आखिर दरवाजे का पहली बार उपयोग कब हुआ होगा? और यह दरवाजे अचानक से अस्तित्व में कैसे आए? दरवाजों का इतिहास क्या है? सबसे पहला दरवाजा किसने बनाया होगा? ढेरों सवाल है मित्रों! आखिरकार दरवाजे हमारे जीवन के सायद सबसे अहम हिस्से के रूप में जुड़ चुके हैं। 

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(दरवाजों का इतिहास) 

क्या आपने कभी सोचा है कि जब दरवाजे नहीं थे तब लोग किस तरह का जीवन व्यतीत करते होंगे? अजीब है ना!! इसलिए आज हम दरवाजों के इतिहास के को करीब से जानेंगे की किस तरह दरवाजे मानवों के जीवन का अहम हिस्सा बनते गए।  (दरवाजों का इतिहास) 

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दरवाजों का इतिहास – 

“दरवाजों  के इतिहास का पहला पन्ना 4000 साल पहले मिस्र के मकबरे के ऊपर बने हुए चित्रों में पाया गया। अब ये तो कोई नहीं जानता कि दरवाजे का आविष्कार किसने किया पर दरवाजे के विकास की एक लंबी कहानी है” ।

दरवाजे के बारे में इतना तथ्य बिल्कुल साफ है कि दरवाजा मध्य मिस्र की किसी जगह से पहली बार अस्तित्व में आया था। (दरवाजों का इतिहास) 

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प्राचीन दरवाजों का उदय – मिस्र 

प्राचीन मिस्र की वास्तुकला में, जो लोग मर जाते थे उनकी कब्र पर एक खिड़की जैसा “एक झूठा दरवाजा” (गलत दरवाजा) जो एक तरफ की  दीवार की सजावट हुआ करता था।(दरवाजों का इतिहास) 

 जो एक खिड़की की तरह दिखता था, लगभग सभी प्राचीन कब्रों में यह खिड़की नुमा दरवाजा आम था और इसको बनाने के पीछे अवधारणा यह थी यह दरवाजा उनके लिए है जो मर चुके हैं। आसान भाषा में यह दरवाजे जीवन के बाद के द्वार का प्रतिनिधित्व करते थे ।

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बाइबिल के समय में,  राजा सुलैमान के मंदिर के दरवाजे जैतून की लकड़ी से बने थे, और ऐसे ही दरवाजे हमे अतीत में देखने को मिलते हैं । भारत में, दुनिया का सबसे प्राचीन दरवाजा स्थित हालांकि फ़िलहाल यह एक विवादास्पद बयान है। (दरवाजों का इतिहास) 

भारत में पत्थर से बने प्राचीन दरवाजे हैं जो रचनात्मक रूप से पत्थर की धुरी के साथ खुले स्विंग के लिए डिजाइन किए गए थे।

जैसे जैसे समय गुजरता गया दरवाजे भी बदलते गए। गुजरते समय के साथ अब दरवाजे भी पहले से अच्छे और उनकी तकनीक में भी सुधार आता गया। (दरवाजों का इतिहास) 

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रोमन दरवाजे  – 

रोमनों ने अपने रचनात्मक वास्तुशिल्प दिमाग का प्रयोग और अधिक उन्नत दरवाजे बनाने के लिए किया।(दरवाजों का इतिहास) 

प्राचीन दरवाजे आमतौर पर कासा (कांस्य) से बने होते थे और इसमें सिंगल, डबल, स्लाइडिंग और फोल्डिंग दरवाजे का उपयोग भी शामिल होता था। 

रोमन धर्म में, जानूस दरवाजों और मेहराबों के रोमन देवता थे।  चूंकि रोमन बेहद रीति रिवाजों वाले संदिग्ध लोग थे, इसलिए युद्ध के समय, किसी सेना के लिए जानूस (door)   से निकलने के लिए सुभ और अशुभ दोनों तरीके थे ।(दरवाजों का इतिहास) 

Janus Germinus  रोम में एक प्रसिद्ध दरवाजा है, जो रोमन देवता जानूस का मंदिर है।  यह एक साधारण आयताकार (Rectangular) कासे का बना हुआ दरवाजा है जो सीधा खड़ा है इसमे प्रत्येक छोर पर डबल दरवाजे हैं। युद्ध के समय यह दरवाजा खुला हुआ था और शांति के समय यह बंद होता है। (दरवाजों का इतिहास) 

लिखे हुए आकड़ों के मुताबिक दुनिया का पहला Automatic(स्वचालित) दरवाजा पहली शताब्दी ईस्वी (1st CENTURY A.D) में रोमन मिस्र के युग के दौरान एक यूनानी विद्वान द्वारा बनाया गया था जिसे अलेक्जेंड्रिया के हेरोन के रूप में जाना जाता है। 

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पुराने दरवाजों की तकनीक – चीन 

अगर हम दरवाजों में सरलता की बात करें , तो चीन के यांग ऑफ सुई  के सम्राट जिन्होंने 604 से 618 तक शासन किया उन्हीं के शासनकाल के दौरान पहले फुट-सेंसर-सक्रिय द्वार बनाए गए थे। कहा जा सकता है कि दरवाजे में सरलता लाने में चीनियों का बड़ा योगदान रहा है । (दरवाजों का इतिहास) 

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12 वीं और 13वीं शताब्दी के दौरान, दरवाजों मह्त्व इतना था कि यह सामाजिक और आर्थिक स्थिति का ब्यौरा दे सकते थे।  “द सिंबल एट योर डोर” यानी कि आपके दरवाजे पर लगा चिन्ह (या कोई स्मारक) जो समाज में आपकी महत्ता को दर्शाता था। अलग अलग मुहरे दरवाजे पर लगायी जाती थी जो आपकी प्रतिष्ठा को जाहिर करती थी। (दरवाजों का इतिहास) 

दरवाजे क्षेत्र में आसपास उपलब्ध होने वाली किसी भी सामग्री से बनाए जा सकते थे जिसमें मुख्य रूप से तांबे और कांस्य का उपयोग किया जाता था। दरवाजे मध्ययुगीन वास्तुकला के लिए अभिन्न सामग्री थे – दरवाजे के लिए उपयोग होने वाली आधार सामग्री मुख्य रूप से मजबूत ओक की लकड़ी थी।(दरवाजों का इतिहास) 

दरवाजे चाहे किसी मंदिर के हो या किसी गिरिजाघर के या किसी आम घर के दरवाजों में लोहे की सलाखों का घुमा कर उपयोग किया जाता था जो दरवाजे को मजबूती प्रदान करते थे और देखने में दरवाजे की सुंदरता भी बड़ा देते थे। (दरवाजों का इतिहास) 

दरवाजे का इतिहास

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दरवाजा एक कला और समाज सूचक – 

16 वीं और 17 वीं शताब्दी के दौरान शिल्पकला अपने चरम पर थी। इस युग को मध्य युग और आधुनिक इतिहास के बीच का सेतु माना जाता था।  (दरवाजों का इतिहास) 

यह वह समय था जब बौद्धिक खोज प्रबल थी और कला और तकनीकों को माइकल एंजेलो और दा विंची जैसे उस्तादों द्वारा परिष्कृत किया गया था।

मूर्तिकला और शिल्प कौशल में एक नया यथार्थवाद लाने के लिए शास्त्रीय ग्रीक डिजाइनों को कैथेड्रल और स्मारकों में शामिल किया गया था।(दरवाजों का इतिहास) 

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स्पेनिश शैली के पुनर्जागरण के बाद के दरवाजे सैकड़ों हाथ से जाली लोहे के क्लैवो या कील से जड़े हुए थे।  इटली की पहाड़ियों से टस्कन शैली के दरवाजे बहुत सुंदर थे, उनकी सीमाएँ आकृतियों, पक्षियों और पत्तों से सजी हुयी होती थीं। 

कई दरवाजों में, आयताकार पैनल आधार-राहत (मूर्तिकला, नक्काशी, या मोल्ड) से भरे हुए थे, जिसमें शास्त्र विषयों को असंख्य आकृतियों को एक साथ चित्रित किया जाता था ।  माइकल एंजेलो ने इन दरवाजों को “स्वर्ग के द्वार” के रूप में वर्णित किया।(दरवाजों का इतिहास) 

यह वह समय था जब धर्मों की महत्वपूर्णता काफी ज्यादा थी। फ्रेंच दरवाजों में सबसे पहले दरवाजे कैथेड्रल धर्म के लिए बनाए गए थे। दरवाजों में उनके गॉथिक विवरण, और हथियारों के कोट, / या शाही अवधि के रूपांकनों द्वारा विशेषतया थे , फ्रांसीसी दरवाजे मुख्य रूप से देवदार की लकड़ी से बने थे।   

सबसे उच्च दर्जे के राजसी दरवाजों में ऊंची छतरियां और निकास की एक डबल रेंज (शास्त्रीय वास्तुकला आकार में कम, आधे-गुंबद को बरकरार रखते हुए) थी। (दरवाजों का इतिहास) 

सालो बाद  , फ्रांसीसी दरवाजे इस तरह की धार्मिक वास्तुकला से निकल पाय। बाद में इन दरवाजों में सुन्दर नक्काशी, चित्र, और उनके किनारे की सुन्दरता बड़ाई गयी। 

सदियों से विभिन्न संस्कृतियों में दरवाजे प्रतीकात्मक और शैलीगत रूप से विकसित हुए हैं।(दरवाजों का इतिहास) 

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निष्कर्ष :

हमने हर गुजरने वाले युग से दरवाजों को बेहतर करने के लिए कुछ नया सीखा बदलते समय के साथ दरवाजों को भी बेहतर और शानदार किया लोहे के दरवाजे, स्टील के दरवाजे, शानदार लकड़ी के प्रवेश द्वार, वाइन तहखाने के दरवाजे, फ्रेंच दरवाजे, इत्यादि ।(दरवाजों का इतिहास) 

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डच दरवाजों को बनाने  के लिए प्रेरणा और ज्ञान लिया गया है – सभी उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री के साथ डिज़ाइन किए गए हैं और  इनमे में आधुनिक और पुरानी दुनिया के सौंदर्यशास्त्र का मिश्रण साफ देखा जा सकता है। ।(दरवाजों का इतिहास) 

और यदि हम आज के युग की बात करे यानी हमारे युग की तो हमारे डिजाइन किसी से पीछे नहीं हैं, और हर तरह की शैलियों फिर चाहे वह शास्त्रीय, आधुनिक, टस्कन, फ्रेंच, आधुनिक, शास्त्रीय, और कई अन्य  भी दरवाजों का सबसे ज्यादा विकास इसी युग में हो रहा हैं।(दरवाजों का इतिहास) 

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By Nihal chauhan

मैं Nihal Chauhan एक ऐसी सोच का संरक्षण कर रहा हू, जिसमें मेरे देश का विकास है। में इस हिंदुस्तान की संतान हू और मेरा कर्तव्य है कि में मेरे देश में रहने वाले सभी हिंदुस्तानियों को जागरूक करू और हिंदी भाषा को मजबूत करू। आपके सहयोग की मुझे और हिंदुस्तान को जरुरत है कृपया हमसे जुड़ कर हमे शेयर करके और प्रचार करके देश का और हिंदी भाषा का सहयोग करे।

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