दोस्तों काफी ख़ास और जरूरी जानकारी के साथ आज हम आपको बतायेंगे मन को शांत और स्थिर कैसे करें? । हमारा मस्तिष्क हमारी सहमती में कार्य करता है उसमें विवेचनात्मक पहलूओं की चर्चा की जाए तो हमे पता चलेगा कि असल में हमारा दिमाग हमारा मन उस तरफ आकर्षित रहता है जहां आप नहीं सोचना चाहते। सवाल बहुत सारे है जैसे कि
- हमारा मन दुखी क्यु होता है?
- मन में अशांति क्यु होती है?
- मन में उठने वाले गैर जरूरी विचारों को काबु कैसे करे?
- मन को शांत कैसे करें?
ऐसे ही ढेरों सवाल हमारे मन में दिमाग में उठते रहते हैं। हमारा मन चिंतन करने की कशमकश में इतना उलझ जाता है कि ये अपने कम्फर्ट से बाहर रह जाता है। उसके बाद सुरू हो जाता है मानसिक तनाव और समस्याओं का दौर जो हमे कुछ ऐसे बेकार फैसले लेने पर मजबूर कर देता जिनका प्रणाम हमारे अनुसार बिल्कुल नहीं होता। ऐसा इसलिए होता है क्युकी असल में आपने वह फैसला उस विचारधारा उस मानसिक विकार के दौरान लिया होता है जब आपका मस्तिष्क एक तरह की मानसिक विचारों की बीमारी से ग्रसित होता है।
आप का दिमाग असल में कार्य उस समय सही करता
जब हमारा दिमाग स्थिरता ग्रहण कर चुका होता है। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें? )
और यह एकाग्रता तब उत्पन्न होती है जब आपको कोई दुख कोई चिंता आपके मनोबल को चोट ना पहुंचा सके और ना ही कोई खुसी आपके मस्तिष्क की शांति को भंग कर सके। हमे अपने मन को शांत करने के लिए कई उपाय करने पढ़ सकते हैं।
विचारो में बहुत ताक़त होती है मित्रों एक विचार आपको बहुत कुछ बना सकता है और एक विचार ही आपका बहुत कुछ गंवाने पर मज़बूर भी कर देता है। आखिर इन विचारों, से मन की अशांति से, मानसिक तनाव से मुक्ति कैसे मिल सकती है? क्या यह पॉसिबल है?
दोस्तों आपको बता दु दुनिया का कोई ही कार्य ऐसा होगा जो असंभव हो बस जरुरी यह होता है कि आपने उसका प्रयास किस तरह किया। मानसिक अशांति और विचलित मन को शांत और स्थिर रखने का यही उपाय है कि आप अपने मानस पटल पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ने दे और यह कैसे होगा इसके बारे में हम आपको विस्तरित जानकारी देंगे।
अशांत मन नकारत्मक विचारो को जन्म देता है। यह इस तरह योजनाबद्ध तरीके से होता है, कि आप को जरा भी एहसास नहीं होगा कि आपका जो काम बिगड़ा है उसमे आपके इस अशांत मन का मुख्य हाथ है। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें? )
मन को शांत रखने के उपाय :
1)योग और ध्यान :
योग जीवन का उपचार है मन को शांत और स्थिर रखना हो या किसी बीमारी से छुटकारा पाना हो योग हर दिशा में आपको निहित शक्ति देता है। योग से ऐसी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है जिनका इलाज आज के इस आधुनिक युग में सम्भव ही नहीं है। मनुष्य आज ही इस आधुनिकता में खुद को आरामदायक जीवन की और अग्रसर समझता है परन्तु सत्य तो यह है कि वह इसमे ग्रसित होता जा रहा है और तरह तरह की समस्याएं और बीमारियों का शिकार हो रहा है।
असल में सारी बीमारियाँ और मानसिक अशांति की जड़ यह आधुनिकीकरण ही है। अगर आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि हमारे पूर्वक आज से ज्यादा स्वस्थ और मानसिक अशांति रहित जीवन यापन करते थे। उस समय ये बीमारियाँ और मनोविज्ञानी लोगों की कोई आवश्यकता ही नहीं होती थी। कारण था उनकी दिनचर्या और क्रिया कलाप जो उनके मानसिक पटल को स्वस्थ रखने में मदद करते थे।
आप अपने मन को शांत और स्थिर रखने से आपकी शारीरिक और मानसिक क्षमता इतनी ज्यादा होती है कि कोई भी बीमारी आपको बीमार नहीं कर सकती। इसका मुख्य कारण था कि तब लोगों के दिमाग में मन में इतनी आशांति, चिंता नहीं होती थी। इसी कारण से लोग खुद को स्वस्थ रखने में सफल होते थे।
योग हमारी इन्द्रियों और मांसपेशियों के उन खास हिस्सों पर प्रभाव छोड़ता है जो हमारे मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें? )
अगर आप ने महसूस किया होगा तो आप ज़रुर इस बात से मुखातिब होगे की जब हमारी आँख बंद होती है और मन बिल्कुल शांत होता है तो हमे असीम आनंद की अनुभूति होती है। और यह अनुभूति ही मानसिक संतुलन को नियमित बनाने में मदद करती है। पर पर अपने मन को इस स्थित में ले जाना आपके दिमाग को एक अलौकिक क्षमता प्रदान कर्ता है जिससे आप कैसी भी परिस्तिथियों (सुख या दुख) में बिना मानसिक अशांति के अपना सही फैसला ले सकते हैं। यह आपके मस्तिष्क में ऐसी व्यवस्था को लागू कर्ता है जो आपको प्रभावित नहीं होने देता। यह एक ऐसी स्थिति में लाता है आपको जहां पर आपके फैसले बिल्कुल अडिग और सही होते हैं।
और यही कारण है कि योग और ध्यान करने वाले लोग कभी किसी बीमारी या मानसिक तनाव से पीड़ित नहीं पाए जाते। जब आप ध्यान (मेडिटेशन) करना शुरू करते हैं तो शुरुवात में यह आपके लिए मुश्किल हो सकता है। आप उन्हें देख सकते हैं, महसूस कर सकते हैं कि वे सिर्फ विचार हैं, और उन्हें जाने दें,” । “आपको उनसे भावनात्मक लगाव नहीं रखना है।” ध्यान के निरंतर प्रयास से आप इसको काफी अच्छे से करने में सक्षम हो जायेगे। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
मन को शांत और स्थिर रखने का सबसे असरदार उपाय योग और ध्यान ही है। प्राणयाम इस संदर्भ में बेहतर योग है।
2) मन को शांत करने के लिए साँस लेने के तरीके :
दोस्तों हमारी साँसें ही हमारा जीवन चक्र चलाती है और पूरे शरीर के भीतर सांसो से ही हर क्रिया प्रभावित होती है। क्या आप बिना साँस के जीवन की कल्पना कर सकते हैं? आपका उत्तर ना ही होगा और यही सही बात है। जब हम ये बात भली भांति जानते है कि साँसों का एक महत्वपूर्ण बल्कि सबसे महत्पूर्ण भूमिका है जीवन चक्र को चलाने के लिए फिर हम इसपर कभी ध्यान क्यु नहीं देते? (मन को शांत और स्थिर कैसे करें? )
साँस हमारे शरीर की हर क्रिया में अपना अच्छा और बुरा प्रभाव छोड़ती है जो कि निर्भर करता है कि आप आखिर साँस किस तरह से लेते है। साँस से जुड़े शारीरिक अनुभवों को समझने के लिए हमे अपनी साँस को महसूस करना होगा और यह कार्य किसी शांत जगह पर कर सकते हैं। सबसे बेहतर होगा जब आप ध्यान करते है तब आप यह कार्य बड़ी सुलभता से कर सकते हैं। यह एक तरीका है जिसे आपको समझना होगा इसके लिए आपको :
- अपनी आँखें बंद करें और अपने शरीर में वह स्थान खोजें जहाँ आप अपनी सांस को सबसे प्रमुख रूप से महसूस करते हैं।
- अपना ध्यान कोमल तरीके से अपनी श्वास पर केंद्रित करना शुरू करें।
- अपनी साँस को धीरे धीरे अंदर की ओर खींचे और इसे लंबा जाने दे।
- साँस को बाहर छोड़ते समय अपनी आँख बंद रखे और पेट पर हाथ को रखे और कोमलता से साँस को छोड़ दे।
- प्रत्येक साँस के साथ अपने मानस पटल पर प्रभाव को महसूस करे।
- करीब 10 से 15 साँसें इसी तरह अंदर ले और बाहर छोड़ दें।
साँसों को लेते समय याद रहे आप अपने शरीर के सबसे प्रभावित हिस्सों पर महसूस करें। यह प्रक्रिया आपके मानसिक तनाव को कम करती है। आपके मन को शांत और स्थिर रखने में सहायक सिद्ध होती है। मन की शांति दरअसल एक स्थित है जिसमें व्यक्ति तभी प्रवेश कर पाता है जब वह उसके लिए जरूरी प्रयास कर ता है। हमे हमारी मानसिक ताकत को समझना होगा। और उस पर काबु करना होगा जो व्यक्ति यह करने में सक्षम है उसका मन स्थिर और शांत रहता है। उनके मन में कोई अशांति अथवा मानसिक विकार नहीं रहता।
3) धीमा संगीत सुने :(मन को शांत और स्थिर कैसे करें? )
मेडिटेशन (ध्यान) संगीत यह ऐसा संगीत है जो कि खास तरह से तैयार किया गया होता है जिसमें इतनी क्षमता होती है कि यह आपके अशांत चित्त को शांत करता है। साथ ही यह मन को तनाव मुक्त भी कर देता है। संगीत को समझना और अंतर्मन से महसूस करने पर हमे मानसिक संतुष्टि का आभास होता है। जैसा कि किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि
“संगीत ही ईश्वर तक पहुचने का एकमात्र रास्ता है”।
संगीत सचमुच आपके मस्तिष्क में गतिविधि को शांत करता है। आपके एमिग्डाला (आपके दिमाग का वह हिस्सा जो डर का जवाब देता है) में बेहद कम न्यूरॉन्स को आदेश देता है जिससे आपके दिमाग के अन्य हिस्सों में कम सिग्नल को लेता है। इस तरह से मस्तिष्क में शांति पैदा होती है। संगीत को सुनते समय आपका पूर्ण ध्यान संगीत की तरफ होना चाहिए कोशिश कीजिए कि संगीत सुनते समय आपका मस्तिष्क किन्ही और विचारों में ना उलझे। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें? )
संगीत सुनने के लिए आप 24 घंटे में कम से कम 20 मिन का समय दे। आपका एक पसंदीदा गीत आपके मन को असीम शांति और देता है और मानसिक तनाव से मुक्त कर सकता है।एक बार जब आप अपनी स्थिति पा लेते हैं, तो अपनी आँखें बंद करें, अपनी मांसपेशियों को आराम दें, और अपने डायाफ्राम के माध्यम से साँस लें।
संगीत पर पूरा ध्यान लगा कर रखे जब तक आप अपने नकारत्मक विचारो को पीछे नहीं छोड़ देते। संगीत आपके मन को शांत और स्थिर रखने के लिए बेहद अहम भूमिका अदा करता है।
4) जरूरत मंद लोगों की मदद करे :
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार यह बात पता चली की जब हम किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करते है जिसे मदद की जरूरत होती है तो हमारा मस्तिष्क अधिक मात्रा में एंडोर्फिन (एक रसायन) छोड़ता है। जबकि हम अपने किसी कार्य के लिए पैसे ख़र्चे तो यह कम एंडोर्फिन छोड़ता है। इस शोध से यह तो साफ़ है अगर हमे मानसिक शांति चाहिए स्थिरता चाहिए तो हमे अपने मन को प्रसन्न करने के उपाय करते रहना चाहिए। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें? )
आप का खुद का अनुभव होगा इस बारे में अगर हम किसी की मदद करते है तो कितना सुकून महसूस होता। ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई बोझ कम हो गया हो।
दोस्तों यह तरीका काफी कार्यरत है अगर आप मानसिक शांति और स्थिरता चाहते हैं। लोगों की मदद करके हमारा ह्रदय भी स्वस्थ होता है और अच्छी प्रतिक्रिया देता है। भारतीय संस्कृति के मामले मुताबिक लोगों की मदद करना सबसे बड़ा कर्म माना गया है। कई वेदों और शास्त्रों में उल्लेख है कि “परोपकार की मानव धर्म है” और व्यक्ति को खुस और अपने मन को शांत करना है तो उसको परोपकार यानी कि जरुरत मंद की मदद करना सबसे अच्छा तरीका है।
5) मिट्टी में खेलना या उसमे गड्ढा करना :
एक बात बताईए की जब आप छोटे थे यानि कि जब आपका बचपन था तब क्या आपका दिमाग़ इतना अशांत और अस्थिर रहता था? मुझे उम्मीद है आपका जबाब ना ही होगा। अब आप जरा विचार करिये की बचपन में आपका सबसे प्रिय खेल कौनसा था। वह कोई भी हो सकता है क्रिकेट, मिट्टी से खेलना इत्यादि मुझे पूर्ण भरोसा है कि जरूर आपके खेलों में मिट्टी से जुड़ा हुआ कोई खेल आपने अवश्य खेला होगा। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें? )
असल में मेरे कहने का तात्पर्य है कि मिट्टी में खेलने से हमारा दिमाग, मन, बुद्धि बेहद शांत और खुसी का प्रभाव दिखाई देता है। कारण यह कि मिट्टी में कुछ ऐसे सूक्ष्मजीव होते है जो आपके दिमाग को खुश और और शांति प्रदान करते हैं। ज्यादा सोचिए मत आप ऐसा करके देखिए और अनुभव कीजिए। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
आप चाहे तो पौधा रोपड़ या कोई भी ऐसा कार्य कर सकते है जिसमें आप मिट्टी से सीधे संपर्क में आए। ऐसा करने से आप निश्चित रूप से अपने मन में शांति और स्थिरता महसूस करेंगे। उदाहरणार्थ आप किसी माली के पास जाए और उसको देखें कि वह किस तरह अपने आप में सिमटा हुआ और संतुष्ट जीवन व्यतित करता है।
6) भविश्य के बारे में ज्यादा विचार ना करें :
दोस्तों चिंता और चिता में सिर्फ एक ही बिंदु का फर्क है। आप सोच भी नहीं सकते कि अगर आप अपने भविश्य के लिए रणनीतियां बनाने को लेकर चिंतित होते है तो सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर ऐसी सोचों का ही पड़ता है। आप जिस स्थिति में मौजूद है आपको उसपर ध्यान देना है। भविश्य के बारे में योजना बनाना तो उचित है पर उन खयाली योजनाओं के परिणाम को वर्तमान में सोचकर चिंता करना आपके शरीर को किसी धीमे जहर की तरह खोखला करता है। असल में हमे हमारी जिदंगी के प्रत्येक पल का खयाल रखना चाहिए।
ज़रा सोचिए आखिर एक इंसान की कितनी उम्र होती है ज्यादा से ज्यादा 100 साल और आप इस समय को किसी सजा की तरह क्यु काटना चाहेंगे। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
मन में अशांति को उत्पन करने वाले विचारो को एक जोरदार चाटा मारे ताकि यह आपके मन को और परेशान और विचलित ना कर सकें। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
भविष्य के लिए योजनाओं बनाना गलत नहीं है पर उनको लेके अनावश्यक चिंतित होना गलत है। ऐसी स्थिति में आपके मन में अशांति और स्थिरता उत्पन्न होती है। जो आपको एक ऐसे निर्णय पर पहुंचा सकती है जिससे आपको काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
हमे इस पल का आनंद लेते हुए सुनहरे भविश्य की योजना तैयार करनी है। भले ही आपका समय कैसा भी हो आपकी चिंता आपके प्रयासों को कमजोर करती है और आपको नकारात्मक व्यक्ती बना देती है। जब मन अशांत महसूस हो आपको उसी समय उन चीजों पर विचार करना छोड़ देना चाहिए। मन को शांत और स्थिर करने के उपाय में यह उपाय आपके लिए सबसे बेहतर साबित होगा। आपको ऐसे विचारो की कल्पना करनी है जो आपको खुसी महसूस कराती है।
7) निर्देशित विचार धारा का पालन करें :(मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
आप को क्या लगता है जब आपका मस्तिष्क ज्यादा विचार करता तो यह अपना बेहतर देता है? खेर इसका उत्तर है नहीं क्युकी इस तरह से आपके मन में अशांति और अस्थिरता पैदा होगी।
आखिर मन को शांत और स्थिर रखने के लिए कौनसा उपाय है? आखिर हमारी सोच कब सही दिशा में कार्य करेगी जिससे हमे शांति महसूस हो? मानसिक तनाव कम कैसे हो सकता है? हमारे मन में उत्पन ऐसे विचारो का एक सटीक जबाब यह है कि हमारी जिंदगी में वही होता है जो हम करते है(मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
। जैसे कि अगर हम खुद चाहेंगे कि हमारा मन शांत रहे। तभी हम उसको काबु कर पाएंगे। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि “मनुष्य का मन उस वानर की तरह जिसको 9 बोतल मदिरा, और फिर भंग का सेवन किया हो इसके उपरांत उसको 100 बिच्छू और 10 साँपों के विष का नशा हो” । (मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
अर्थात उन्होंने मानव मन को बेहद अशांत और विचलित माना है एक ही पल में कई हजार विचार हमारे दिमाग में आते है और बदलते रहते हैं। ऐसी स्थिति में मन को शांत और स्थिर करना बेहद चुनौती पूर्ण कार्य है। असल में अगर हम चाहते हैं कि हमे हमारे मस्तिष्क को शांत और स्थिर रखना है तो आपको इसके लिए अपने दिमाग में कुछ ऐसे विचार रखने पड़ेगे जो कि हमारे अनुसार हो हमे पता है कि यह प्राकृतिक विचारधारा नहीं है पर आप अपने मन चाहे विचारो को सोच कर अपने मन को शांत और स्थिर करने में कामयाब हो सकते है।
हमारे द्वारा उत्पन हुए निर्देशित विचारो को जब आप सोचते हैं तो यह आपके मन को शांत और स्थिर रखने में काफी असरदार साबित हो सकता है। मन की शांति के लिए आपके निर्देशित विचार आपके लिए बेहद अहम है। ऐसे विचार जो काल्पनिक हो सकते हैं पर वह आपके मन को शांत करने में सक्षम होते हैं। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
चलिए एक उदाहरण लेते है। कभी आपका मन प्रसन्न हो खुशियो का माहौल हो और उसी समय आप कुछ ऐसे विचारो को याद करना जो कि चिंता जनक हो तत्काल ही आपकी खुसी दुःख में बदल जाएगी। बिल्कुल इसका विपरित आप दुःखी होते है तो अच्छे खुशी के विचारो पर विचार करेगे तो यह आपको निश्चित तौर से फायदा देगा।
8) प्रकृति से जुड़े रहे :
दोस्तों क्या आप मानसिक शांति को किसी मॉल अथवा किसी भी कारखाने, ऑफिस, बस स्टैंड, सड़क या कोई भी ऐसी जगह जहा प्राकृतिक वातावरण को नष्ट कर दिया गया हो। क्या आप किसी ऐसी जगह पर मन की शांति पा सकते हैं। आपका उत्तर होगा नहीं। उसके पीछे कारण है और कारण यह है कि मानसिक शांति एक नियमित अभ्यास का नतीज़ा है। एक बार आप अपने मस्तिष्क को इस स्थिति में ले जाने में सक्षम होते है फिर किसी भी अशांति और बेचैनी का सामना करने को आपका मन तैयार होता है। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
प्राकृतिक दृश्य देखने से आपके मन में किस तरह के विचार आते हैं? यह सवाल अपने आप में एक उत्तर है। आपके मन में एक सुन्दर प्राकृतिक दृश्य आपके मन में प्रदर्शित हो रहा होगा। क्या यही शांति की खोज है? जब आप तनाव ग्रस्त हो जाते हैं उस समय मानसिक शांति को धारण करने के लिए बेहद जरूरी है कि आप किसी प्राकृतिक दृश्य को निहारे जैसे कि आप पानी में मछलियों को तैरते हुए देख सकते हैं, पंछियों को दाना चुना सकते है,
हरि घास पर नंगे पैर टहलना, शाम को खुले आसमान में देखना, अपने पालतू पशुओं के साथ वक़्त गुजारे या फिर किसी हरि भरी जगह पर पहाड़ों उद्यान आदि में सुन्दर प्राकृतिक दृश्य को निहार सकते हैं। इस तरह से आपका मानसिक संतुलन काफी हद तक बन जाता है। आपके मन को शांति महसूस होगी और आप बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार होते हैं। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
प्राकृतिक से ही मानव का जीवन अस्तित्व में आया है। अगर आप ऐसा सोचते हैं कि आप इसे ही भुला देंगे तो इसके दुष्प्रभाव आपको झेलने पढ़ते हैं। उदाहरण के लिए आप इतना समझिए की आप किसी किसान या किसी ग्रामीण क्षेत्रों में जाए किसी पहाड़ी क्षेत्र में जाए और वहां के निर्मल जीवन को देखें और समझे की वह लोग शारीरिक और मानसिक बीमारियाँ से मुक्त होते हैं। मानसिक शांति ही आपके निरोग शरीर का आधर है। (मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
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9) अडिग विचार धारा :
दोस्तों मन की शांति को भंग करने वाले विचारों को रोकना या उनका स्रोत खोजना एक ऐसी प्रतिक्रिया है जिसमें हम अपने मन को मजबूत और बेहद शांत वातावरण में ले जा सकते हैं। मन को शांत और स्थिर रखने के लिए आपको ऐसे विचारो की पकड करनी होगी जो आपके मन में अशांति पैदा कर रहे होते हैं। इस तरह के विचारो को चिन्हित करिए। इनके विरोध में ऐसे विचारो का गठन कीजिए जो इनके ख़िलाफ़ इनका खात्मा करके सकारात्मक विचारधारा को जन्म दे। ये पूरी प्रतिक्रिया हमारे मन के भावों में होती है। हमे उन विचारो की तादाद को बढ़ाना है जो आपके दिमाग को शांत रखने में मदद गार साबित होते हैं।
आप कोई अहम फैसला लेते है। उस वक़्त आपके मन में कितनी आशांति होती है अगर इसको नापा जाता तो वो यंत्र ही टूट जाता। तो फिर बिना किसी मानसिक पीड़ा के सही फैसले कैसे लिए जा सकते हैं?
इसी के लिए आपको अपने मन को शांत और स्थिर करना होगा और इसके लिए आपके अडिग फैसले ही जिम्मेदार होते हैं।(मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
एक बार पूरी सहूलियत से फैसले पर विचार कीजिए इसके बाद उसके दोनों पहलुओं को देखते हुए अपने फैसले पर पहुचे। और जो फैसला लेते है उसको बार बार करकोदना आपके मन में अशांति फैला सकता है। जिससे आपका बेहतर सही फैसला भी काफी हद तक प्रभावित हो सकता है।
जरुरी है कि आप किसी फैसले पर एक बार में पूर्ण विचार कर ले और अपना फैसला ले उनमे उलझे नहीं एक बार उलझ गए तो वो फैसला असमंजस में लिया जाएगा जो कि कभी एक बेहतर विकल्प साबित नहीं होता।
सकारत्मक विचारो को मजबूती से अपने मन में रखना और उनका परस्पर विकास करते रहना आपको मानसिक तनाव और मानसिक विवेचना से बचा सकता है। इस तरह से आप मन को शांत और स्थिर रखने में सफल हो पाते हैं।
10) नशीले पदार्थों का सेवन ना करें :
मादक पदार्थ आपके मानसिक विकास को अवरुद्ध करके सकारात्मक ऊर्जा का नाश कर देते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक वह व्यक्ती जो व्यसन में लिप्त होते है मादक पदार्थों का सेवन करते हैं। उनका मानसिक विकास रुक जाता है। जिससे ऐसे लोग अपने आप को समस्याओं के एक ऐसे समंदर में घिरा हुआ पाते है जिसका कोई किनारा नहीं।(मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
क्या कोई ऐसी समस्या है दुनिया में जिसका कोई समाधान नहीं? ऐसा नहीं है अगर आप समाधान ढूँढते है तो जरुर आपको मिलता है। चुकीं उनकी मानसिकता मादक पदार्थों के सेवन से नकारत्मक विचारो से भरी होती है। इस तरह वो गलत फैसले लेते हैं और कभी कभी आत्म हत्या जैसे कुकृत्य कर लेते हैं। एक व्यसनी व्यक्ती की मानसिकता आम इंसान से काफी ज्यादा अशांत होती है। और ऐसी परिस्तिथियों में जब उन्हें मादक पदार्थों की सही खुराक ना मिले उनकी मानसिकता को और ज्यादा असंतोष और बेचैनी, अशांति पैदा कर देती है।
अगर आप मन की शांति चाहते है तो आपको मादक पदार्थों के सेवन पर रोक लगानी होगी। उसके कुछ दिनों बाद आपकी मानसिकता सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना सुरू करती है।
11) चॉकलेट का सेवन करें :
हो सकता है लेखक का यह विचार आपको एक व्यंग लगे और लगे भी क्यु ना भला चॉकलेट से मन की शांति का क्या संबंध हो सकता है? परंतु इसके पीछे एक वैज्ञानिक तत्व है। ऑस्ट्रेलिया की एक मशहूर संस्था के द्वारा एक शोध किया गया जिसमें पाया कि चॉकलेट मानव मस्तिष्क को शांत और स्थिर रखने में सहायक होती है। अब आप जानना चाहते होंगे आखिर यह कैसे सम्भव है?
शोध के दौरान चॉकलेट में पाए जाने वाला ऑक्सीडेटिव रसायन मानसिक तनाव और अशांति फैलाने वाले हार्मोन को नियंत्रित करने का कार्य करते है। इसी के परिमाण स्वरुप हमारा मन शांति की अनुभूति को महसूस करता है। इसके साथ ही चॉकलेट का सेवन करने से हमारा रक्तचाप स्थिर होता है जिससे हृदय संबंधी रोगों से बचाव किया जा सकता है।
12)गाय को गले लगाए :(cow-minication)
दोस्तों आपको सुन कर बेशक अजीब लगे पर यह बात पूरी तरह से वैज्ञानिकों द्वारा मानी गयी है।
यूरोप और अमेरिका में गाय को गले लगाने का ट्रेंड काफी पसंद किया जा रहा है और इससे लोगों को काफी फायदा हो रहा है। मानसिक तनाव से पीड़ित लोग गाय को गले लगा कर अपना मानसिक तनाव दूर कर रहे है। गाय को गले लगाने के पीछे का विज्ञान है
जब हम मेडिटेशन (ध्यान) करते है उस समय हमारी ह्रदय गति धीमी हो जाती है और मन में शांति होती है। ठीक इसी तरह गाय को गले लगाने या उसके साथ खेलने से ठीक वैसे ही परिणाम मिलते हैं।गाय का शारीरिक तापमान हमारे तापमान से ज्यादा होता है। अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में इस थेरपी के लिए करीब 20,000 डॉलर तक चुकाने पड़ते है। मन की शांति के लिए यह एक रामबाण इलाज है। करके देखिए।
एक किताब जो बदलेंगी आपके जीवन के ढंग को
आपके मन में उठने वाली सारी व्यथाओं से जुझने के लिए, हम आपके लिए एक खास किताब लाए है। शायद आपको ऐसा लगे कि यह कोई मामूली किताब होगी लेकिन यह बात तो आप इस छोटी से किताब को पढ़ कर ही समझ पायेगे। आपके जीवन में शांति और आपके हर विचलित करने वाले सवालों का जबाव देने वाली यह किताब निश्चित ही आपके जीवन में बहुत बड़ा सकारत्मक बदलाव ला सकती है..
निष्कर्ष :
आज के इस आधुनिक युग में मनुष्य के लिए शांति की खोज सबसे बड़ी सफ़लता है। हम कितनीहीयों बार बिस्तर पर जाते है और कल के कार्यो की सूची बनाने में अपनी मानसिक शांति को भंग कर लेते हैं। आखिर शांति और मानसिक स्थिरता कितनी जरूरी है मन के लिए यह आप समझ ही गए होंगे। इंसान अत्याधिक अनावश्यक को विस्तारित करने की योजनाओं को बनाने के लिए अपनी मानसिक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। हमे आज में और अभी में जीना सीखना होगा। और हर चीज का बराबर ताल मेल बनाना पड़ेगा। समय से पहले कार्य करना मानव का बेहद हानिकारक व्यावहार है।(मन को शांत और स्थिर कैसे करें )
हमे इसपर पाबंदी कसनी होगी। मन की शांति ही जीवन को आनंदमय बनाती है और इसके बिना मानुष सिर्फ एक मशीन है। अपनी मानवता ना भूले चंद सालो के लिए यह तन मिला है फिर मिट्टी में मिल जाएगा। जीवन में परोपकारी बने और धैर्य को धारण करे सुख दुख जीवन की संरचना में है। आपको बस मन को काबू करना है और संतुष्ट रहना सीखना चाहिए। तभी आप मोक्ष और मानसिक स्थिरता ग्रहण कर पाएंगे।
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