Khud ko Maaf kaise kare?खुद को माफ कैसे करें? Khud ko Maaf kaise kare? अपनी अतीत की कुछ ऐसी गलतियां जो आज भी जैसे ताजे जख्म की तरह आपको परेशान और विचलित करती है तो आप सही तरह का लेख पढ़ रहे है और यह पूरी तरह से आपके लिए ही है। अचानक से इस तरह की बैचैनी उठना बहुत दुखद और दर्द नाक महसूस होता है ऐसा प्रतीत होता है कि शायद आपसे बुरा और नीच व्यक्ति इस जमीन पर कोई है ही नहीं?
इतने लंबे समय के गुजरने के बाद भी, वह बात हर बार आपको तड़पा जाती है और आखिर कब तक यह सिलसिला चलेगा। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
आपसे कुछ ऐसा हो जाता है, जिसे आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर नहीं कर सकते यहां तक कि खुद में भी उस सच का सामना करने की हिम्मत नहीं है। अब इस दर्द को कैसे हल्का करू? कौन मेरी यह व्यथा समझेगा?
मुझे तो ऐसा लगता ही नहीं, कि मेरा यह गुनाह माफ़ करने के लायक भी है, मुझे कौन माफ़ करेगा वह इंसान तो करेगा ही नहीं क्या में खुद को भी कभी माफ़ कर पाउंगा?
इस तरह की मानसिक स्थितियां कभी कभी आपको पूरी तरह तोड़ मरोड़ देती है और आप जानते है कि आप को उस बारे में नहीं सोचना पर फिर भी बिन बुलाए मेहमान की तरह वह विचार, वह घटना आपके मस्तिष्क में घुसी चली आती है। अब इसका इलाज क्या है? क्या यह कभी रुक सकता है? इसकी तो कोई दवाई भी नहीं है, अब कैसे में इससे बाहर निकालूँगा?
हालांकि मैं यानि लेखक, मेरी इस मामले में एक यही निजी सलाह है कि यह कोई ऐसी बात नहीं है जो एक झटके में भुलाई जा सके यदि ऐसी होती तो आप अबतक इसको भुला चुके होते। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
कभी मुझे भी अतीत का यह साया सहमा देता था। कभी नहाते हुए बाथरुम में तो कभी , यूँही कहीं किसी सुंदर मुस्कराती हुयी शाम को गमगीन बना देता था। आखिर गलती हो गयी थी, एक ऐसी गलती जिसे सुधरना शायद मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था और है और रहेगा। किसी ऐसे इंसान की तरह हमारे अतीत की कुछ गलतियां हमारे जेहन में रह जाती है जैसे कोई प्यारा इंसान दुनिया को छोड़कर चला जाता है और अपनी यादें छोड़ जाता है। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
और फिर यादों के सहारे जीना बड़ा आसान है असली दर्द को इनका है जो गलतियां कभी गलती से या जानबूझ कर की गई और आज तक आपको घेर ही लेती है। अब तो वह इंसान भी नहीं है जिसके साथ आपने गलत किया पर फिर भी यह गलतियां आपका पीछे लगी ही हुयी है।
क्या आपने सोचा है कि आखिर वही घटना क्यों बार बार याद आती है, कोई और क्यों नहीं? गलतियां और गुनाह तो आपने अनगिनत ही किए होंगे पर यही वाली घटना क्यों आपको तड़पाती है? इसके पीछे एक विशेष कारण है।
वह कारण यह है कि वह व्यक्ति आपके लिए खास और अजीज था, आपके दिल में उसके लिए कहीं ना कहीं थोड़ी बहुत जगह थी , शायद आपको पता भी ना हो पर वह इंसान आपके लिए बाकियों की तुलना में थोड़ा अलग और अजीज था और इसके बावजूद भी आपने उसके साथ गलत किया इसलिए सिर्फ वही घटना और वही इंसान आपको आज तक mentally torcher कर रहे हैं ।( Khud ko Maaf kaise kare?)
अब हम समझते है कि आखिर अपने अतीत की गलतियों से पीछा कैसे छुड़ाया जाए :
1.उससे भागीऐ मत, उसका सामना कीजिए
जब भी वह खयाल आपके जेहन में आता है आप उस समय उसको बस जल्दी से निकाल देना चाहते हैं और हर बार जब जब वह खयाल आता है आपने उसके विपरीत यही योजना अपनाई है। पर यह किसी बीमारी की तरह है जिसका पूरा इलाज ना करने पर वह वापस आपको जकड़ लेती है।
अब कि बार जब वह विचार अचानक से आए तो आपको उससे भागना नहीं है बल्कि वही कहीं एकांत में बैठकर उसका ऑपरेशन करने लग जाना हैं। आपको उस समय खुद से कुछ सवाल करने होंगे कुछ इस तरह के :
- क्या वह इंसान सच में मासूम था?
- क्या सचमुच सिर्फ आपकी ही गलती थी?
- शायद वह घटना असलियत में एक गलती ही थी?
आपको कई तरह के ऐसे सवाल करने है जो उस घटना के विपरित है। अभी तक उस घटना के गुनाहगार आप थे पर अब आपको यह उल्टा कर देना है, आपको उसी इंसान को इस गलती के लिए जिम्मेदार ठहराना है इस तरह से नहीं over ऑल उसके पूरे व्यावहार को देखते हुए। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
जैसे कोई वकील कोर्ट में अपने क्लाइंट के लिए केस लड़ता है उसी प्रकार आपको यह केस अपने मन में लड़ना है। जब भी वह विचार आए और मुझे विश्वास है कि आप से बेहतर आपका यह केस कोई नहीं लड़ पाएगा और चंद तारीख़ों (यानि कि जितनी भी बार वह विचार आए आपको यह करना है) में ही आप अदालत से बरी हो जाएंगे। इस तरह से वह विचार आपके जहन से हमेशा के लिए उठ जायेगे।
2. अपने भीतर के आलोचक से बातचीत करें
अपने मन में उठने वाली अपनी आलोचनात्मक भावनाओ को रोकने का प्रयास करे और उन्हें समझाये की किस तरह से आप दोषी नहीं है और वह बस एक एक्सीडेंट था । अपने आप को समझाये की – यदि मेरी प्रवर्ती उस तरह के बेकार और गलती करने वाले इंसान की होती तो में लगातार अपने गुनाह बढ़ाते जाता पर देखों ऐसा नहीं है। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
आज में कितना अच्छा हूँ, आज में कोई गलत काम नहीं करता यकीन मानिये वह बस एक एक्सीडेंट था जब पूर्व में मुझसे कुछ गलती हो गयीं और यह मेरी अपनी भलाई है कि में एक्सीडेंट में हुयी उस घटना के लिए आज भी पश्चाताप कर रहा हूं।
आपको अपने आलोचनात्मक विचारों से निबटने के लिए खुद का साफ सुथरा पक्ष रखना और चाहिए और अपने आप का एक अच्छा संस्करण खुद के सामने पेश करे। ऐसा करने से आप अपने आलोचनात्मक विचारो को मिटा भी देते है और इससे आपका आत्मविश्वास और आत्मसम्मान भी बढ़ता है।
3. ध्यान दें जब आप आत्म-आलोचनात्मक हो रहे हों
आपको अक्सर उन पॉइंट्स को नोट करना चाहिए जो आपके दिमाग को आलोचक बनाते हैं। जब भी कोई विचार आपकों परेशान करने की कोशिश करें, तो उस विचार को लिख लीजिए और बाद में अपने उचित सकारात्मक विचारों के साथ उन्हें खत्म कर दीजिए। आपको हमेशा अपने दिमाग पर नजर रखनी होती है कि कब आपका दिमाग आपके ही खिलाफ हो जाएगा और कोशिस करके अपने विचारों पर इतना काबु पाए कि ये विचार आपके विरुद्ध ना जा सके। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
हालांकि कभी कभी हमारे दिमाग का आलोचनात्मक होना हमे कई मुसीबतों से बचाता भी है। हमे जरूरत है कि हम अपने और अपने विचारो के बीच में एक नपा तुला संतुलन बनाए जिसमें आपका दिमाग आप पर हावी ना हो पाए।
4. विचारों को होल्ड पर डालना सीखें
हर बार यदि आप अपने दिमाग या दिल से चलेंगे तो मुसीबत में aa सकते है इसलिए अपने कुछ विचारों को होल्ड पर डालने की कला को विकसित करे।
कई बार ऐसा होता है, कि अचानक से हमारे मन में निगेटिव विचार आते है और आप यह अच्छी तरह समझते है कि इस समय आपके मन में इन विचारों का रहना ठीक नहीं है परंतु फिर भी आप उन पर काबु नहीं पाते।
उदहारण के लिए – आप जब घर पर होते है, तो क्या आप पापा के सामने सिगरेट पी सकते है? हालांकि आपके मन में विचार आता है, कि आपको पीना है परंतु पापा के नाम का विचार उस विचार से अधिक मज़बूत है इसलिए गलती से भी कभी आप घर पर कुछ भी गलत करने की गुंजाईश नहीं रखते। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
ठीक इसी तरह अपने मन के उन विचारो को हावी ना होने दे उन्हें डरा कर रखे और समझाइश दे की आप उनसे बाद में सुलझ लेंगे।
5. नकारात्मक प्रभाव को बदले
यदि कुछ ऐसे विचार आपको विचलित करते है कि आप जो कर चुके है या कर रहे हैं या फिर करने वाले है वह गलत है तो ऐसे में आपको एक बहुत ही सुरक्षित तरीका अपनाना चाहिए। तरीका इस प्रकार है :
एक लंबा पेज ले और उस पेज के एक तरह अपने सारे वह विचार लिखे जो आपको करकोदने में लगे है कि आप गलत है। आप इन विचारो को ठीक तरह से सोच समझ कर लिखे ताकि बाद में किसी भी तरह का नकारत्मक सवाल आपके जहन में ना उठे। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
इसके बाद सहूलियत से पेज के दूसरी तरफ अपने वह विचार लिखे जिसके बल बूते पर आपने पूरा फैसला लिया था या लेना है, या आगे लोगे। लिखते समय इस काबिलियत से लिखना की आपके मन में उठने वाले सभी नकारत्मक विचारों को सटीक जबाब दिया जा सके।
दूसरे तरफ लिखे गए आपके सभी जबाब आत्म-दयालु और तर्कसंगत होने चाहिए ताकि आपका आलोचक मन दोबारा आपके विचारो पर कोई टिप्पणी ना कर पाये और आप अपनी पूरी आत्मशांति के साथ अपना फैसला ले सके। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
6. आप जो चाहते हैं उसके बारे में स्पष्ट हो जाएं
कोशिश किया करे कि आप अपने मन में ऐसे ही विचारो को रखे जो पूरी तरह से सिर पांव वाले हो । अनावश्यक विचार आपके आलोचक मन को आप पर हावी होने का मौका बना लेते हैं।
ऐसे में जब भी कोई फैसला लेते है उसे एक बार में सटीकता से समझने की आवश्यकता है, और जैसे ही आप एक बार चीजों को समझ लेते है तो बस, आपको अपने फैसले से स्पष्ट हो जाना चाहिए जैसे कि “मै दोषी नहीं हूँ, तो नहीं हूँ” बस हो गया फैसला। आपके स्पष्ट फैसले आपके आलोचक मन को किसी भी प्रकार का मौका नहीं देते है।( Khud ko Maaf kaise kare?)
हालांकि समय समय पर आपको इसकी भी सुननी चाहिए पर ऐसे विचारों पर बिल्कुल भी नहीं जिन्हें गुजरे हुए समय हो गया आने वाले समय में लेने वाले फैसलों के लिए आपको अपने आलोचक मन को भी साथ काम करने देना चाहिए ताकि सभी चीजों पर विचार किया जा सके और आपको स्थिति का एकदम सटीक ग्यान हो। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
7. खुद की सलाह ले
कईयों बार आप अपने दोस्तों को सलाह देने के लिए इतने परम ज्ञानी बन जाते है कि क्या ही कहने, फिर आप अपनी खुद की निजी समस्याओं में कैसे उलझे रह सकते हैं। यहां हमारे कहने का यह मतलब बिलकुल भी नहीं है कि आप अपने किसी निजी कुकृत्य को अपने मित्र को बताकर उससे सलाह ले, नहीं, नहीं! ऐसा कभी भी मत करियेगा यदि गलती से भी ऐसा करते है तो यह आपके लिए और घातक ही हो जाएगा।
हम बस आपको इतना समझाने की कोशिश कर रहे है कि जैसे कि आपने इतने लोगों को अपनी बहुमूल्य सलाह दी है, तो यह पैंतरा खुद पर आजमाने में क्या हर्ज है?
और यह काम करता है इस बात की वैज्ञानिक पुष्टि भी हुयी है कि आप किसी और व्यक्ति से ज्यादा खुद के विचारों पर ज्यादा अमल करते है और ध्यान देते है। ऐसे मे बस आपको खुद ही खुद को एक सलाह देनी है, कि किस तरह से आप खुद को माफ़ कर सकते हैं। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
8. अपनी गलतियों का गाना गाते रहना बंद करे
आप बार बार उन्हीं विचारो को मन में दोहरा कर खुद को जबरजस्ती दोषी साबित करने नाकाम कोशिश को छोड़े। अपने मन में प्रण ले की आप अपनी गलतियों का गाना बजाना बंद कर देंगे।
बार उन्हीं गलतियों को याद करके दुखी होना, आपको सिर्फ कमजोर बनाता है आप काबिल है और अपनी ग़लतियों को स्वीकार कर आगे बड़ने का दम रखते हैं।
इंसानों की शायद सबसे खराब आदत यही है कि वह कुछ बातों से इतना अधिक जुड़ जाता है कि वह उन्हें तब भी नहीं छोड़ना चाहता जब वह चीजे उससे तकलीफ पहुंचा रहीं होती है।
अपनी गलतियों का पश्चाताप करना एक अलग बात है और अच्छी बात है सबको ही करना चाहिए परंतु जब आपका पश्चाताप आपके लिए जंजाल बन जाए ऐसी स्थिति में आने से पहले ही आपको उन विचारो को दाब देना चाहिए। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
फिर कभी जेहन में लाने के लिए सोचना भी नहीं चाहिए और यदि आते भी है तो उन्हें उतनी तव्वजो नहीं दी जाए तो वह खुद ही वापस चले जाएंगे किसी रूठे हुए मेहमान की तरह।
9. खुद के प्रति दया और करुणा दिखाएं
इतना रुखापन वो भी खुद से? ये तो गलत बात है, कम से कम आपको खुद के प्रति थोड़ी रियायत वर्तनी चाहिए। खुद के लिए ज़्यादा सख्ती दिखाना भी ठीक नहीं है।
जब आप अपने आप से पेश आते है, तो यह ठीक नहीं है, यदि किसी नकारात्मक स्थिति के प्रति आपकी पहली प्रतिक्रिया स्वयं की आलोचना करना है, तो यह समय अपने आप को कुछ दया और करुणा दिखाने का है।
खुद के प्रति क्षमा की यात्रा शुरू करने का एकमात्र तरीका है कि आप स्वयं के प्रति दयालु और करुणामय हो जाए ।
इसमें समय, धैर्य और खुद को याद दिलाने की जरूरत है कि आप क्षमा के योग्य हैं। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
10. सबक ले आगे बढ़े
दुनिया में कोई महान नहीं है हर इंसान से गलती होती है आप कोई अकेले इंसान नहीं है जिसने अपने अतीत में गलतियां की है। दुनिया में तो ऐसे लोग है जो गलती करके उन्हें शौक से दोहराते है और उन्हें इस बात का नाममात्र भी दुख या पश्चाताप नहीं होता। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
आप एक अच्छे इंसान है, क्योंकि आपके मन ने आपको आपकी मानिसक सजा दी और अब जब आप अपनी गलतियों के प्रति जिम्मेदार महसूस करते है तो यह समय आपको अपनी गलतियों से सीखने का और जिन्दगी के नए आयामों को समझने का है।
आपने गलती की आपने पश्चाताप किया और आपने उस गलती से यह सीखा की फिर कभी जीवन में आप वैसी गलती नहीं दोहराएंगे। बस इतनी सी बात है, और आपको आगे बढ़ जाना चाहिए। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
11. अध्यात्म से जुड़े
इंसान को यह समझने की जरूरत है कि बिना अध्यात्म के उसका जीवन पूरी तरह व्यर्थ और अधूरा है। अध्यात्म ज्ञान में आपके हर छोटे बड़े सवाल का तर्क पूर्ण जबाब है। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
अध्यात्म आपके जीवन को नई दिशा और नए बेहतर दिशा निर्देश देता है जिससे आपका जीवन खूबियों और खुशियो से पूरी तरह भर जाता है। यदि आप अध्यात्म से पूरी तरह वाकिफ़ नहीं है, या आपको कोई संदेह है तो नीचे दी गई यह किताब आपके हर संदेह का जबाव है :
12. अपने विचारो को तव्वजो दे, उन्हें लिखे
आपके मन में जब भी कोई ऐसा विचार आए, तो आप तुरंत ही उसे लिख ले और बाद में जब आप उसे लिख लेंगे आपको अपने मन में एक अलग ही सहूलियत महसूस होगी। इस तरह से आप खुद को और खुद के मन को और बेहतर ढंग से समझ पायेगे और उसे अपने आप से नियन्त्रित करने लगेंगे।
लिखने के लिए आपके पास अपनी भावनाओं से जुड़ी एक डायरी होने चाहिए वह डायरी इस तरह की भी हो सकती है, जिसे आपके अलावा कोई खोल ही ना सके। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
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निष्कर्ष –
गलतियां सिर्फ गलतियां होती है जिन्हें तभी माफ़ किया जा सकता है जब गलती करने वाला इंसान स्वयं उसका पश्चाताप करे और उसे एहसास हो कि उसने जो भी किया वह गलत था।
हमे हर समय अपनी गलतियों को लेके नहीं बैठना चाहिए, दुनिया में इंसान गलतियां करके ही सीखता है, अपनी गलती से सीख लेकर आगे बढ़ना ही सबसे अच्छा विकल्प है।
यदि आपको अपनी गलतियों को याद करके खुद पर क्रोध आता है, तो आपको खुद से प्यार करने की जरुरत है क्योंकि आप दुनिया के उन इंसानो में से है जो वास्तविक इंसान है। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
खुद को दोष देना छोड़े और जीवन में आगे बढ़े, लोगों की मदद करे आपको अच्छा लगेगा, और आप बहुत जल्दी ही ठीक हो जाएंगे।। ( Khud ko Maaf kaise kare?)
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