Anxiety Disorder kya hai? चिंता कब आपके जीवन को अपने नियंत्रण में ले ले यह आपको पता ही नहीं चलता इसीलिए आपको विचार करना चाहिए कि क्या आप खुद को नियंत्रित करते है या चिंता आपके जीवन को नियंत्रित कर रही है। चिंता सिर्फ आपके जीवन की दिनचर्या को ही प्रभावित नहीं करती बल्कि यह आपके निजी निर्णयों को बदलने के लिए भी जिम्मेदार हो सकती है। 

सामन्य चिंता क्या है? 

समान्य चिंता मतलब कि जब आप सामन्य तौर पर तनावग्रस्त होते है उस समय होने वाली चिंता स्वाभाविक है जिससे हमे अधिक चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। इस तरह की स्थिति में होने वाली चिंता से कोई खास हानिकारक प्रभाव नहीं होता और यह समान्य चिंता कहलाती है। (Anxiety Disorder kya hai?) 

लेकिन जब यह चिंता 6 महीने या उससे अधिक समय तक रहती है, तो यह सामान्यीकृत चिंता विकार हो सकता है।  जो कि आपके लिए हानिकारक है और कई बड़ी बीमारियों का जनक है। बहुत से लोग यह ही जानते या वो समझ ही नहीं पाते कि वो इस तरह के किसी विकार से ग्रसित है। जिससे वह इसके उचित इलाज से से चूक सकते हैं जो एक बेहतर, खुशहाल जीवन की ओर ले जाते हैं।

चिंता नियंत्रित करती है, तब कैसा महसूस होता है? 

आम तौर पर समान्य चिंता होने के समय आप पहले तनाव से ग्रस्त होते है बाद में चिंता होती है। लेकिन हर बार जब आप चिंताग्रस्त होते है, तो आपके पास चिंता करने की कोई ना कोई वज़ह होती है लेकिन जब आप अपनी चिंता का कारण ढूंढने में असमर्थ है तो आपको समझना चाहिए कि यह आमतौर पर होने वाली चिंता नहीं है बल्कि यह उससे गंभीर है। (Anxiety Disorder kya hai?) 

हालांकि कई बार आप किसी बिल को भरने के, अपने स्वास्थ्य, और रिश्तों के बारे में बहुत अधिक चिंतित हो जिससे आपकी नींद में खलल हो सकता है और आपकी इससे आपको सोच भी धूमिल हो सकती है। आप खराब नींद या खुद चिंता के कारण भी चिड़चिड़े महसूस कर सकते हैं।(Anxiety Disorder kya hai?) 

असमान्य चिंता के दौरान शारीरिक लक्षण – 

चिंता के साथ कई तरह के अलग अलग शरीरिक और मानसिक विकार मरहूम हो सकते हैं लेकिन इनमे से कुछ लक्षण ऐसे है जो असमान्य चिंता से पीड़ित हर इंसान को महसूस हो सकते हैं। 

  • मांसपेशियों में तनाव या दर्द
  • आँखों में दर्द 
  • सिर दर्द
  • मतली या दस्त
  • कांपना या हिलना

जब चिंता का कोई अंत ना हो – 

अनंत तक चिंता ही चिंता कोई समाधान नजर नहीं आता इस चिंता से उभरने का कोई रास्ता नहीं निकलता जब आप ऐसे विचारो को महसूस करते है। आपको यह विचार जरूर करना चाहिए कि जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं जो अनंत है। और यदि आपको आपकी चिंता का कोई अंत नजर नहीं आता तो निश्चित ही आपको कोई अन्य समस्या है आपको गौर करना चाहिए कि आखिर इसका श्रोत क्या है। (Anxiety Disorder kya hai?) 

generalized anxiety यानि कि सामान्यीकृत चिंता को समझने का यह लक्षण सबसे ज्यादा गौर करने वाला है। जब आप लगातार अनंत चिंता महसूस करते है तो यह निश्चित ही सामान्यीकृत चिंता विकार के लक्षण है।

 यह विकार आपको आराम करने में बहुत मुश्किल खड़ी कर देता है, तब भी जब आप कुछ ऐसा करते हैं जिसमें आप आनंद लेते हैं।  गंभीर मामले काम, रिश्तों और दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल सकते हैं।(Anxiety Disorder kya hai?) 

कौन से लोग सामान्यीकृत चिंता से पीड़ित हो सकते हैं? 

ऐसे लोग जो अधिक आधुनिक उपकरणो का उपयोग करते हैं उनमें सामान्यीकृत चिंता के अधिक लक्षण देखे जा सकते हैं। हालाकि इस तरह की असमान्य चिंता किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। 

यह चिंता बच्चों, जवान और उम्र दराज लोगों को भी हो सकती है। 

यह चिंता धीरे-धीरे अपने स्तर को बढ़ाती जाती है, इसके शुरुआती लक्षण बचपन से ही शुरू होने लगते हैं। पुरषों की तुलना में महिलाओं को यह ज्यादा देखने को मिलती है। (Anxiety Disorder kya hai?) 

सामान्यीकृत चिंता के कारण क्या हो सकते हैं? 

हो सकता है यह आपको आपके परिवारिक इतिहास के कारण मिली हो बल्कि अधिकतर ऐसा देखने में आता है कि असमान्य चिंता अनुवांशिक रूप से अपनी आने वाली पीढ़ियों में फैलती जाती है। ऐसे में इसका ठीक से इलाज लेना और इसे समझना आपके खुशहाल जीवन के लिए बहुत जरुरी है। (Anxiety Disorder kya hai?) 

लेकिन जरूरी नहीं कि यह ऐसे अनुवांशिक रूप से ही आपके पास आए इसके आने के लिए आपको पृष्ठभूमि और अनुभव भी मायने रखते हैं।  मस्तिष्क के रसायनों को न्यूरोट्रांसमीटर कहा जाता है, साथ ही मस्तिष्क के अंदर संरचनाओं की एक जोड़ी जिसे एमिग्डाले कहा जाता है,यह जोड़ी इस रोग में शामिल होने वाली मुख्य अंग हैं।(Anxiety Disorder kya hai?) 

सामान्यीकृत चिंता का उपचार क्या है? 

जैसा कि हम सभी पहले से जानते है कि अधिकतर मानसिक विकारों के लिए कोई भी टेस्ट या परिक्षण नहीं है। ठीक उसी प्रकार सामान्यीकृत चिंता के लिए भी कोई खास टेस्ट नहीं होता है। आपको इसे इसके लक्षणों से समझना होता है। इसीलिए बिना किसी लैब टेस्ट के आपको इसका उपचार इसके लक्षणों के आधार पर करना होता है।

जब किसी डॉक्टर के पास जायेगे तो वह आपसे पूछ सकता है, कि आपको किस बात की चिंता है?  या आप पूरे दिन में कितनी बार खुद को चिंतित महसूस करते है?  क्या आपकी चिंता आपको आपके काम करने में या किसी भी गतिविधि में बाधा डालती है?  यह सामान्यीकृत चिंता विकार हो सकता है यदि आप कम से कम 6 महीने तक बहुत अधिक चिंतित या तनावग्रस्त महसूस करते हैं।(Anxiety Disorder kya hai?) 

चिंता के बारे में मनोचिकित्सक क्या कहते हैं? 

चिंता को दूर करने के लिए मनोचिकित्सक कहते है कि आपको talk थेरपी लेनी चाहिए जिसमें एक व्यक्ति विशेष आपकी बातों को सुनता है और आपको उचित तरह की सलाह देता है। 

आप ऑनलाइन या नजदीकी मनोचिकित्सक के पास जाकर अपनी talk therapy book कर सकते हैं । जिसमें एक काउंसलर आपको अपने नकारात्मक विचारों और कार्यों की पहचान करने में मदद करता है।  आप होमवर्क कर सकते हैं, जैसे कि उन विचारों को लिखना जो अत्यधिक चिंता का कारण बनते हैं।  आप खुद को शांत करना भी सीखेंगे।(Anxiety Disorder kya hai?) 

चिंता रोधक दवाइयाँ – 

चिंता को कम करने के लिए यह दवाइयाँ उपयोगी होती है। आप चाहे तो कुछ दवाओं के जरिए अपनी चिंता को कम कर सकते हैं।  कुछ नई एंटीडिप्रेसेंट (डिप्रेशन को कम करने वाली दवा) दवाएं चिंता को कम करने के लिए अच्छी तरह से काम करती हैं।

  बेहतर महसूस करने के लिए आपको लगभग 4 सप्ताह लग सकते हैं। इलाज के दौरान आपका डॉक्टर इस दौरान आपको कुछ दिनों के लिए  बेंजोडायजेपाइन लिख सकता है।(Anxiety Disorder kya hai?) 

 इनमें से कुछ दवाएं ऐसी है जो आपको दवाइयों पर निर्भर कर सकती है इसलिये डॉक्टर आपको सोच समझकर दवाइयों को बदल सकता है।

 कभी-कभी, पुराने प्रकार के एंटीडिप्रेसेंट सामान्यीकृत चिंता विकार का इलाज कर सकते हैं यदि आपके लक्षणों में अवसाद या घबराहट शामिल है।  आपको इस बारे में अधिक जागरूक होने के लिए अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए ।(Anxiety Disorder kya hai?) 

अपना ख्याल रखे – 

आप अपनी निजी जिंदगी में कुछ छोटे मोटे बदलाव को लाकर भी अपनी चिंता को कम कर सकते है। इसके लिए आपको कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। कॉफी और चाय का सेवन कम से कम करे। 

आपको नशीले पदार्थों के सेवन से भी बचना चाहिए यहा तक कि आपको धुम्रपान करना भी बंद कर देना चाहिए। स्वस्थ्य भोजन के साथ पर्याप्त आराम करे। सिर्फ वही काम करे जो आपके मस्तिष्क को चिड़चिड़ा महसूस ना कराए। (Anxiety Disorder kya hai?) 

खूब सोये – 

आपकी नींद यदि पूरी नहीं होती है तो यह आपको कई तरह के मानसिक और शारीरिक विकारों से पीड़ित कर सकती है। इसीलिए हमेशा यह ध्यान रखें कि आप प्रयाप्त नींद ले रहे हैं। हो सकता है इस समय चिंता के कारण आपको अच्छी नींद लेने में समस्या हो लेकिन निराश ना हो हम आपको कुछ ऐसी आयुर्वेदिक दबा बतायेंगे जिनके सेवन से आप अपनी अच्छी नींद ले पाएगें और यह दवाई पूरी तरह हानिरहित और डॉक्टरों द्वारा प्रमाणित है। 

जैसे ही आपकी नींद पूरी होने लगेगी धीरे-धीरे करके तनाव और चिंता समाप्त होने लगेंगे और आपको जिंदगी जीने का मजा आने लगेगा। 

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ध्यान और योग – 

जब आप कसरत या व्यायाम करते है तो हमारा मस्तिष्क endorphins नामक हार्मोन का स्राव करता है जो हमे आनंदित करने के लिए जिम्मेदार होता है। इस के अलावा ध्यान करने से आपका मन प्रसन्न और शांत रहता है जिससे चिंता आप पर हावी नहीं होती। योग और ध्यान के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहा क्लिक करें… 

तब क्या करें जब यह चिंता से अधिक हो – 

ऐसे लोग जिन्होंने चिंता को समान्य किया है या कर रहे है उनमे शराब या किसी अन्य नशीली दवाओं की लत लग सकती है। दरअसल आप नशा करके नकली आनंद तो महसूस कर सकते है लेकिन उसके चक्कर में आप अपने शरीर के उस अंग को बेकार कर लेते है जो बिना किसी शराब या अन्य नशे के आपको आंनद का अनुभव कराता है।(Anxiety Disorder kya hai?) 

 इसी कारण से जब आप शराब या नशा छोड़ने का फैसला लेते है तो यह आपको दोगुनी तीव्रता से नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा और भी कई मानसिक बीमारियाँ उत्पन होने का खतरा बढ़ जाता है जिसमें पैनिक डिसऑर्डर, पोस्टट्रूमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर और सोशल फोबिया शामिल हो सकते हैं। और आप बेबस होकर नशे के आदी हो जाते हैं। 

घबराहट होना – 

जब आपको चिंता के साथ साथ गंभीर पैनिक डिसऑर्डर होते है तो आप पर घबराहट के ऐसे हमले होते जिनसे आप खुद को बेचैन महसूस करने लगते हैं। panic attacks के लक्षणों में तेज़ दिल, पसीना, चक्कर आना, मतली या सीने में दर्द होना इत्यादि शामिल हैं।  

कई बार यदि असमान्य चिंता का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो आपको दिल का दौरा या अचानक से दिमाग सुन्न हो सकता है जिसमें आपकी मौत भी हो सकती है। लेकिन यह स्थिति बेहद गंभीर मरीजों की होती है। (Anxiety Disorder kya hai?) 

कोई पुरानी घटना से आहत – 

कुछ लोग किसी भयानक घटना के बाद सदमे में चले जाते है जिससे उनमे तनाव उत्पन्न होता है और बाद में वह चिंता में बदल जाता है। इस तरह की स्थिति से गुजर रहे लोग पोस्टट्रूमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के शिकार हो सकते हैं। 

इस विकार के लक्षणों में अचानक से उस हादसे का याद आना, पसीना आना, हाई ब्लड प्रेशर और बुरे सपने आना है। इसके अतरिक्त आप पहले जिन कामों में खुशी महसूस करते थे इस विकार से ग्रसित होने के बाद आपको उनसे भी खुशी नहीं मिलेगी। (Anxiety Disorder kya hai?) 

इसके अतरिक्त आप खुद को चिड़चिड़ा और अधिक क्रोधी महसूस करेंगे। इसके उपचार के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए वह आपको दबा और परामर्श की सलाह देगा। 

अनियंत्रित जुनूनी विकार – Obsessive-Compulsive Disorder (OCD) 

OCD से पीड़ित लोगों के दिमाग में कुछ ऐसे विचार आते है जिसपर उनका कोई नियंत्रण नहीं होता। वह लोग चाह कर भी अपने विचारो को नियंत्रित नहीं कर पाते। कुछ परेशान कर देने वाले विचार अपने आप दिमाग में आते है, जिन्हें व्यक्ति रोक भी नहीं पाता जिससे उन्हें कई तरह की बड़ी परेशानियां उठानी पड़ती है जैसे कि दरवाजे पर ताले लगाकर भूल जाना और बार बार वही काम करना। OCD का इलाज अक्सर दवा और मनोचिकित्सा के साथ किया जाता है। (Anxiety Disorder kya hai?) 

सामाजिक चिंता विकार – Social Anxiety Disorder – 

सामाजिक चिंता विकार यानि कि ऐसा विकार जो आपको समाज में जाने से डराता है। इस विकार से ग्रसित लोग हमेशा अकेले रहना पसंद करते है और कभी भी दो चार लोगों या भीड़ भाड़ में जाने से डरते है। डॉक्टर्स बताते है कि सूखे नशे करने वाले 80% लोग इस विकार की चपेट में है। 

ऐसे लोग हमेशा भीड़भाड़ या दूसरे लोगों से दूर रहना चाहते हैं और अकेले रहने में ही संतुष्ट महसूस करते है। इस विकार के लक्षणों में सामाजिक घटनाओं से पहले डर की भावना और घटनाओं के दौरान पसीना आना , शरमाना, मितली, या बात करने में परेशानी होना शामिल है। 

बहुत गंभीर मामलों में, विकार से ग्रसित व्यक्ति स्कूल या अपने काम पर जाने से बच सकते हैं।  इसका इलाज मनोचिकित्सा और दवा से किया जा सकता है।(Anxiety Disorder kya hai?) 

कुछ अन्य डर – (phobia) 

Phobia यानि कि भय और यह कोई बहुत बड़ी बीमारी नहीं है लेकिन लापरवाही से इसमे बड़े बड़े नुकसान हो जाते है। दिल का दौरा भी पड़ सकता है। आम तौर पर डर की बीमारियाँ कई प्रकार के होते है जीमने जिनमें से कुछ मुख्य – कुत्ते से डर, ऊचाई से डर, लड़कियों से डर, पानी से डर इत्यादि होते हैं। यदि आप अपने मनोचिकित्सक के पास यह लक्षण बताते है तो वह आपको उचित दबा और परामर्श देता है, जिससे आप स्वस्थ्य हो सकते हैं। (Anxiety Disorder kya hai?) 

कैसे बचे – 

चिंता और तनाव किसी को भी हो सकते है इसलिये आपको घबराने की जरुरत नहीं है। किसी भी मानसिक विकार को ठीक करने के लिए या उसे समझने के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए वह आपके लक्षणों को समझकर आपको किसी मनोचिकित्सक के पास भेजेगा जहाँ सम्भवतः आपका इलाज हो जाएगा। और धीरे धीरे आप खुद को स्वस्थ्य और चिंता मुक्त महसूस करने लगेंगे। 

कुछ प्रभावशाली किताबें पढें – 

किताबें आपके मानसिक विकास में अहम भूमिका निभाती है। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि किताबों को पढ़कर कई तरह के मानसिक विकारों को ठीक किया जा सकता है। बशर्ते वह किताबें चुनिंदा और प्रेरणा दायक हो, आपके मानसिक तनाव और चिंता करने के लिए हमारी टीम ने कुछ ऐसी किताबों का चयन किया है जो आपको चिंता से मुक्त कर सकती है। 

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By Nihal chauhan

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