नलकेश्वर महादेव मध्य प्रदेश के प्रमुख महानगर गालव ऋषि की तपोभूमि ग्वालियर में स्थित है। Nalkeshwar महादेव से जुड़ी कई लोक कहानियां जुड़ी हुयी है। शहर की भीड़ भाड़ को पीछे छोड़ने के बाद पथरीली पहाड़ियों का रास्ता शुरू होता है और इसी घने जंगल में नलकेश्वर महादेव स्थापित है।

नलकेश्वर महादेव, ग्वालियर 

यूँ तो यह जगह ऐतिहासिक है लेकिन लोगों की नजर इसपर अब पड़ना शुरू हुई है। आज के समय में यहां हज़ारों की संख्या में इंस्टाग्रामर्स और पर्यटक फोटो खींचने के लिए पहुंचते हैं। 

वास्तविकता में जो नलकेश्वर महादेव के परम भक्त है वे तो शुरू से ही इस जगह से भली भांति परिचित है। पर्यटकों का तांता लगने का मुख्य कारण है यहां स्थित बेहद खूबसूरत ‘नलकेश्वर वाटरफाल ‘  जिसकी खूबसूरती देखकर हर कोई जरुर यहां आना चाहेगा।

Nalkeshwar Mahadev Temple, Gwalior

ना सिर्फ नलकेश्वर महादेव मंदिर बल्कि बरसात के मौसम में ग्वालियर के आसपास रहने वाले लोग भदावना , नलकेश्वर वाटरफाल और तिघरा बाँध जैसी खूबसूरत जगहों पर पिकनिक मनाने जाते है। 

नलकेश्वर महादेव, ग्वालियर का इतिहास –

नलकेश्वर महादेव वाटर फाल, ग्वालियर

मंदिर को लेके कई क्षेत्रीय और पौराणिक कहानियां प्रचलित है। ग्वालियर के नलकेश्वर महादेव मंदिर में रहने वाले मुख्य पुजारी के द्वारा बताई गई कुछ विशेष जानकारी आपके सामने पेश है – 

क्षत्रीय सम्राट महाराज मान सिंह तोमर और  गुजरी मृगनयनी का प्रेम – 

बर्षों से सुनी जा रही एक प्रमुख कहानी है ग्वालियर के क्षत्रीय राजा मान सिंह तोमर और एक गुजरी के प्रेम की। ग्वालियर शहर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में भी नलकेश्वर महादेव का गहरा संबंध है।

नलकेश्वर महादेव का इतिहास

कह्ते है कि ग्वालियर के क्षत्रीय राजा मान सिंह तोमर  को एक गूजरी से प्रेम हो गया था। राजा गूज़री के प्रेम में इतने अधिक प्रभावित थे कि वे उसके लिए कुछ भी करने को तैयार थे।  

आज से तक़रीबन 700 साल पहले नलकेश्वर महादेव मंदिर में बने दैवीय गौमुख के पानी को ग्वालियर तक पहुंचाने का काम राजा मान सिंह तोमर ने किया। यह कार्य करने के पीछे का कारण राजा का गुजरी के प्रति असीम प्रेम था।

गूजरी ने शर्त रखी थी अगर राजा पानी को ग्वालियर तक पहुंचा देंगे तो वह उनके प्रेम को स्वीकार कर लेंगी और अंत में यही हुआ। ग्वालियर के भव्य किले में आप गूजरी महल को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजा मान सिंह तोमर का प्रेम कितना असीम था। 

नलकेश्वर महादेव, वाटर फाल कैसे पहुँचे?

नलकेश्वर महादेव कैसे पहुँचे

ग्वालियर नगर निगम द्वारा नलकेश्वर महादेव  वाटर फाल तक पहुंचने के लिए वोटिंग की सुविधा उपलब्ध करायी है। आप यहाँ का सुंदर प्राकृतिक नज़ारा देखने के साथ झरने के ठंडे पानी से नहाने का लुफ्त ले सकते हैं।

पर्यटक यहां आकर खाना बनाकर खाते है और साथ ही साथ ठंडे पानी में नहाते हुए खूब आनंद उठाते हैं। हाल ही के सालो में यहा डे-शेल्टर बनाने का काम चालू है जिसमें पर्यटकों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था की जा रही है। 

ग्वालियर से नलकेश्वर महादेव वाटर फाल की कुल दूरी –  38.2 किलोमीटर है। रास्ता थोड़ा पेचीदा है इसलिए यहाँ समय अधिक लगता है। 

यह भी पढ़े –  

नलकेश्वर महादेव के आसपास पर्यटन स्थल – 

ग्वालियर के नजदीक स्थित मुख्य पर्यटन स्थलों में ग्वालियर का किला, तिघरा बाँध और भदावना जैसी खूबसूरत जगह शामिल है। 

तिघरा बाँध – 

तिघरा बाँध, Near Nalkeshwar Mahadev waterfall

वोटिंग करने के सा साथ साथ जायकेदार खाना खाने का लुफ्त लेने के लिए आप ग्वालियर के तिघरा बाँध घूमने जा सकते हैं। यहा स्थित विंड एंड वेव्स कैफेटेरिया पर काफी स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था की जाती है। 

ग्वालियर से दूरी – 19 किलोमीटर 

भदावना वाटर फाल –

भदावना वाटर फाल

प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह सबसे बेहतर चुनाव है। भदावना वॉटर फाल पर ठंडे पानी में नहाने के साथ साथ यहां बने प्राचीन मंदिरों को घुमाना आपके लिए खास अनुभव रहेगा। 

ग्वालियर से भदावना वाटर फाल दूरी – 26.9 किलोमीटर है। 

नलकेश्वर महादेव मंदिर और नलकेश्वर वॉटर फाल की सुन्दरता का लुफ्त लीजिए, लेकिन ध्यान रहे कि यह एक प्राकृतिक जगह कृपया यहा कचरा इधर उधर ना फेंके। 

By Nihal chauhan

मैं Nihal Chauhan एक ऐसी सोच का संरक्षण कर रहा हू, जिसमें मेरे देश का विकास है। में इस हिंदुस्तान की संतान हू और मेरा कर्तव्य है कि में मेरे देश में रहने वाले सभी हिंदुस्तानियों को जागरूक करू और हिंदी भाषा को मजबूत करू। आपके सहयोग की मुझे और हिंदुस्तान को जरुरत है कृपया हमसे जुड़ कर हमे शेयर करके और प्रचार करके देश का और हिंदी भाषा का सहयोग करे।

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