Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir – दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर, हिन्दुओं के मंदिर की विशेषता उनकी कला, और नक्काशी से है और पूरी दुनिया इस बात का सत्यापन करती है कि, दुनिया की सबसे शानदार कला का प्रदर्शन हिंदू मंदिरों में देखने को मिलता है। प्राचीन काल में बने इन मंदिरों में ऐसी तकनीकों का उपयोग हुआ, कि आज भी उस तरह के मंदिरों का निर्माण सम्भव नहीं है।
विज्ञान से लेके, बड़े बड़े इंजीनियर तक हिन्दू मंदिरों की नक्काशी और तकनीकों का लोहा मानते है। अनेकों शोध इस बात के लिए किए जा रहे है कि आखिर इस तरह के मंदिरों का निर्माण किस तरीके से किया गया होगा। सालों से चल रहे कई शोध भी अभी तक खाली हाथ ही है, दरअसल इन प्राचीन मंदिरों की कला और तकनीक यह द्रष्टि दर्शाती है कि आज से हज़ारों साल पहले जब यह मंदिर बने होंगे तब कि तकनीक आज से ज्यादा कारगर और आगे थी। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
आज के बने हुए मंदिर ना तो इतने मजबूत है, ना ही कोई कला है, ना ही कोई खास तकनीक है। दुनिया के 10 सबसे बड़े हिंदू मंदिरों को देखने का सौभाग्य प्राप्त करने के लिए दुनिया भर से सैलानी आते जाते है, और विज्ञान को ताक पर रखती उन कलाओं को देखने का लुफ्त उठाते हैं।
आज हम आपको विश्व के प्राचीन और सबसे बड़े हिंदू मंदिरों से अवगत करायेंगे। उम्मीद है आपको यह सफर पसंद आएगा –
Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir –
10. वैथीस्वरन कोइल
स्थान – तमिलनाडु, भारत
आकार – 15 एकड़
CREDIT OF IMAGE : SSRIRAM MT ON WIKIMEDIA COMMONS
यह मंदिर हिन्दुओ के प्रमुख देवताओ में से एक,विनाशक शिव भगवान का है। वैथीस्वरन कोइल मंदिर भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है, यह शिव मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित है।
यह शिव मंदिर नवग्रह की शिवलिंगों में से एक है और मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर इसलिए खास है क्योंकि हिन्दुओं के भगवान श्री राम इसी मंदिर में शिव जी की अराधना पूजा करते थे। वैथीस्वरन कोइल मंदिर भारत में नवग्रह स्टालम में से एक है जो अंगारक यानी कि (मंगल) का प्रतिनिधित्व करता है। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
पौराणिक कथाओं और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के कुछ शिवलिंगों की पूजा भगवान राम, लक्ष्मण, सूर्य और गिद्ध राजा जटायु ने की है।
मंदिर की अद्भुत सुंदरता अद्वितीय है, शिव शंकर के इस मंदिर में पांच मुख्य गोपुर और बड़े बड़े विशाल बाड़े हैं। मंदिर के परिसर में भगवान सुब्रमण्य, सूर्य और दुर्गा की आठ धातुओं से बनी मूर्तियां और कुछ पत्थर की मूर्तियां मौजूद हैं। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर के पवित्र जल और पवित्र राख में कई बीमारियों को ठीक किया गया है और अभी तक इससे कई बीमारियो को ठीक किया जा रहा है। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
9. मीनाक्षी अम्मन मंदिर
स्थान – तमिलनाडु भारत
आकार – 17.3 एकड़
CREDIT OF IMAGE : SUPGIRI ON WIKIMEDIA COMMONS
भारत के तमिलनाडू में स्थित विशाल मीनाक्षी अम्मन मंदिर मदुरै शहर का प्रतीक है और प्राचीन द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह हिन्दू मंदिर भगवान शिव और देवी पार्वती या मीनाक्षी को समर्पित है। भगवान शिव के कई नाम है, अलग अलग स्थानो पर उन्हें अलग अलग नाम से जाना जाता है, मदुरै में शिव जी को ‘सुंदरेश्वर’ भी कहा जाता है। मदिर का विशाल परिसर 17 एकड़ के क्षेत्र में फैला दूर तक फैला हुआ है।
मंदिर में कुल 14 ‘गोपुर’ यानी कि (पिरामिडनुमा द्वार) दरवाजे हैं जिनकी ऊंचाई भी अविश्वसनीय है। 40 से 50 मीटर ऊँचे मंदिर के यह द्वार आकर्षण का केंद्र बने हुए है। यह दरवाजे मंदिर के चार सबसे ऊंचे प्रवेश द्वार के रूप में खड़े हैं और छोटे गोपुर (दरवाजे) मुख्य मंदिरों के लिए सीधे हैं। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
मंदिर में आने के लिए चार प्रवेश द्वार है जो कि चारो दिशाओं का सामना कर रहे हैं। आने वाले सैलानी और भक्त आमतौर पर मंदिर के पूर्वी प्रवेश द्वार को पसंद करते हैं क्योंकि यह मुख्य मंदिर के लिए खुला हुआ है। मीनाक्षी मंदिर के बहुमंजिला गोपुरों (दरवाजों) में भी जानवरों, देवताओं और राक्षसों की आकृतियों को उकेरा गया है। इस तरह की कलाकृतियां देखकर प्रतीत होता है कि वैदिक काल में कला का स्थान क्या रहा होगा।
मदुरै मीनाक्षी मंदिर मूल रूप से 13 वीं शताब्दी में पांडियन राजा मालवर्मन कुलशेखर पांडियन द्वारा बनाया गया था। 14 वीं शताब्दी में, मीनाक्षी मंदिर को मुस्लिम आक्रमणकारी मलिक काफूर ने बर्बाद करने की कोशिश की थी और कुछ हद तक उसने इसे बर्बाद कर भी दिया था।
बाद में, 16वीं शताब्दी के महान नायक शासक विश्वनाथ नायक द्वारा मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया। उन्होंने कला और डिजाइन के एक प्राचीन हिंदू ग्रंथों ‘शिल्पा शास्त्रों’ के सिद्धांतों के अनुसार मंदिर को फिर से डिजाइन कराया । (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
मीनाक्षी मंदिर के बीच का मंदिर सुंदरेश्वर (भगवान शिव) और मीनाक्षी (देवी पार्वती) को समर्पित है। मीनाक्षी और भगवान शिव का गर्भगृह सोने की मोटी मोटी प्लेटों से ढका हुआ है। मंदिर का मुख्य गर्भगृह भी कई अन्य मंदिरों से घिरा हुआ है।
मीनाक्षी मंदिर के मंडप में ग्रेनाइट से बने 985 अद्वितीय स्तंभ हैं। इन खंबों पर बनी कलाकृति बेहद खूबसूरत है। कुछ खंभे नलों पर संगीत उत्पन्न करते हैं। मंदिर में एक आर्ट गैलरी भी प्रदर्शित की गई है जो प्राचीन भारतीय मंदिर वास्तुकला को दर्शाने वाले चित्र, फोटो और चिह्न प्रदर्शित करती है। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
8. जंबुकेश्वर मंदिर
स्थान – तमिलनाडु, भारत
आकार – 18 एकड़
CREDIT OF IMAGE : BALAJI VISWANATHAN ON ENGLISH WIKIPEDIA
हिंदू धर्म की अनुसार संसार या ब्रम्हांड का निर्माण पांच तत्वों से हुआ है, जिसमें – अग्नि (आग), जल (पानी), भूमि (जमीन),आकाश (आसमान) शामिल है। हिन्दू संस्कृति के अनुसार तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में जम्बुकेश्वर या तिरुवनैकवल शिव मंदिर ‘पंचभूत स्थलम’ में से एक है, जिसका अर्थ है पांच शिव मंदिरों में से एक जो पांच महान तत्वों (भूमि, जल, वायु, आकाश और अग्नि) का प्रतिनिधित्व करते है। तमिलनाडु में स्थित ‘पंचभूत स्थलम’ के चार शिव मंदिर आंध्र प्रदेश में है।
तिरुवनैकवल मंदिर ‘पानी’ का प्रतिनिधित्व करता है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में एक भूमिगत जल धारा भी है। मंदिर के मुख्य देवता जंबुकेश्वर हैं, जो भगवान शिव का ही एक रूप है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह माना जाता है कि एक बार माँ अकिलंदेश्वरी (जो कि साक्षात देवी पार्वती का अवतार है ) ‘कैलासम’ ( यानी कैलाश पर्वत) से तपस्या करने के लिए इसी जगह पर आई थीं। उन्होंने कावेरी नदी के पानी से एक “लिंगम” (लिंग) बनाया।
यही कारण है कि तिरुवनैकवल मंदिर प्रकृति के प्रमुख तत्वों में से एक, पानी या नीर का प्रतिनिधित्व करता है। तिरुवनैकवल मंदिर के शिव लिंग को ‘अप्पू लिंगम’ के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है पानी से बना लिंग। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
तिरुवनाइकवल मंदिर का निर्माण पहली शताब्दी में सम्राट कोसेनगन्नन चोल द्वारा कराया गया था। मंदिर में चोल काल के कई शिलालेख और मूर्तियां भी हैं। जंबुकेश्वर मंदिर परिसर में कुल पांच बाड़े हैं। मंदिर परिसर की विशाल बाहरी दीवार जिसे विबुधि के नाम से जाना जाता है, दीवार की लंबाई करीब 1 मील और ऊंचाई कम से कम 25 फीट है।
सैलानियों के लिए मंदिर के स्तम्भ आकर्षण का केंद्र रहते हैं। मंदिर के चौथे बाड़े में कुल 196 स्तंभ हैं। इसके अतरिक्त एक छोटा टैंक भी है जो प्राकृतिक झरनों द्वारा भरा जाता है। मंदिर के बीच के परिसर में 100 फीट और 73 फीट ऊंचे दो गोपुर (दरवाजे) हैं। मुख्य मंदिर, अप्पू लिंग मंदिर के भीतरी परिसर में पाया जा सकता है।
7. एकंबरेश्वर मंदिर
स्थान – तमिलनाडु, भारत,
आकार – 23 एकड़
CREDIT OF IMAGE : HSARVA ON WIKIMEDIA COMMONS
भारत के तमिलनाडू के धार्मिक शहर kanchipuram में एकंबरेश्वर मंदिर सबसे बड़ा मंदिर है। यह मंदिर ईश्वर शिव को समर्पित है। यह मंदिर भी jumbekaswar मंदिर की तरह पाँच तत्वो में से एक पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है। मंदिर का आकार कुल 23 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।
मदिर की कुल ऊँचाई करीब 59 मीटर है। यह शिव मंदिर भारत के सबसे प्राचीन और बड़े मंदिरों में से एक है। 59 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ मंदिर का प्रवेश द्वार राजा गोपुरम के नाम से जाना जाता है जो कि अपने आप में एक Tower जैसा दिखता है । यह दरवाजा या गोपुरम भारत के सबसे ऊँचे दरवाज़ों में से एक है। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
मंदिर के रहस्य –
मंदिर का इतिहास कुल 650 ईशा पूर्व का है जब चोल वंश के महान शासक परंथका चोल ने मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराया था। मंदिर की खासियतें कई है जिनमें से एक खासियत यह है कि मार्च और अप्रैल के महीनों में, सूर्य की किरणें सीधे एकंबरेश्वर मंदिर के मुख्य शिव लिंग पर पड़ती है । मंदिर परिसर में पांच अलग-अलग प्रांगण हैं जो काफी विस्तार से फैले हुए हैं ।
जब आप मंदिर के अंदर आते है तो आपको एक और अजूबा देखने को मिलता है शायद ही यह नज़ारा आपको कहीं और देखने को मिल सके,मंदिर की दीवार पर एक साथ 1008 शिव लिंग को सजाया गया है। यह भव्य दृश्य किसी भी शिव भक्त के लिए आम नहीं है। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
मंदिर का रोमांच अभी खत्म नहीं होता, जैसे जैसे आप मंदिर में आगे की तरफ प्रवेश करेगे आगे आपको एक बड़ा होल मिलेगा जो वास्तविकता में किसी सपने की कल्पना प्रतीत होता है। एक साथ हज़ारों की संख्या में नक्काशी दार स्तंभ बने हुए हैं जिसे वहां की स्थानीय भाषा में ‘अयिराम काल मंडपम’ कहा जाता है। मंदिर के बारे में एक तथ्य और भी है, जो रहस्यमयता से भरपूर है, कहा जाता है कि मंदिर के नीचे एक गुप्त नदी बहती है जो पूरी तरह से भूमिगत है।
6. अन्नामलैयार मंदिर
स्थान – तमिलनाडु, भारत
आकार – 25 एकड़
भारत के 10 सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक, तमिलनाडू के तिरुवन्नामलाई में स्थित अन्नामलाईयार मंदिर बेहद भव्य और आस्था का प्रमुख केंद्र है।
यह मंदिर भी ऊपर के मंदिरों की तरह पाँच भू तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है। जिसमें यह मंदिर अग्नि यानी आग का प्रतिनिधित्व करता है। हिन्दुओं के प्रमुख देवता शिव को समर्पित यह मंदिर अरुणाचलेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर में बने मुख्य शिव लिंग को कई बार “अग्नि लिंग” के नाम से संबोधित किया जाता है। इस मंदिर में माता पार्वती की पूजा ‘उन्नमुलाई अम्मन’ के रूप में की जाती है।
आज मंदिर का जो निर्माण सबके सामने है उसका निर्माण कोला शासकों द्वारा 9वीं शताब्दी में कराया गया था जिसमें मंदिर का परिसर और लंबे लंबे tower (gopur) बनाए गए थे । अन्नामलाईयार मंदिर की संरचनाओं के बारे में कई शिलालेख मौजूद है जो इस बात की पुष्टि करते है। यह मंदिर परिसर 10 हेक्टेयर भूमि को कवर करता है। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
मंदिर इतनी विशाल जगह में फैला है इसीलिए इसमे कई बड़े बड़े हॉल और चार मुख्य विशाल प्रवेश द्वार हैं। परिसर में प्रवेश करने के लिए सबसे ऊंचे गेटवे टावर की ऊंचाई करीब 217 फीट है। इसके अतरिक्त के भीतर विजयनगर के महान राजा सम्राट कृष्ण देवराय द्वारा बनवाये गए 1000 स्तंभों वाला एक विशाल हॉल भी है।
मंदिर के ऊँचे टावरों और स्तंभों के साथ साथ पूरे मंदिर में अद्भुत कला का प्रदर्शन किया गया है जिन्हें देख कर आँखों को विश्वास नहीं होता कि इतनी उम्दा कारीगरी कैसे की जा सकती है। मंदिर को कई तरह की विशाल और छोटी छोटी उत्कृष्ट मूर्तियों से सजाया गया है।
5. बेलूर मठ
स्थान – कोलकाता, भारत
आकार – 40 एकड़
CREDIT OF IMAGE : KUNAL DALUI ON WIKIMEDIA COMMONS
दुनिया भर में मशहूर यह मंदिर वास्तविकता में एक आध्यात्मिक केंद्र है जो हर हर धर्म में शांति के चित्र को प्रमाणित करता है। मंदिर का निर्माण 1897 में स्वामी विवेकानंद कराया गया था यह मंदिर एक मंदिर होने के साथ साथ रामकृष्ण मिशन का एक भव्यअंतरराष्ट्रीय मुख्यालय भी है।
बेलूर मठ की सबसे दिलचस्प विशेषता यह है कि कहीं से भी देखने पर यानी कि किसी भी कोण से देखो तो यह मंदिर, चर्च या मस्जिद जैसा दिखता है। मंदिर हिंदू, इस्लामी, बौद्ध, राजपूत और ईसाई स्थापत्य शैली के मेल को दर्शाता है। बेलूर मठ को दुनिया के सभी धर्मों की एकता का प्रतीक भी माना जाता है। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
1898 में बेलूर मठ की आधारशिला रखने के अवसर पर स्वामी विवेकानंद ने कहा, “यह स्थान जो आध्यात्मिक प्रकाश उत्सर्जित करेगा, वह पूरे ब्रह्मांड को ग्यान ज्ञान और आध्यात्मिकता से भर देगा।” बेलूर मठ का पूरा परिसर कुल 40 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है।
यह मठ परिसर श्री रामकृष्ण, स्वामी विवेकानंद और पवित्र माता, श्री शारदा देवी के लिए समर्पित मंदिर हैं। मंदिर के मुख्य द्वार में अलग अलग धर्मों के प्रतीक हैं। बेलूर मठ के संग्रहालय में श्री रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद द्वारा उपयोग की जाने वाली विभिन्न कलाकृतियां भी हैं। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
4. थिलाई नादराजा मंदिर
स्थान – तमिलनाडु, भारत
आकार – 40 एकड़
CREDIT OF IMAGE : KARTHIK EASVUR ON WIKIMEDIA COMMONS
Bhagvan shiv को समर्पित यह, मंदिर भारत के तमिलनाडू राज्य के चिदंबरम शहर में स्थित है। यह नटराज मंदिर अनाद तांडव मुद्रा (नादराज) में भगवान शिव को समर्पित है।
यह शिव मंदिर पंचभूत स्थलों में से एक । पाँच तत्वों में से यह आकाश “आसमान” का प्रतिनिधित्व करता है। मंदिर में बनी शिव लिंग बेहद प्राचीन है और उसे आकाश लिंग के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर ऐतिहासिक है और अपने साथ कई कलाओं का समायोजन किए हुए है। यह विशाल मंदिर कुल 40 एकड़ भूमि में पसरा हुआ है। मंदिर परिसर में मुख्य शिवलिंग मंदिर के केंद्र में स्थित है। इसके अतरिक्त मंदिर के गर्भ गृह में शंकर और पार्वती के बेहद प्राचीन चित्र भी अंकित है।
भारत के कई प्राचीन शासकों के द्वारा समय समय पर इस मंदिर का जीर्णोद्धार होता रहा है। मंदिर के जीर्णोद्धार कराने में – चोल, पंड्या, विजयनगर, पल्लव आदि राजवंश शामिल थे।
मंदिर के बारे में काल्पनिक बाते है जो इस मंदिर को ब्रम्हांड के कमल का केंद्र बताती है। इस कल्पना को विराट हृदय पदम स्थानम’ के रूप में जाना जाता है। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
मंदिर के गर्भ गृह में लकड़ी के ढांचे में नटराज और शिवलिंग है। मंदिर में एक प्राचीन तलाब और एक बड़ा कमरा है जिसमें एक हजार स्तम्भ बने हुए हैं। खंबे वाले इस हिस्से को राजसभा के नाम से जाना जाता है।
मंदिर के चार द्वार या गोपुर है जो चारो दिशा को दर्शाते है। दरवाजों की ऊंचाई 250 फिट से भी ज्यादा है। दरवाजों पर की गयी नक्काशी में कई हिन्दू मूर्तियां बनी हुयी है।
3. अक्षरधाम
स्थान – दिल्ली, भारत
आकार – 100 एकड़
छवि का श्रेय : विकिमीडिया कॉमन्स पर वैभव शुक्ला
वास्तविकता में बड़ा मंदिर क्या होता है वह आप भारत की राजधानी दिल्ली में आकर अक्षरधाम मंदिर में देख सकते हैं। मंदिर की सुंदरता अद्वितीय है। मंदिर में हिंदुओं के देवताओ की मूर्तियां है इसके अलावा इस मंदिर को अध्यात्मिक मंदिर माना जाता है। मंदिर कुल 100 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। भारत मे इस मंदिर को हिन्दू संस्कृति की कलाकृति, अध्यात्म और पूर्वजों का प्रतीक माना गया है। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
मंदिर के बीच वाले हिस्से में हिंदू देवता शिव और देवी पार्वती, राम सीता, राधा कृष्ण और विष्णु लक्ष्मी की बेहद सुन्दर मूर्तियां बनी हुयी है। मंदिर का निर्माण बीएपीएस संगठन के आध्यात्मिक नेता प्रमुख स्वामी महाराज ने कराया। मंदिर का निर्माण बलुआ और संगमरमर से हुआ है।
यह मंदिर प्राचीन काल में हिंदू सभ्यताओं में जानवरों के श्रय को दर्शाता है। मंदिर में शानदार हाथियों, पक्षियों और मानवों की कई मूर्तियाँ है। यह मूर्तियां पूरी तरह गुलाबी पत्थरों में उकेरी गयी है। 1070 फीट लंबा गजेंद्र पीठ भारत के पूर्वजों और प्रकृति के साथ गहरे संबंध का भी प्रतिनिधित्व करता है।
मंदिर के मुख्य स्मारक में 234 नक्काशीदार सुन्दर स्तंभ और नौ गुंबद हैं। इसमें हिंदू देवताओं, पौधों, जानवरों और कलाओं के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ साथ शानदार नक्काशी भी शामिल है। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
2. श्री रंगनाथस्वामी मंदिर
स्थान – श्रीरंगम, तमिलनाडु, भारत
आकार – 156 एकड़
CREDIT OF IMAGE : MELANIE M ON FLICKR
156 एकड़ की विस्तृत भूमि में फैला श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, भारत का सबसे बड़ा मंदिर है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू राष्ट्र है इसके बावजूद भी यहां का सबसे बड़ा मंदिर, दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर नहीं है। हालांकि श्री रंगनाथस्वामी मंदिर की विशालता भी काफी लोकप्रिय है। यह मंदिर वैकुंडम और भोगमंडलम नाम से भी जाना जाता है।
Bhagvan विष्णु को समर्पित यह मंदिर उनके कई अवतारों को दर्शाता है। यह मंदिर प्राचीन द्रविड़ धार्मिक संरचनाओं से भरपूर है। कला की दृष्टि से यह मंदिर सबसे लोकप्रिय और सबसे भव्य मंदिर है। मंदिर में मिले शिलालेख इसका इतिहास बताते है कि यह मंदिर कई राजवंशों द्वारा जीर्णोद्धार किया गया जिसमें चोल, पंड्या, पल्लव आदि राजवंश शामिल हैं।
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में 21 मीनारें और 39 मंडप हैं। इसके अलावा मंदिर का 236 फीट की ऊँचा गोपुर राजगोपुरम के नाम से जाना जाता है। यह एशियाई महाद्वीप का दूसरा सबसे ऊंचा मंदिर (गोपुर) टॉवर है।
1. अंगकोर वाट मंदिर
स्थान – कंबोडिया
आकार – 500 एकड़
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंगकोर वाट मंदिर है जो दुनिया के किसी भी धार्मिक स्थल से बड़ा है। कंबोडिया में बना अंगकोर वाट मंदिर करीब 500 एकड़ की विशाल भूमि में फैला हुआ है। मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल (UNESCO) घोषित कर दिया गया है और यह मंदिर कंबोडिया का प्रतीक है।
अंगकोर वाट मंदिर में सैकड़ों पत्थर के मंदिर और खमेर साम्राज्य के अवशेष शामिल हैं। यह सबसे बड़ा मंदिर परिसर 12वीं शताब्दी में खमेर राजा सूर्यवर्मन द्वितीय द्वारा बनवाया गया था। अंगकोर वाट मंदिर मूल रूप से भगवान विष्णु को समर्पित था और बाद में, यह एक बौद्ध परिसर बन गया। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
अन्य हिंदू मंदिरों के विपरीत, अंगकोर वाट पश्चिम की ओर है। पुरातत्वविदों का मानना था कि अंगकोर वाट केवल एक मंदिर ही नहीं बल्कि एक समाधि भी है। सौरवर्मन के कुशल श्रमिकों ने सबसे बड़े धार्मिक परिसर के निर्माण के लिए मुख्य सामग्री के रूप में केवल बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल किया। अंगकोर वाट वास्तव में पवित्र मेरु पर्वत का चित्रण है। मंदिर का बीच का हिस्सा 65 मीटर की ऊंचाई पर चार छोटे छोटे टावरों से घिरा हुआ है।
मंदिर के पश्चिम की ओर बने मुख्य प्रवेश द्वार में मूर्तियों कई तरह की नक्काशी की सजावट है। मंदिर के भीतर बलुआ पत्थर से बनी भगवान विष्णु की 3.2 मीटर ऊंची प्रतिमा है । अंगकोर वाट मंदिर का बीच का परिसर तीन मंजिला है। (Duniya ke Sabse Bade Hindu Mandir)
प्रत्येक मंजिल की गैलरी में कमल की कली के आकार का एक मीनार भी है। बुद्धों की गैलरी में भगवान बुद्ध की सैकड़ों छवियां हैं। अंगकोर वाट की भीतरी दीवार को भी हिंदू महाकाव्य रामायण और महाभारत के महत्वपूर्ण दृश्यों से सजाया गया है।
यह भी पढ़े :
- दुनिया की 10 सबसे लंबे पैरों वाली महिलाएं | Duniya Ki Sabse Lambe Pair wali mahilaye (LONGEST Legs )