हाई ब्लड प्रेशर हमारे शरीर में बहने वाले रक्त चाप का माप यह निर्धारित करता है कि हमारे शरीर की रक्त वाहिकाओं अर्थात नसों में कितना रक्त बहना चाहिए। यह रक्त ह्रदय में पम्प होने के बाद कितना प्रतिरोध करता है। 

Hypertension या high blood pressure की स्थिति तब निर्मित होती है जब हमारी रक्त वाहिकाओं में बहने वाले रक्त का बल बहुत अधिक बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति को हाइपर टेंशन या उच्च रक्त चाप कह्ते है। कभी कभी हमारी धमनियों में बहने वाले रक्त का दबाव इतना अधिक हो जाता है कि फिर हमे हार्ट से संबंधित सभी विकारों से जुझना पड़ सकता है। 

मान लीजिए आपकी नशे या धमनियां बहुत अधिक सकरी है और आपका ह्रदय जिस रक्त को पम्प करता है वह अत्याधिक मात्रा में रक्त को पम्प करता है, ऐसी स्थिति में उच्च रक्त चाप होना या Hypertension होना स्वभाविक बात है। 

Hypertension से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या यह देखने को मिलती है कि एक लंबे समय तक आपको Hypertension के लक्षण पता नहीं चलते। यह कईयों वर्षो तक बिना किसी स्पस्ट लक्षण के आपके शरीर को और हृदय को नुकसान पहुंचाता रहता है। 

बड़ा हुआ ब्लड प्रेशर आपको दिल के दौरे और high blood pressure स्टॉक जैसी जटिल स्थिति में ढकेल सकता है। यदि समय पर पर्याप्त इलाज नहीं मिला तो निश्चित ही मृत्यु हो सकती है। देखा जाए तो हाई ब्लड प्रेशर कभी ना कभी सबको ही प्रभावित करता है। 

इस लेख में हम Hypertension या high blood pressure से संबंधित मूल बातों को शामिल करेंगे। इसके अतरिक्त हम यह भी जानेंगे की Hypertension का कारण क्या है? इसके लक्षण क्या है और यह कैसे ठीक किया जा सकता है। 

Hypertension Kya Hai?
High blood pressure

उच्च रक्तचाप (High blood pressure) के बारे में कुछ जानने योग्य तथ्य – 

  1. दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा Hypertension की गंभीर स्थिति से ग्रसित हैं। 30 से 80 की आयु वाले लगभग 1.28 बिलियन वयस्कों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है। जिनमे से अधिकतर दो तिहाई निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते है। 
  1. High blood pressure या हाइपर टेंशन जिसे हम उच्च रक्त चाप भी कहते है। यह एक ऐसी गंभीर चिकित्सीय स्थिति है जो ह्रदय, मस्तिष्क, गुर्दे सहित कई अन्य जानलेवा बीमारियों का कारण बनता है। 
  1. हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित वयस्कों में से सिर्फ 42% लोगों को ही उपचार मिल पाता है। 
  1. उच्च रक्त चाप से ग्रसित लगभग 46% लोग इस बात से अनजान है कि बे हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर स्थिति से गुजर रहे हैं। 
  1. हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या का निदान करीब पांच लोगों में से एक का ही हो पाता है, जो कि पीड़ित लोगों की कुल संख्या का मात्र 21%. ही है। 
  2. दुनिया में अकाल मृत्यु मरने वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर प्रमुख कारण है। 

High blood pressure (उच्च रक्तचाप) क्या है? What is hypertension? in Hindi 

दरअसल Hypertension या high blood pressure जिसे हिंदी में उच्च रक्तचाप कह्ते है। हमारे शरीर में जब रक्त धमनियों के भीतर की दीवार पर रक्त का दबाव पड़ता है उस स्थिति को उच्च रक्त चाप कहा जाता है। इस तरह की समस्या उत्पन होने पर यह ह्रदय संबंधी जानलेवा बीमारियों का कारण बनतीं है। हमारे शरीर की रक्त वाहिकाओं अर्थात नसों में बहने वाले रक्त का दबाब ही रक्तचाप कहलाता है। आमतौर पर रक्त के स्तर से ही रक्तचाप निर्धारित होता है। 

समझने के लिए मान लेते हैं कि किसी इंसान की रक्त धमनियां पतली है और शरीर में रक्त स्तर अधिक है तो ह्रदय में पम्प होने वाला रक्त अधिक दबाव बनाएगा जिससे उच्च रक्त चाप की स्थिति निर्मित हो जाती है। 

उच्च रक्तचाप से होने वाली समस्या और लक्षण काफी समय गुजरने के बाद समझ में आते हैं। 

उच्च रक्तचाप high blood pressure या फिर low blood pressure दोनों ही बड़ी समस्या है। हमारे शरीर में यदि सकरी (पतली) धमनियां है तो ब्लड प्रेशर हाई होगा अर्थात्‌ उच्च रक्तचाप की समस्या उत्पन्न होगी और अगर मोटी धमनियां है तो यह low blood pressure बनता है। 

यदि हमारी रक्त वाहिकाओं में यह प्रेशर अधिक समय तक रहता है तो निश्चित रूप से यह हमारे हृदय पर घातक असर करता है। ऐसी स्थिति में ह्रदय रोग होने की संभावना अधिक होती। 

हालांकि आज के समय में उच्च रक्तचाप लोगों के बीच आम समस्या है। तरक्की के युग में विज्ञान ने Hypertension (उच्च रक्त चाप) जैसी बीमारियों के समाधान ढ़ूढ लिए है। 2017 से लेके आज तक उच्च रक्तचाप जैसी स्थिति को काबु में लेने के लिए कई स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है। अब उच्च रक्त चाप कोई गंभीर रूप नहीं ले पाता उससे पहले ही इसका इलाज सम्भव है। 

Hypertension जैसी स्थिति आमतौर पर कई सालों के बाद विकसित होती है। वर्षो तक यह समस्या बिना किसी लक्षण के आपके भीतरी शरीर और ह्रदय को नुकसान पहुँचाती रहती है। बिना किसी लक्षण को दिखाए बिना भी उच्च रक्तचाप आपकी रक्त वाहिकाओं और अंगों, विशेष रूप से मस्तिष्क, हृदय, आंखों और गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है। 

उच्च रक्तचाप (Hypertension) होने के कारण ? Causes of hypertension in Hindi 

हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थिति तब निर्मित होती है जब आप खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर महसूस करने लगते हैं। मुख्य रूप से यह आपकी बिगड़ी हुयी दिनचर्या द्वारा लायी गयी स्थिति में। अधिक नमक वाला भोजन करना, अस्वास्थ्यकर आहार (अत्यधिक नमक का सेवन करना , संतृप्त वसा (Saturated Fat ) और ट्रांस वसा (Trans Fat) में उच्च आहार, फलों और सब्जियों का बेहद कम सेवन), शारीरिक निष्क्रियता (आलस्य) , निरंतर तंबाकू और शराब का सेवन और अधिक वजन या मोटापा शामिल हैं।

हालांकि उच्च रक्तचाप होने की संभावना परिवार अनुवांशिकता से भी है। 65 कि उम्र में मधुमेह (डायबिटीज़), और गुर्दों की बीमारी जैसी स्थिति बनतीं है। 

ब्लड प्रेशर को दो संख्याओं में लिखा जाता है। जिसमें पहली संख्या systolic होती है जो धमनियों में मौजूद खून का प्रेशर बताती है, जब ह्रदय में खिंचाव अथवा धक धक (heart beat) होती है ।

दूसरी संख्या diastolic होती है जो कि blood vessels अर्थात नसों पे पढ़ने वाले प्रेशर को बताती है, जब ह्रदय धड़कने के दौरान शांत अवस्था में होता है तब । 

उच्च रक्तचाप को ठीक करने के लिए इसे दो अलग अलग दिनों में नापने से हो सकता है। दोनों ही दिनों में systolic ब्लड प्रेशर की रीडिंग ≥140 mmHg होनी चाहिए और diastolic ब्लड प्रेशर की रीडिंग ≥90 mmHg होनी चाहिए। 

हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) के लक्षण – symptoms of hypertension in Hindi 

उच्च रक्त चाप एक ऐसी स्थिति जिसके लक्षणों को दिखने में 10 साल तक लग जाते हैं। हाई ब्लड प्रेशर को अंग्रजी में silent killer के नाम से भी जाना जाता है। अर्थार्त खामोशी से बिना किसी लक्षणों के प्रभाव के बिना यह स्थिति जानलेवा बन जाती है। हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित अधिकांश व्यक्ति इस बात से अनजान होते है कि वे इतनी घातक बीमारी से ग्रसित हैं। बिना किसी खास लक्षण और संकेत के ही Hypertension इंसान को शारीरिक रूप से कमजोर कर देती। इसे पता लगाने के लिए यही एक बेहतर उपाय है कि समय समय पर आप हमेशा अपना ब्लड प्रेशर checkup करवाते रहे। 

उच्च रक्तचाप के कुछ लक्षण निम्न है – 

  • सुबह सुबह सिरदर्द 
  • नाक से खून निकलना 
  • आँखों की रोशनी में परिवर्तन 
  • धड़कनों में अनियमितता 
  • कानो में भनभनाहट 

ऊपर लिखे लक्षण शुरुआती हो सकते हैं लेकिन ज़रूरी नहीं कि यह लक्षण आपको देखने को मिले ही। कई बार बिना किसी लक्षण के भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हुयी है। 

गम्भीर उच्च रक्त चाप में निम्न लक्षणॊं को देखा जा सकता है – 

  • उल्टी 
  • थकान 
  • भ्रम 
  • अवसाद 
  • सीने में दर्द 
  • चिंता 
  • सोने में तकलीफ 
  • मांसपेशियों में कंपन 
  •  मतली
  • मूत्र में खून 
  • आँखों में लाल चिते

जब उच्च रक्तचाप गंभीर स्थिति पर आजाता है तब ही मुह या नाक से खून निकलने वाली स्थिति निर्मित होती है अन्यथा ऐसी स्थिति के कारण अलग हो सकते हैं। 

उच्च रक्तचाप को पता लगाने का एकलौता तरीका डॉक्टर द्वारा ब्लड प्रेशर को मापना है। आज के युग में ब्लड प्रेशर को मापना बेहद आसान और दर्द रहित होता है।  यद्यपि इंसान स्वचालित उपकरणों (Automatic machinery) का उपयोग करके अपने स्वयं के रक्तचाप को माप सकता हैं परंतु जोखिम और उच्च रक्तचाप से संबंधित स्थितियों के आकलन के लिए एक स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा मूल्यांकन बहुत महत्वपूर्ण है।

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आने पर जरूरी है कि इसे मापने का यंत्र अपने पास रखे और निरंतर रूप से चेक उप करते रहे। भले ही आप स्वस्थ्य है फिर भी ब्लड प्रेशर मापना जरूरी है। 

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ब्लड प्रेशर को निरन्तर नापने से आपको अपने ह्रदय स्वास्थ्य की देखभाल करने में मदद मिलती है। हम सभी जानते है यदि ह्रदय संबंधी एक रोग भी शरीर में है तो वह ना जाने कितनी जानलेवा बीमारियों को पनपा सकता है। इसलिए ब्लड प्रेशर नापने वाली मशीन खरीदना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। 

हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) के कारण 

हाई ब्लड प्रेशर

वैज्ञानिकों के अनुसार दो प्रकार की Hypertension होती है और दोनों ही प्रकार की Hypertension होने के अलग अलग कारण है। 

 प्राथमिक (प्राइमरी) या Essential hypertension – 

Essential hypertension को ही प्राईमरी Hypertension कहा जाता है। यह एक तरह की आम तरह का उच्च रक्तचाप है जो समय के साथ होता है। अधिकतर लोगों को इसी उच्च रक्त चाप की शिकायत होती है। 

इस तरह के हाई ब्लड होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार है – 

उम्र – ऐसे लोग जिनकी उम्र 65 साल से ऊपर है उन्हें उच्च रक्त चाप का खतरा अधिक होता है। अधिक संभावना रहती है कि 65 साल से अधिक होने वालों लोगों में उच्च रक्त चाप की शिकायत अधिक देखने को मिलती है। 

अनुवांशिक (Gene)  किए गए शोधों में इस बात की पुष्टि होती है कि उच्च रक्त चाप लोगों में अनुवांशिक रूप से भी हो सकता है। यदि आपके परिवार में बाबा, दादा या किसी को पहले से ही उच्च रक्त चाप की समस्या रहीं होगी तो लाजिम है कि यह समस्या अनुवांशिक रूप से उनकी ओलादो में आजाये। 

नस्ल – किए गए कुछ शोध बताते है कि काले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अधिक देखने को मिलती है ।  

मोटापा – मोटापा आज के युग में बड़ी समस्या है और मोटापा कई बीमारियों का घर होता है। उच्च रक्त चाप मोटे लोगों को बेहद आसानी से घेर लेता है। मोटापा ह्रदय रोगों का सबसे बड़ा कारण होता है, उच्च रक्त चाप उनमें से एक है। 

आलस्य और शांत रहने से – अधिक आलस करने से या शरीर की फिटनेस का ध्यान ना रखने वालों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अधिक हो सकती है। 

शराबी होने पर – अधिक शराब का सेवन, उच्च रक्त चाप की शिकायत के लिए बड़ा कारण होता है। ऐसी महिलाएं जो एक से अधिक पेय का सेवन करती है उनमें हाई ब्लड प्रेशर का खतरा अधिक होता है। 

अधिक सोडियम का सेवन –  यदि  हमारे शरीर में दैनिक सोडियम की मात्रा से अधिक सोडियम पहुंचता है तो यह उच्च रक्त चाप का विशेष कारण बन सकता है। हमे प्रतिदिन 1.5 से कम ही सोडियम का सेवन करना चाहिए। 

डायबिटीज़ –   मधुमेह के रोगियों को उच्च रक्त चाप का खतरा अधिक होता है। 

सेकेंडरी (Secondary) hypertension – 

सेकेंडरी hypertension अमूमन primary hypertension से अधिक खतरनाक होता है। यह primary hypertension से अधिक जल्दी विकसित होती है। secondary hypertension होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार है – 

  • यदि आप गुर्दे की बीमारी से ग्रसित हैं, तो Secondary hypertension होने का खतरा और अधिक रहता है। 
  • जन्म से ही किसी ह्रदय रोग से पीड़ित हैं तो माध्यमिक उच्च रक्त चाप होने की संभावना अधिक हो सकती है। 
  • नींद टूटने की समस्या 
  • Thyroid से सम्बन्धित बीमारियों के दोषी होने पर। 
  • अधिक और लगातार शराब का सेवन करने से। 
  • कुछ तरह के endocrine tumors

गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर 

गर्भावस्था के दिनों में जीवन अलग तरह की दैनिक क्रियाओं से गुजर रहा होता है। ऐसे में गर्भ धारण करने वाली महिलाओं के मन में कई सवाल आते है। यदि कोई महिला हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित हैं तो सम्भवतः इसका कोई भी असर उनके होने वाले बच्चे पर नहीं पड़ता। होने वाला बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ होता है। 

लेकिन फिर भी गर्भावस्था के दौरान अगर इसकी बारीकी से जाँच ना कि जाए तो स्थिति चिंताजनक हो सकती है।ऐसी स्थिति में यह माँ और बच्चा दोनों के लिए खतरनाक स्थिति बन जाती है। उच्च रक्त चाप के समय पैदा होने वाले बच्चे का वजन कम हो सकता है। या फिर बच्चा समय से पहले जन्म सकता है। गर्भवती महिला में उच्च रक्त चाप गुर्दों से संबंधित विकार भी उत्पन कर सकता है। 

कुछ लोगों में देखने को मिलता है कि सिर्फ गर्भावस्था के समय ही उनका ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है और बच्चे को जन्म देने के बाद धीरे-धीरे ब्लड प्रेशर नॉर्मल होने लगता है। गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर Preeclampsia जैसी स्थिति भी बन सकती है, जो कि एक घातक बीमारी है। 

अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर से होने वाली जटिलताएं – 

किसी भी अन्य शारीरिक समस्या की तुलना में उच्च रक्त चाप की समस्या आपके हृदय को अधिक नुकसान पहुंचा सकती है। बेहद अधिक दबाव पड़ने पर आपकी धमनियां सख्त हो सकती है जिसके कारण आपके ह्रदय तक होने वाला रक्त संचार धीमा पढ़ सकता है और उसमे oxygen की मात्रा की कमी भी आ सकती है। इस तरह के हाई ब्लड प्रेशर और खून में oxygen की कमी से छाती में असहनीय दर्द हो सकता है, जिसे हम एनजाइना (angina) के नाम से जानते हैं। 

दिल का दौरा या हार्ट अटेक  जैसी जानलेवा समस्या का कारण भी यही से शुरू होता है। हार्ट अटैक तब होता है जब ह्रदय तक पहुंचने वाली खून की सप्लाई ब्लॉक या बंद हो जाती है। इसके बाद हृदय की मसल्स के सेल oxygen के अभाव में मरना शुरू कर देते हैं परिमाण स्वरुप व्यक्ति की मृत्यु तत्काल हो जाती है। जितने लंबे समय तक खून ब्लॉक रहेगा उतना ही अधिक नुकसान ह्रदय को पहुँचेगा। 

ह्रदय विफलता (heart failure)  heart failure ऐसी स्थिति है, जो इंसान को बेहद कम समय में मौत के घाट उतार सकती है। हार्ट failure का मुख्य कारण भी उच्च रक्त चाप को ही माना गया है। heart failure जैसी स्थिति तब बनतीं है जब ह्रदय हमारे शरीर के अनुरूप खून को पम्प नहीं कर पाता और oxygen और खून के अभाव में शरीर के अलग अलग हिस्सों की मृत्यु होने लगती है। यदि किसी इंसान की दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है तो ऐसी स्थिति में भी सेकंड से कम समय में जान जा सकती है। 

हाई ब्लड प्रेशर गुर्दे से सम्बन्धित सभी बीमारियों में एक बड़ा खतरा बनके उभरता है। लंबे समय तक उच्च रक्त चाप की शिकायत बने रहने पर यह गुर्दे को नुकसान पहुंचाने का काम करता है ।

Brain stock  मस्तिष्क में  मौजूद धमनियां यदि उच्च रक्त चाप के कारण फ़ट जाती है तो यह brain stock जैसी स्थिति निर्मित होती है जिसमें इंसान के बचने की संभावना ना के बराबर है। 

हाई ब्लड प्रेशर का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है? 

खून की तेज रफ्तार आपके शरीर को किस हद तक क्षतिग्रस्त कर सकती है इसका अंदाजा लगाने से ही मत्यु की अनुभूति होती है। चुकीं हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी समस्या है, जो लंबे समय तक बिना किसी लक्षण को दिखाए आपके शरीर को नुकसान पहुँचाती रहती है। ऐसे में यदि इसका इलाज समय पर ना मिलने पर भयानक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। उच्च रक्त चाप से होने वाली कुछ गंभीर जटिलताएं निम्न है – 

  • क्षतिग्रस्त हार्ट (damaged heart) – उच्च रक्त चाप के कारण आपका ह्रदय काफी मशक्कत करता है। क्युकी जब खून तेज रफ्तार से बहता है, ऐसे में ह्रदय के लिए इतनी जल्दी से ब्लड को पम्प कर पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे जब आपका ह्रदय ज्यादा खून पम्प करने का प्रयास करता है तो उसकी थैली का आकार बड़ा हो जाता जिस कारण से आपको कई तरह के ह्रदय संबंधी रोगों से जुझना पड़ सकता है। हो सकता आपका हार्ट फैल हो जाए, arrhythmias और heart attack जैसी गंभीर स्थित जिनमे समय पर ही मौत हो जाने जैसे खतरे हो सकते हैं। 
  • क्षतिग्रस्त दिमाग (damaged brain) – दिमाग़ हमारे शरीर का प्रमुख केंद्र है। इसे सुचारु रूप से काम करने के लिए अच्छे oxygen युक्त रक्त की आवश्यकता होती है। उच्च रक्त चाप के कारण हमारे दिमाग तक खून की मात्रा कम या गुणवत्ता में ख़राबी के कारण यह हमारे दिमाग को भी क्षतिग्रस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ता। मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह की अस्थायी रुकावट को क्षणिक इस्केमिक अटैक (TIAs) कहा जाता है। रक्त प्रवाह के महत्वपूर्ण रुकावटों के कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं मर जाती हैं।  इसे स्ट्रोक के रूप में जाना जाता है ।अनियंत्रित उच्च रक्तचाप आपकी याददाश्त और सीखने, याद करने, बोलने और तर्क करने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।  
  • क्षतिग्रस्त धमनियां – हाई ब्लड प्रेशर हमारी धमनियों को सख्त करता है जबकि स्वस्थ्य धमनियां मजबूत और लचीली होती है। उच्च रक्त चाप के कारण इनमे बसा जम जाता है और धीरे धीरे यह सख्त हो जाती है, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा होती है, नतीजतन ये फ़ट सकती है। आखिरी स्टेज में यह दिल का दौरा और समय पर मृत्यु का कारण बनता है। 

क्या कारण है कि माध्यम और निम्न आय वाले देशों में उच्च रक्त चाप की समस्या अधिक है? 

हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित होने वाले मुख्य देश या तो निम्न आय वाले गरीब मुल्क है या फिर मध्यम आय वाले देश। फिर यह सवाल बिल्कुल लाजिम लगता है कि ऐसा क्या है जो उच्च रक्त चाप की समस्या इन्हीं देशों में विशेष क्यु है? 

आपकी जानकारी के लिए उपयोगी बात बताई जाए तो WHO द्वारा कराए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि African क्षेत्र में उच्च रक्त चाप की शिकायत सबसे अधिक है। यहां पूरी दुनिया के 27% प्रतिशत लोग यहा उच्च रक्त चाप जैसी गंभीर स्थिति में जी रहे हैं। WHO की दूसरी रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में 18% उच्च रक्त चाप से पीड़ित लोग है। 

1975   में उच्च रक्त चाप से 594 मिलियन लोग पीड़ित थे लेकिन 2015 के आते आते यह संख्या 1.13 बिलियन तक पहुंच चुकी है। यदि गौर किया जाए तो उच्च रक्त चाप के बढ़ते हुए मरीज़ निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अधिक हुई है। 

उच्च रक्त चाप का इलाज – high blood pressure diagnosis in Hindi 

उच्च रक्त चाप का निदान भी उतना ही आसान इसे नापना है। उच्च रक्त चाप जैसी गंभीर बीमारी के निदान के लिए पहला कदम है कि डॉक्टर्स नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक उप करवाते है, यह उनके डेली रूटीन का हिस्सा है। यदि आप अपना ब्लड प्रेशर डेली चेक नहीं करवा पाते है तो आप ऊपर बताये गयी, blood pressure reading लेने की इलेक्ट्रिक मशीन खरीद सकते हैं जिसे ईस्तेमाल करना बेहद आसान है। ब्लड प्रेशर मशीन खरीदने के लिए यहां क्लिक करें… 

अगर किसी स्थिति में ऐसा होता है कि आपका ब्लड प्रेशर अधिक बड़ने लगता है तो वैसी स्थिति में विशेषग्य आपको अधिक बार ब्लड प्रेशर रीडिंग लेने को कह सकते हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप निरंतर अपना ब्लड प्रेशर चेक उप करवाते रहे। 

अमूमन हमारे शरीर का ब्लड प्रेशर बदलता रहता है। ऐसे में डॉक्टरों को यह पता लगा पाना कि आपका ब्लड प्रेशर वाकई बड़ा हुआ है इसके लिए उसे ठोस सबूत चाइये होते हैं। ऐसे में डॉक्टर बार बार आपका bp नापने की कोशिश करता है। इसके बाद यदि वह पाता है कि आपका ब्लड प्रेशर वाकई में हाई बना रहता है, तो वह कुछ अन्य परीक्षण कर सकते हैं। 

डॉक्टरों द्वारा हाई ब्लड प्रेशर को ठीक करने के लिए किए जाने वाले कुछ निरीक्षण निम्न है – 

खून की जांच और cholesterol screening – 

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम के द्वारा आपके ह्रदय की विद्युत गतिविधि जाँचने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। इसे EKG और कई बार इसे ECG जाँच के नाम से भी जाना जाता है। 

ह्रदय और किडनी का Ultrasound – 

डॉक्टरों द्वारा यह जांच Hypertension के कारण हुए नुकसान का पता लगाने के लिए किया जाता है। ह्रदय का Ultrasound करके उसमे हुए किसी भी नुकसान का पता आसानी से लगाया जा सकता है, उसी प्रकार से किडनी फैल हो जाने जैसी गंभीर स्थित भी उच्च रक्त चाप के कारण बनतीं है इसीलिए गुर्दों का ultrasound भी किया जाता है। 

सारी चीजों को समझने के बाद डॉक्टर आपको उचित दवाइयाँ और कई तरह के परहेज बताएगा, जिसके बाद इसे काबु या फिर पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। 

मस्तिष्क और hypertension 

हाई ब्लड प्रेशर जिसे हिंदी में उच्च रक्त चाप कहा जाता है इसे ही hypertension के नाम से जाना जाता है। भारत और पूरी दुनिया में उच्च रक्त चाप से पीड़ित लाखो करोड़ों लोग है। यदि समय समय पर पर्याप्त इलाज और जाँच होती रहे तो यह बिल्कुल सामन्य समस्या है। 

यदि आप उच्च रक्त चाप से परेशान है तो आपको निरन्तर चेक उप के साथ खुद की मानसिक स्थिति का भी ध्यान रखना चाहिए। WHO द्वारा किए गए एक सर्वे में पाया गया कि जो लोग तनाव, अवसाद और मानसिक चिंता में फंसे रहते है उनमें उच्च रक्त चाप की समस्या अधिक देखी गयी है। 

अच्छी बात यह है कि आज के आधुनिक युग में कई तरह की हाई टेक्नॉलॉजी विकसित की जा चुकी है जिनकी मदद से Hypertension का इलाज सम्भव है। उच्च रक्त चाप की शिकायत वाले लोगों को ताजा हरि सब्जियाँ का सेवन करें, फल खाए, अधिक वसायुक्त भोजन se परहेज करे। योग, ध्यान और ईश्वर की पूजा करो। 

इसीलिए हमे हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा मानसिक रूप से भी स्वस्थ्य रहना चाहिए तभी हमारा शरीर पूर्ण रूप से रोग मुक्त रह सकता है। उच्च रक्त चाप के दौरान खाना पीना और परहेज के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें….    

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By Nihal chauhan

मैं Nihal Chauhan एक ऐसी सोच का संरक्षण कर रहा हू, जिसमें मेरे देश का विकास है। में इस हिंदुस्तान की संतान हू और मेरा कर्तव्य है कि में मेरे देश में रहने वाले सभी हिंदुस्तानियों को जागरूक करू और हिंदी भाषा को मजबूत करू। आपके सहयोग की मुझे और हिंदुस्तान को जरुरत है कृपया हमसे जुड़ कर हमे शेयर करके और प्रचार करके देश का और हिंदी भाषा का सहयोग करे।

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