Acidity ko Kam Karne Ke Gharelu Upay एसिडिटी एक ऐसा विकार है, जो पूरी तरह से स्वस्थ्य रहने वाले इंसान को भी ग्रस्त कर सकती है। इंसानो के पाचन तंत्र से जुड़ी हुई यह सबसे प्रमुख आम समस्याओ में से एक है। एसिडिटी होने के पीछे, कई बार खान पान से संबंधित कारण होते है और कभी कभी यह बिना किसी कारण के भी, हमारे दैनिक काम काज को अस्त व्यस्त करती है।
आम तौर पर लोग Acidity को कम करने में के लिए, मेडिकल पर मिलने वाली Antacid गोलियों या पाउडर का उपयोग करते हैं। लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के लिए उतना फायदेमंद भी नहीं है, और इससे एसिडिटी को पूरी तरह से से ठीक नहीं किया जा सकता। (Acidity ko Kam Karne Ke Gharelu Upay)
मेडिकल पर मिलने वाली Antacid गोलियां और पाउडर आपके स्वास्थ्य को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। हालांकि मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध ये गोलियां एसिडिटी, पेट का भारीपन, और अपच आदि से तुरंत राहत देती हैं लेकिन लंबे समय में आपके पाचन तंत्र को बुरी तरह कमजोर कर देती हैं और कई तरह के दुष्प्रभाव पैदा करती हैं। तो, क्या Acidity का कोई सुरक्षित उपाय है? एसिडिटी को प्राकृतिक रूप से कैसे कम करें?
जी हाँ, बिल्कुल है यदि हम सदियों पुराना आयुर्वेदिक चिकित्सा का विज्ञान खोल कर देखे तो हमे Acidity को प्राकृतिक रूप से, बिना किसी दुष्प्रभावों के कम किया जा सकता है। भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में यूँ तो लगभग हर रोग का इलाज बताये गये है, लेकिन आज उन्हें समझने वाला कोई नहीं है इसलिए जानकारी के अभाव में लोग आयुर्वेद के उपचारों का फायदा नहीं उठा पाते। (Acidity ko Kam Karne Ke Gharelu Upay)
आयुर्वेद में आपकी पेट की समस्याओं के लिए विभिन्न समाधान हैं ‘पेट के एसिड को प्राकृतिक रूप से कम करने के लिए आयुर्वेद में शक्तिशाली जड़ी-बूटियां और उपचार हैं। जो न केवल आपके एसिडिटी के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं बल्कि आपके पाचन तंत्र को भी मजबूत करते हैं।
यदि इंसान प्राकृतिक या आयुर्वेद के उपचारों को चुनें तो निश्चित रूप से मजबूत और स्वस्थ्य जठराग्नि (पाचन शक्ति) को पाया जा सकता है। (Acidity ko Kam Karne Ke Gharelu Upay)
एसिडिटी को कम करने के 8 आयुर्वेदिक उपचार –
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में कई एसिडिटी को कम करने के लिए कई घरलू उपाय बताये गये हैं। यह उपचार आसानी से उपलब्ध प्राकृतिक सामाग्री से किए जा सकते हैं। Acidity के आयुर्वेदिक उपचार ना सिर्फ आर्थिक रूप से सस्ता है बल्कि सबसे अधिक प्रभावी और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने वाला है।
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नारियल पानी –
नारियल पानी का सेवन पेट की अम्लता को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण उपाय है। नारियल पानी एक तरफ आपकी पानी की कमी को दूर करता है तो दूसरी ओर यह Acidity को तत्काल प्रभाव से कम करने के लिए सुरक्षित और फायदेमंद है । (Acidity ko Kam Karne Ke Gharelu Upay)
नारियल पानी में प्राकृतिक पोटेशियम Electrolytes भरपूर मात्रा में होते है, जो हमारे पेट के pH को बराबर करने के लिए उपयोगी होते हैं। इसके अतरिक्त नारियल के पानी में कई ऐसे पोषक तत्व होते है जो आपके पाचन क्रिया को बेहतर और सुचारु बनाते हैं। नारियल पानी मष्तिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर माना जाता है।
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ऐलोवेरा रस (जूस)
विभिन्न प्रकार के शारीरिक फायदों के लिए उपयोग किए जाने वाला ऐलोवेरा का रस आपके पेट की अम्लता को कम करने में सहायक होता है। Acidity खत्म करने के साथ ही साथ ऐलोवेरा आपकी त्वचा को साफ और चमकदार बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
ना सिर्फ आपकी त्वचा को फायदा पहुंचाता है, बल्कि यह पेट में होने वाली विभिन्न क्रियाओं को सुचारू रखने के लिए उपयोगी है। आपको प्रतिदिन सुबह खाली पेट ऐलोवेरा का रस पीना चाहिए इससे आपको कभी भी Acidity जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बहुत अधिक खाने से बचे –
पेट की अम्लता को कम करने या पेट में पित्त के गठन को संतुलित करने का एक बहुत ही आम और सबसे सरल तरीका यही है कि आप बहुत अधिक खाने से बचें। कम खाने के पीछे एक सबसे सिद्ध सिद्घांत यह है कि जब आप अपने पेट को थोड़ा खाली रखते है तो पेट में खाना ठीक तरह से पच पाता है।
जब आप अधिक भोजन कर लेते है तो पाचन के उपयोग किया जाने वाला प्राकृतिक Acid पेट के बाहर निकलता है जिससे आपको Acidity का अनुभव होता है।
इसलिए हमेशा पेट को थोड़ा खाली रखे। पेट में जो खाना है उसे पचने के लिए पर्याप्त समय दे उसके बाद ही दुबारा भोजन का विचार करे। यह कुछ ऐसे कारण है जिन्हें आप नजरअंदाज नहीं कर सकते यदि आपने ऐसा किया तो कोई भी दवा आपको Acidity से मुक्त नहीं कर पाएगी।
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ताजा और प्राकृतिक भोजन खाएं
खाने की गुणवत्ता आपकी पेट की अम्लता को नियंत्रित या अनियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार हो सकती है। यदि आप एक या दो दिन पुराना खाना खाते है तो संभावना है कि आप एसिडिटी से ग्रसित हो जाए। आयुर्वेद में दो मुख्य तरह के आहारो का वर्णन मिलता है – तामसिक आहार और दूसरा सात्विक आहार।
सात्विक आहार स्वस्थ्य आहार है, जो देवताओं द्वारा किया जाता है। सात्विक आहार में शुद्घ कम तेल या बिना तेल के प्राकृतिक अहार है। तामसी आहार राक्षसों द्वारा किया जाता है जिसमें मास, अधिक तेल, Fragmented (किण्वित) आहार, अधिक फैट युक्त भोजन होता है।
तामसिक आहार करने से आपके शरीर को कई बीमारियों से ग्रसित होना पड़ता है वही सात्विक आहार से आप स्वस्थ और रोग मुक्त रहते हैं। कहा जाता है कि जो इंसान जैसा आहार करता है उसका मन वैसा ही हो जाता है।
आज के समय के अनुसार लहसुन, टमाटर, चॉकलेट, बहुत अधिक मसालेदार खाना , चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड या मादक पेय (शराब, बीयर) जैसे तत्व एसिडिटी को ट्रिगर करने के लिए जाने जाते हैं। (Acidity ko Kam Karne Ke Gharelu Upay)
यदि आपको एसिडिटी जल्दी होती है तो आपको अधिकतर इस प्रकार के खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए। आपको फास्ट फूड, डिब्बाबंद खाना , कई दिनों से packing में रखे हुए खाने को नहीं खाना चाहिए।
प्राकृतिक आग्रहों को दबाएं नहीं –
प्राकृतिक आग्रह अर्थात् हमारे शरीर से कई तरह के प्राकृतिक आग्रह आते है जैसे कि डकार, गैस, जम्हाई, पेशाब, मल त्याग, और छींकना जैसे प्राकृतिक इच्छाओं को बिल्कुल भी रोकना या दबाना नहीं चाहिए।
यहां तक कि आपको रोने से भी नहीं रोकना चाहिए, जब आप प्राकृतिक आग्रहों को रोकते है तो इसका दुष्प्रभाव शरीर को उठाना होता है। ऐसा करने से पेट में पित्त अवरुद्ध हो जाता है और कब्ज, अपच, एसिडिटी जैसे कई विकार हो जाते हैं।
ठंडा दूध
ठंडे दूध को एसिडिटी कम करने का शर्तिया उपचार माना जाता है। यदि आप खट्टी डकार और अम्लता से तंग आ गए तो तो उसी समय आपको ठंडा दूध पानी मिलकार पी लेना चाहिए। 20 मिलीलीटर ठंडे दूध को आधा गिलास पानी में मिलाकर पीने से एसिडिटी में तुरंत राहत मिलती है। (Acidity ko Kam Karne Ke Gharelu Upay)
सौंफ और मिश्री
यदि आपने ध्यान दिया हो तो आप पाएंगे आप किसी भी भारतीय होटल में जाते है तो खाने के बाद आपको सौंफ और मिश्री, खाने के लिए दी जाती है। इसके पीछे का मुख्य कारण यही है कि आपके पेट की अम्लता नियंत्रित रहे तो आप एसिडिटी से बच सके। सौप, मिश्री और हरी इलायची को बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। जब भी आपको एसिडिटी और सीने में जलन महसूस हो तो इस मिश्रण का 1 चम्मच एक गिलास ठंडे दूध में मिलाकर पीएं। (Acidity ko Kam Karne Ke Gharelu Upay)
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तनाव को कम करे –
तनाव हज़ारों बीमारियों का घर है। यदि आप खुद को तनावग्रस्त महसूस करते हैं तो निश्चित है, कि इसका कुप्रभाव आपके पाचनतंत्र पर भी पड़ेगा। पाचन क्रिया को बेहतर रूप से सुचारु करने के लिए स्वस्थ्य मन और चिन्तामुक्त मानसिकता होनी चाहिए। आप के जीवन में बढ़ता हुआ तनाव का स्तर आपको एसिडिटी जैसे विकारों के सहारे चेतावनी देता रहता है। (Acidity ko Kam Karne Ke Gharelu Upay)
नियमित रूप से सुबह साँस से संबंधित व्यायाम करे, मेडिटेशन, प्रकृति के साथ समय व्यतीत करे। आप चाहे तो कुछ योग कर सकते है जो आपको पेट से संबंधित सभी विकारों को ठीक करने के लिए उपयोगी है ।वज्रासन और अग्निसार प्राणायाम जैसे योग आसन एसिडिटी और नाराज़गी को कम करने के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होते हैं। (Acidity ko Kam Karne Ke Gharelu Upay)
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