) 50% संभावना है कि वे कभी स्तन कैंसर नहीं होते। असल में Fibroadenomas कैंसर होते ही नहीं है और अपने आप ही चले जाते हैं। फाइब्रोएडीनोमा आमतौर पर चिकनी सीमाओं के साथ गोल, रबड़ जैसी और दृढ होते हैं। फाइब्रोएडीनोमा को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाया जा सकता है।

इंट्राडक्टल पेपिलोमा (Intraductal papillomas) 

स्तन की नलिकाओं में होने वाली मस्सा जैसी वृद्धि को Intraductal papillomas कहा जाता है। इसके कारण भी स्तन में गाँठ पड़ जाती है। इस तरह की स्तन गाँठ आपके स्तन के निप्पल के नीचे होती है। कभी कभी उनमें से खून भी निकलता है। आम तौर पर यह यौवन पर ही होती है लेकिन एक या दो बार रजोनिवृत्ति के करीब पहुचने वाली महिलाओं को भी हो सकती है। यह गैर कैंसर युक्त होती है। 

फैट नेक्रोसिस और लिपोमा

FAT Necrosis तब होता है जब आपके स्तन के भीतर फैट से भरा हुआ ऊतक फुट जाता है और उसमें से फैट बाहर आजाता है जिससे कारण स्तन में गाँठ बन जाती है। इससे बनने वाली गाँठ पूरी तरह गैर कैंसर युक्त होती है। लेकिन यह दर्द देने वाली होती है, गाँठ ऊपर डिम्पल में से फैट का रिसाव भी हो सकता है। या फिर आपके स्तन की निप्पल में से कुछ डिस्चार्ज निकल सकता है। 

Lipoma एक सोफ्ट और गैर कैंसर युक्त स्तन गाँठ है जो पूरी तरह से हिल सकती है और इसमे कोई दर्द नहीं होता। असल में यह एक सॉफ्ट फैट से भरा हुआ ट्यूमर है। डॉक्टर इस गाँठ को हटाने से पहले यह पुख्ता करते है कि आखिर यह क्या है इसलिए वे बायोप्सी (biopsy ) कर सकते हैं। biopsy के दौरान किसी औजार के माध्यम से आपके स्तन की गाँठ का छोटा सा टुकड़ा sample निकाला जाता है जिसकी जाँच होती है और जाँच में सारी चीजें साफ हो जाती है। 

कैंसर युक्त स्तन गाँठ – (Cancerous Breast Lump In Hindi) 

कैंसर युक्त स्तन गाँठ, वास्तविकता में सबसे अधिक चिंता का विषय है। स्तन कैंसर से होने वाली गाँठ या ट्यूमर सख्त और हिलने वाले नहीं होते। इसका कोई आकार नहीं है यह आपके स्तन पर अनियमित आकार के साथ ऐसा महसूस कराएगा की ये स्तन के ऊतकों से भीतर से जुड़ा हुआ है इसीलिए यह हिलता डुलता नहीं है। 

स्तन कैंसर से बनने वाली गाँठ आमतौर पर बिना दर्द के होती है, खासकर इसके शुरुआत शुरुआती दौर में यह बिल्कुल भी दर्द नहीं करती। स्तन कैंसर की गाँठ स्तन के किसी भी हिस्से में हो सकती है, यहा तक कि आपकी निप्पल के ऊपर भी। 

स्तन में होने वाली कैंसर युक्त गांठ जब बड़ी हो जाती है तब यह दर्द कर सकती है। धीरे-धीरे वे अपने आसपास के क्षेत्र को संकुचित करने लगती है, और अल्सर और बड़ा ट्यूमर का रूप ले लेते हैं। 

स्तन की गांठें कितने प्रतिशत कैंसर हो सकती है? 

आम तौर पर स्तन की गांठें चिन्ताजनक नहीं होती क्योंकि यह युवावस्था में हार्मोनल बदलाव के कारण होने वाली आम प्रक्रिया का हिस्सा है। लेकिन फिर भी लगभग 20% मामलों में, स्तन की गांठ कैंसर होती है। 

क्या स्तन की गाँठ संक्रमण है? 

Mastitis महिलाओं के स्तनों में होने वाला आम संक्रमण है जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अधिक होता है। कभी कभी आप अपने स्तन में दर्दनाक गांठ का अनुभव करते है जिसकी आसपास की त्वचा लाल होती है। 

इस तरह का संक्रमण तब होता है, जब स्तनपान कराने वाली महिला के निप्पल के माध्यम से बैक्टीरिया स्तन नलिकाओं (Mammary Gland) में प्रवेश करते हैं। धीरे धीरे यह कोमल और गर्म गाँठ के रूप में महसूस होने लगती है। 

स्तनों में होने वाले संक्रमण से राहत के लिए आप गर्म पानी से नहाए और गर्म पानी को स्तनों पर बहने दे। आप चाहे तो गर्म कपड़े से स्तनों की सिकाई करे ।आराम ना मिलने पर डाक्टर से संपर्क करे और वह आपको एंटीबॉयोटिक दवाई लिख देगा। 

स्तन में गाँठ पड़ने के लक्षण मिलने पर क्या करना चाहिए? 

स्तन गांठ : कारण, लक्षण और उपचार

स्तन हमारे शरीर का प्रमुख हिस्सा है और इनमे होने वाले बदलावों को हम आसानी से चिन्हित कर सकते है। इसलिए जब भी आप अपने स्तनों में कुछ बदलाव महसूस करे तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से मिले। स्तनों में होने वाले लक्षणों पर गौर करे – 

  • कोई भी गांठ या पूरे स्तन पर कोई ऐसी जगह जो अलग से उभरी हुयी है, भले ही उसका आकार कोई भी हो। 
  • स्तनों, अंडरआर्म या उसके आस-पास के क्षेत्र में किसी गांठ या मोटा क्षेत्र जो आपके मासिक धर्म के दौरान रहता है। 
  • स्तनों के आकार में परिवर्तन, या फिर निप्पल का मुड़ जाना। 
  • मटर जैसे आकार की एक द्रव्यमान गांठ। यह गांठ आपकी त्वचा के नीचे संगमरमर जैसा चिकना महसूस करा सकता है।
  • निप्पल में से खूनी पदार्थ या कुछ भी साफ निकलना। 
  • आपके स्तन या निप्पल की त्वचा कैसी दिखती है या महसूस होती है, इसमें बदलाव कितना है? उसपर डिंपल पड़ना, सख्त हो जाना , स्केली, या सूजन हो जाना।
  • निप्पल या स्तनों पर लाल त्वचा हो जाना। 
  • मासिक धर्म के बाद भी आपके स्तनों की गाँठ नहीं जाती। 
  • यदि आपका निप्पल उल्टा हो जाता है जो पहले नहीं था। 
  • स्तनों में बिना किसी कारण से चोट लगने पर। 

ऊपर बताये गये लक्षणों के कई मामलों में चिंताजनक नहीं होते, लेकिन फिरभी हमारा स्वास्थ्य सर्व प्रथम है। और इस तरह के मामलों में लापरवाही बरतना बेवकूफी है। इसीलिए ऊपर बताये गये किसी भी लक्षण को आप महसूस करती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे। 

स्तन की गाँठ को डॉक्टर को दिखा कर आगे क्या हो सकता है? 

जब आप डॉक्टर के पास जाकर अपनी गाँठ के बारे में बताते है तो वह आपसे पूछेगा की आपने गाँठ का अनुभव कबसे किया यानी कि गांठ कबसे है? इसके बाद वह कोशिस करेगा कि वह लक्षणों के आधार पर आपकी गांठ किस प्रकार की है यह समझ पाये।  वे स्तनों की शारीरिक जांच भी करेंगे।

यदि आपका डॉक्टर गांठ के कारण की पहचान नहीं कर पाया , तो वह अतिरिक्त परीक्षण का आदेश दे सकता है। 

स्तन मैमोग्राम

मैमोग्राम एक एक्सरे है जो स्तनों में मौजूद किसी भी तरह की अस्थिरता को देख सकता है। मैमोग्राम स्तन की गाँठ को समझने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक्सरे  स्तन की असामान्यताओं की पहचान करने में सक्षम है। 

स्तन अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) 

यह एक दर्द रहित प्रक्रिया है, जिससे शरीर के अंदर के किसी भाग को देखा जा सकता है। ध्वनि तरंगों के माध्यम से, यह स्तनों की तस्वीरें दिखाता है। Ultrasound काफी लोकप्रिय जाँच है, यह जाँच गर्भवती महिलाओं के शिशु का लिंग पता करने के लिए भी जाती है, लेकिन अब सरकार ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया है। 

स्तन MRI – चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging – MRI) 

MRI शरीर की अंदरुनी हिस्सों की चोट को देखने के लिए भी की जाती है। यह परीक्षण आपके स्तन की विस्तृत तस्वीरें लेने के लिए चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करती है।

Fine-Needle Aspiration 

स्तन गांठ : कारण, लक्षण और उपचार

यह प्रक्रिया दर्दनाक है लेकिन डॉक्टर आपको दर्द का एहसास नहीं होने देते। इस प्रक्रिया में एक बेहद पतली सुई स्तनों को भेदते हुयी भीतर जाती है, इसके साथ ही Ultrasound की मदद से स्तन के भीतर भी देखा जा सकता है। स्तन को देखते हुयी पतली सुई स्तन के भीतर जाकर Cyst को या गाँठ को फोड़ देता है और उसका सारा द्रव्य बाहर निकल जाता है। इस प्रक्रिया से गैर कैंसर युक्त स्तन गांठों को हटाया जा सकता है। 

यदि स्तन की गाँठ के फुट ने पर निकलने वाला तरल द्रव्य खून से भरा होता है तो नमूने की जाँच कैंसर कोशिकाओं के लिए एक प्रयोगशाला द्वारा कराया जाता है। 

ब्रेस्ट बायोप्सी (Breast biopsy) 

बायोप्सी कई प्रकार की होती है, लेकिन सभी प्रकारों में स्तन की गाँठ का नमूना लिया जाता है। इस प्रक्रिया में सुई के माध्यम से स्तन की गाँठ का नमूना लिया जाता है और उसे जांच के लिए भेजा जाता है। biopsy के प्रकार – 

महीन सुई आकांक्षा बायोप्सी – 

इस प्रकार की biopsy में बिल्कुल ही महीन सुई का उपयोग करके स्तन की गाँठ का नमूना लिया जाता है। 

कोर सुई बायोप्सी – 

स्तन गांठ : कारण, लक्षण और उपचार

इस तरह की biopsy में एक अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जाता है। स्तन के ऊतक का नमूना प्राप्त करने के लिए एक बड़ी सुई का उपयोग किया जाता है। 

सर्जिकल बायोप्सी (आकस्मिक बायोप्सी) –

स्तन में से सिर्फ गांठ का हिस्सा हटा दिया जाता है। 

स्टीरियोटैक्टिक बायोप्सी – 

इस biopsy में मैमोग्राम का उपयोग भी लिया जाता है और स्तन के विभिन्न कोणों से लिए गए चित्रों को देखकर सुई की मदद से स्तन के ऊतक का नमूना लिया जाता है। 

वैक्यूम-असिस्टेड बायोप्सी –

स्तन में एक चीरा लगा कर वैक्यूम डाला जाता है और Ultrasound के मार्गदर्शन में स्तन की गाँठ का नमूना खीच लिया जाता है। 

सर्जिकल बायोप्सी (एक्सिसनल बायोप्सी) – 

स्तन की पूरी गांठ,को आसपास के ऊतकों के साथ, पूरी तरह हटा दिया जाता है। 

स्तन गांठ के लिए उपचार 

स्तन में गाँठ होना अच्छा नहीं है लेकिन उपचार कराने से पहले आपको डॉक्टर से यह सलाह लेनी चाहिए कि क्या यह अपने आप ठीक हो सकती है? उसके बाद भी उपचार के बारे में सोचे क्योंकि अधिकाँश स्तन की गांठें हानिरहित और गैर कैंसर युक्त होती है, जो अपने आप ठीक हो सकती है ।

यदि आपका डॉक्टर गाँठ को निकालने की सलाह देता है तब ही आप अपना उपचार आगे बढ़ाए। स्तन की गाँठ का इलाज कई तरह से किया जा सकता है। आज के समय में विज्ञान और तकनीक इतनी आगे है कि किसी भी तरह की सर्जरी बेहद आसानी से हो जाती है। 

यदि आपको स्तन में संक्रमण है, तो आपका डॉक्टर संभवतः इसका इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक्स दवाइयाँ लिखेगा। यदि आपके स्तनों में एक पुटी (Cyst) है, तो डॉक्टर इसके तरल पदार्थ को बाहर निकाल लेंगे।  आमतौर पर, सिस्ट सूख जाने के बाद पूरी तरह चले जाते हैं। कुछ मामलों में, Cysts का इलाज करने की आवश्यकता नहीं होती है और वे अपने आप ही गायब हो सकते हैं।

लेकिन यदि आपकी स्तनों की गाँठ कैंसर युक्त है, तो इसके लिए निम्न उपचार किए जा सकते हैं – 

  • लम्पेक्टोमी (lump को हटाना) , या गांठ को सर्जरी करके हटाना। 
  • मास्टेक्टॉमी, Mastectomy में आपके स्तन के ऊतकों को सर्जरी के माध्यम से हटा दिया जाता है। कभी कभी पूरा स्तन भी हटाया जा सकता है।
  • कीमोथेरेपी, दवाओं के आधार पर कैंसर का इलाज और उसे नष्ट करना। 
  • विकिरण अर्थात्‌ Radiation स्तन के कैंसर के इस इलाज में , कैंसर से लड़ने के लिए रेडियोधर्मी सामाग्री और किरणों का उपयोग किया जाता है। 

लम्पेक्टोमी – Breast lumpectomy Treatment In Hindi 

लम्पेक्टोमी अर्थात्‌ Lump को हटाने के लिए सर्जरी की सहायता लेना। कैंसर युक्त स्तन की गाँठ को पूरी तरह बाहर निकालने के लिए इस प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। लम्पेक्टोमी के दौरान मरीज़ पूरी तरह बेहोशी के हालत में होता है। मरीज़ की बेहोश करने के  लिए उसे अन्य किस्म के injection दिए जाते हैं ।

स्तन की गाँठ निकालने से पहले डॉक्टर आपके स्तन में एनेस्थीसिया का injection भी लगाते है ताकि आपको किसी प्रकार का दर्द का अनुभव ना हो। इसके बाद महिला के स्तन में जरुरत अनुसार कट लगाया जाता है, जो कि सर्जरी का अहम हिस्सा है।

 इसी कट के माध्यम से आपके स्तन से कैंसर युक्त ऊतकों को बाहर निकाल लिया जाता है। इतनी प्रक्रिया होने के उपरांत स्तन में अच्छे और सेहतमंद ऊतकों को वापस डाला जाता है ताकि स्तन को कोई नुकसान ना पहुंचे। बाद में स्तन के कट को बंद करने की प्रक्रिया होती है।

 सबसे आखिरी में स्तन के आकार को सुनिश्चित किया जाता है। इस तरह से कैंसर युक्त स्तन की गाँठ को निकाला जा सकता है। यह प्रक्रिया आपको पेचीदा लग सकती है लेकिन यह बिल्कुल आसानी से होने वाला इलाज है जो पूरी तरह सफल होता है। 

लम्पेक्टोमी कराने में कितना खर्चा आता है? 

भारतीय लोग अफवाहों पर यकीन जल्दी कर लेते है और खुद जानकारी लेना पसंद नहीं करते। यदि आप स्तन कैंसर की गाँठ से पीड़ित है तो आप इसे आसानी से ठीक कर सकते है ।आपका उपचार बेहद समान्य ढंग से किया जाता है जिसमें आपका लगभग 55 से 60 हजार तक का खर्चा आ सकता है। 

यह खर्चा भारत की राजधानी दिल्ली के अनुसार है। इसलिये आप स्तन कैंसर से घबराए नहीं बल्कि इसका इलाज सम्भव है, समय पर इलाज ले और स्वस्थ्य रहे क्योंकि जीवन अनमोल है।

स्तनों को स्वस्थ्य कैसे रखे? 

योग – 

आप खास स्तनों को स्वस्थ रखने के लिए 2 आसन योग कर सकते हैं। यह योग आपके स्तनों को बीमारियों से ग्रस्त होने से बचाते है । सिर्फ यही नहीं योग के द्वारा आपके स्तनों का ढीलापन, दूर किया जा सकता है और उन्हें चुस्त और सुडौल बनाया जा सकता है। 

स्वस्थ्य आहार – 

स्वस्थ आहार स्वस्थ्य स्तनों की कुंजी है, आपका आहार आपके स्तनों के हर पहलू को प्रभावित करता है इसीलिए पोषकता से भरपूर भोजन करे जिसमें हरि पत्ते वाली सब्जियाँ, शामिल हो। अधिक बसा युक्त, तैलीय और रखा गया खाना खाने से बचे। 

सही ब्रा का चुनाव – 

महिलाओं को अपने स्तनों को स्वस्थ्य रखने के लिए जरुरी है कि वे अपने लिए एक सही ब्रा का चुनाव करे। आपके ब्रा का size आपके स्तनों के स्वास्थ को प्रभावित कर सकता है। रात को सोते समय ब्रा उतार कर सोये। 

मादक पदार्थों का सेवन कम करे या पूरी तरह बंद करे- 

कैंसर का प्रमुख कारण धुम्रपान करना या तंबाकू उत्पादों का सेवन है। यदि आप इस तरह के किसी व्यसन में लिप्त है तो आपको इन्हें कम करके छोड़ देना चाहिए। वही शराब गंजा, charas, smack इत्यादि नशे भी आपके स्तन स्वास्थ्य को प्रभावित करके उनमे कैंसर युक्त गाँठ का विकास कर सकते हैं। 

मोटापा – 

मोटापा एक बड़ी बीमारी के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। आज की श्रम रहित दुनिया में कोई भी व्यक्ति शरीरिक श्रम नहीं करना चाहता और फैट युक्त आहार का सेवन करके वह अंदर से खोखला और ऊपर से मोटा होता जा रहा है। 

विशेषज्ञ मानते है कि मोटा व्यक्ति बीमारियों का घर होता है। किए गए कुछ शोध भी इस बात की पुष्टि करते है। स्तन की गांठें उन लोगों में अधिक देखी गयी जो मोटे है। इसलिए स्वस्थ्य आहार करे और व्यायाम करके खुद को स्वस्थ रखे। 

गर्भनिरोधक दवाइयाँ – 

सम्भोग के चक्कर में आप बार बार गर्भ निरोधक गोलियों और दवाइयों का सेवन करते है जिससे आपके शारीरिक हार्मोन में बड़ा बदलाव हो सकता है नतीजतन आपके स्तनों में गाँठ की संभावना अधिक हो जाती है। इसलिये condom का उपयोग करे, गर्भनिरोधक दवाइयाँ आपके लंबे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है हो सकता है कि इनके सेवन से आप दुबारा कभी माँ नहीं बन सके। 

अपने स्तनों को गाँठ से सुरक्षित रखने के लिए ऊपर दिए गए उपायों को अपनाने के साथ ही साथ आपको सही दिशानिर्देश की आवश्यकता होती है। निरंतर डॉक्टर के पास जाकर अपना cheak up कराते रहे ।यदि आप अपने स्तनों में अक्सर गाँठ पाते है, तो समय समय पर अपना चेक उप कराते रहे डॉक्टरों द्वारा जांच की जाएगी और वे आपको उचित सलाह देंगे । 

अमेरिकन कैंसर सोसाइटी कहती है कि 45 से 54 वर्ष की महिलाओं को स्तन कैंसर का औसत जोखिम होता है इसलिए उन्हें सालाना मैमोग्राम करवाना चाहिए ।  55 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाएं हर दूसरे वर्ष मैमोग्राम करवा सकती हैं या वार्षिक स्क्रीनिंग परीक्षण जारी रख सकती हैं।  40 से 44 साल की महिलाएं सालाना मैमोग्राम शुरू कर सकती हैं।

वही यदि आपको स्तन कैंसर का अधिक जोखिम है तो आप सालाना Mammogram करवाया करे। स्तन की गाँठ चाहे गैर कैंसर युक्त हो या कैंसर युक्त जरुरी है कि आप समय रहते डॉक्टरों से परामर्श करके उन्हें अपनी स्थिति से अवगत कराये। 

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल – 

प्रश्न – क्या पुरषों के स्तनों में गाँठ हो सकती है? 

उत्तर – जी हाँ! पुरषों में स्तन की गाँठ आम है लेकिन यह अक्सर गैर कैंसर युक्त होती है और यह किशोरावस्था के शुरुआती लक्षणों में है जिसमें दोनों स्तनों की निप्पल पर गाँठ अनुभव होती है और बाद में यह बिना किसी उपचार के ठीक हो जाती है। कई बार यह दर्दनाक होती है और कभी बिना दर्द वाली भी हो सकती है। पुरषों के स्तन में गाँठ की स्थिति को गाइनेकोमास्टिया (Gynecomastia) कहते है। 

प्रश्न – क्या चिंता या तनाव स्तनों की गाँठ का कारण या कैंसर बन सकती है? 

उत्तर – चिंता और चिता में सिर्फ एक बिंदु का फर्क है, इसीलिए तनाव और चिंता हमारे शरीर के हर विकार के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। यदि हमारा मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है तो पूरी संभावना है कि आप शारीरिक रूप से भी स्वस्थ्य होंगे। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ्य रखने के लिए हमे दोनों ही प्रकार के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के आवश्यकता है। 

प्रश्न – स्तन कैंसर से ग्रस्त होने के बाद बिना किसी इलाज के कितने वर्ष तक जिवित रहा जा सकता है? 

उत्तर – जीवन और मरण पर उपरवाले का नियंत्रण है लेकिन यदि आप स्तन कैंसर का इलाज नहीं करते तो संभावना है कि 5 से 6 वर्ष में मरीज़ की म्रत्यु हो जाती है। स्तन कैंसर का इलाज सम्भव है और कम दामों में किया जा सकता है इसलिए घबराए नहीं और इलाज ले। 

प्रश्न – स्तन कैंसर की शुरुआती स्टेज में chemotherapy सफल है या असफल? 

उत्तर – अधिकतर सफल है, chemotherapy में दवाइयों द्वारा कैंसर को नष्ट किया जाता है। 

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By Nihal chauhan

मैं Nihal Chauhan एक ऐसी सोच का संरक्षण कर रहा हू, जिसमें मेरे देश का विकास है। में इस हिंदुस्तान की संतान हू और मेरा कर्तव्य है कि में मेरे देश में रहने वाले सभी हिंदुस्तानियों को जागरूक करू और हिंदी भाषा को मजबूत करू। आपके सहयोग की मुझे और हिंदुस्तान को जरुरत है कृपया हमसे जुड़ कर हमे शेयर करके और प्रचार करके देश का और हिंदी भाषा का सहयोग करे।

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