भारत की सबसे बड़ी झीलें विविधताओं से भरी हुई है। इन झीलों की प्राकृतिक सुंदरता का वर्णन करना एक खूबसूरत सफर की तरह है। भारत की प्राकृतिक मनोरमता अद्भुत है, ऊँचे ऊँचे बर्फ से ढके हिमालय के पहाड़ों से लेकर उष्णकटिबंधीय सदाबहार जंगलों तक सब कुछ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। 

भारत में झीलों की भरमार है, यहां के लगभग हर प्रदेश में झीलें है। बात चाहे कश्मीर की पहाड़ी घाटियों में छिपी मनोरम झीलों की हो या कन्याकुमारी की अद्भुत झीलों की हिंदुस्थान में झीलों की कोई कमी नहीं है। हमारे देश में अधिकतर झीलें मीठे पानी की झीलें है। हालाकि यहां खारे पानी वाली कई झीलें पायी जाती है। 

भारत की शीर्ष 10 सबसे बड़ी झीलों की प्राकृतिक सुंदरता इतनी अविस्मरणीय है कि यहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है। देश विदेश से आए तमाम प्राकृतिक प्रेमी इन झीलों की अद्भुत सुंदरता का लुफ्त लेते हुए Instagram के लिए reels और फोटो लेते है। 

Hindusthani.in द्वारा भारत की टॉप 10 सबसे बड़ी और खूबसूरत झीलों की बनाई गई सूची में सभी झीलें घूमने योग्य है। आज हम आपको भारत की सबसे बड़ी झीलों के बारे में विस्तार से बताएंगे। 

भारत की झीलों का महत्त्व दुनिया की किसी भी झील की तुलना में अधिक है। भारत की झीलों की संस्कृतिक और धार्मिक महत्ता के कारण यहां की झीलों को पूजा जाता है। 

यहां भारत की शीर्ष 10 सबसे बड़ी झीलों की सूची में विस्तार से बताया गया है। 

वेम्बनाड झील – केरल

भारत की सबसे बड़ी झीलों की सूची में सबसे शीर्ष पर वेम्बनाड झील का नाम आता हैं। वेम्बनाड झील का कुल क्षेत्रफल तक़रीबन 2033 वर्ग किलोमीटर है। इसे भारत की सबसे लंबी भी माना जाता है। वेम्बनाड झील की कुल लंबाई 96.5 किलोमीटर है। झील के सबसे फैले हुए बिंदु पर झील की कुल चौड़ाई 14 किलोमीटर है। 

वेम्बनाड झील के बड़े आकार के कारण ही इसे केरल के तीन अलग अलग जिलों में विभाजित किया गया है। यह झील केरल के प्रमुख जिले कुमारकोम के पक्षी अभयारण्य से जुड़ी हुयी है। पर्यटक इस झील को घूमने के साथ साथ कुमारकोम पक्षी अभयारण्य घूमने का लुफ्त भी लेते हैं। 

वेम्बनाड झील सैलानियों के बीच फोटोग्राफी, बर्डवॉचिंग और बोटिंग जैसे कई रोमांचक गतिविधियों के लिए प्रख्यात है। वेम्बनाड झील को घूमने का सबसे अच्छा समय यहां होने वाली नेहरू नौका दौड़ ट्रॉफी के आयोजन के दौरान है। इस आयोजन में नौकाओं की शानदार रेस देखने का मौका मिलता है। यह भारत की सबसे बड़ी नौका दौड़ में शामिल है। 

चिल्का झील – ओडिशा

भारत के ओडिशा राज्य में स्थित चिल्का झील इस देश की दूसरी सबसे बड़ी झील है। यह झील लगभग 52 अलग अलग जल धाराओं से बनकर बनी है। 52 धाराओं के कारण ही चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी झीलों की सूची में दूसरे स्थान पर है। 

चिल्का झील हजारो लाखों प्रवासी पक्षियों का घर है, यहां साल के अलग अलग मौसमों के अनुसार पशु पक्षियों की कई देशी विदेशी प्रजातियाँ देखने का सौभाग्य प्राप्त होता है। सतपुड़ा द्वीप के नजदीक इरावदी डॉल्फिन देखने के लिए यहां साल भार पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। 

यह झील लगभग 1165 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुयी है। न्यू कैलेडोनियन बैरियर रीफ झील के बाद चिल्का झील हिन्दुस्थान की सबसे बड़ी तटीय लैगून है और इसे दुनिया की सबसे बड़ी खारे पानी की लैगून भी माना जाता है। 

यह झील ओडिशा के प्रमुख जिलों पूरी, खोरधा और गंजम में तकरीबन 1165 से अधिक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुयी है। ओडिशा के लगभग 132 गाँव के लोग इसी झील से मछली पकड़ने के लिए आश्रित है। यही कारण है कि चिल्का झील भारत की सबसे बड़ी और प्रमुख झीलों में शामिल है। 

शिवाजी सागर झील – महाराष्ट्र

प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर शिवा जी सागर झील को भारत में शिव सागर झील के नाम से भी जाना जाता है। यह झील कुल 891.7 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुयी है । यह झील महाराष्ट्र की सबसे बड़ी झील मानी जाती है। 

शिव सागर झील भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम (मानवों द्वारा बनाई गई) झील है जिसे कोयना नदी पर बाँध बनाने के बाद बनाया गया है। हालाकि इस झील पर अधिक पर्यटक देखने को नहीं मिलते, लेकिन फिर भी यह एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जगह है। 

यह झील महाराष्ट्र के सतारा में स्थित है। झील की लंबाई लगभग 50 किलोमीटर है और गहराई 80 मीटर है। 

पैंगोंग त्सो झील – लद्दाख

भारत की पहाड़ी सुंदरता में चार चांद लगा देने वाली यह झील पूरे विश्व में अपनी अनोखी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। फिल्मी जगत द्वारा बनाई जा रही कई फ़िल्मों में इस झील की खूबसूरती को फ़िल्माया गया है। यही कारण है कि आज यह झील ना सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के हर हिस्से में अपने मनोरम दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। 

पैंगोंग झील भारत के प्रमुख सबसे बड़ी झीलों में से एक है जिसका तकरीबन 60% हिस्सा चाइना की सीमा में है। 

झील को घूमने का सही समय मई से सितंबर के दौरान है क्योंकि सर्दियो के मौसम झील तक पहुंचने का रास्ता बर्फ के कारण बंद हो जाता है। यह झील समुद्रतल से तक़रीबन 4,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील समुद्री जल की झील है जिसका दो तिहाई हिस्सा चीन में और एक तिहाई भारत में स्थित है। 

झील की कुल लंबाई 134 किलोमीटर है और चौड़ाई 5 किलोमीटर नापी गई है। पैंगोंग झील दुनिया की सबसे ज्यादा खारे पानी वाली झीलों में से एक है। सर्दियों के मौसम में यह झील पूरी तरह बर्फ से जम जाती है। 

पैंगोंग झील की अद्भुत सुंदरता का लुफ्त लेने के लिए यहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है। झील अपने रंग बदलने के लिए भी जानी जाती है। सैलानी झील के किनारे से अपना टेंट लगाकर झील के बदलते हुए रंगों का नज़ारा ले सकते हैं। 

मई से सितंबर के दौरान आपको यहां हज़ारों की संख्या में पर्यटक देखने को मिल जायेगे जो सोशल मीडिया पर अपनी फोटोग्राफी का प्रदर्शन करते हैं। 

इंदिरा सागर झील – मध्य प्रदेश

नर्मदा नदी के ऊपर बाँध बनाकर इंदिरा सागर झील का निर्माण हुआ। यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। यह झील हमारे देश के लिए एक विशेष शक्ति का स्रोत है। शिव सागर कृत्रिम झील के बाद यह झील दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। 

नर्मदा नदी पर बाँध बनाकर इस झील का निर्माण करने के पीछे भारत सरकार का मुख्य कारण मध्य प्रदेश के पास पास के गांवों में पानी की किल्लत को मिटाना था। झील बनने से किसानो की सिचाई की समस्या दूर हो हुयी है। इंदिरा सागर झील तक़रीबन 627 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली हुयी है। यह भारत की सबसे अहम झीलों में से एक है। 

पुलिकट झील – (आंध्र प्रदेश )

पुलिकट झील भारत की प्रमुख खारे पानी की झीलों में से एक है। पुलिकट झील दो राज्यों के बीच में स्थित है, इसका कुछ हिस्सा तमिलनाडु में पड़ता है और बाकी कुछ आंध्र प्रदेश में। चिल्का झील के बाद पुलिकट झील भारत की दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की लैगून है। इस झील की प्राकृतिक मनोरमता अद्भुत है। यह झील श्रीहरिकोटा के बैरिकेड द्वीप पर स्थित है। 

यह झील पक्षी अभ्यारण्य के रूप में अधिक प्रसिद्ध है। आप यहां आकर किंगफिशर, सार्स, और राज हंस जैसे पक्षी देखने का मौका मिलेगा। आप यहां आकर बोटिंग और पानी से जुड़ी सभी खेल गतिविधियों का लुफ्त ले सकते हैं। झील तक़रीबन 450 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली हुयी है ।

पुलिकट झील का एक समृद्ध इतिहास है जो डच और ब्रिटिश औपनिवेशिक काल से है, और आसपास के क्षेत्रों में कई ऐतिहासिक स्थल और स्मारक हैं। यह झील पक्षियों को देखने के शौकीनों के लिए एक बेहतरीन गंतव्य है क्योंकि यह सर्दियों के महीनों के दौरान प्रवासी पक्षियों की 100 से अधिक प्रजातियों की मेजबानी करता है। झील के सुरम्य दृश्य आंखों के लिए एक इलाज है, और यह व्यस्त शहर के जीवन से शांतिपूर्ण पलायन के लिए एक सबसे बेहतर स्थान है।

यदि आप पुलिकट झील की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यात्रा करने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी तक है जब मौसम सुहावना होता है और प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है। यह झील और उसके आसपास के आश्चर्यजनक प्राकृतिक सौंदर्य को देखने और इसके समृद्ध इतिहास के बारे में जानने का एक उत्कृष्ट अवसर है। 

सरदार सरोवर झील –

सरदार सरोवर झील भारत की प्रमुख झीलों में से एक है। यह एक कृत्रिम झील है जिसका निर्माण नर्मदा नदी के ऊपर बाँध बनाकर किया गया। झील का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र सरदार पटेल की प्रतिमा है, जिसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से भी जाना जाता है। 

सरदार सरोवर झील कुल 375 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली हुयी है । यह झील गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार राज्यों में विभाजित है। सरदार सरोवर झील भारत की सबसे सुंदर और बड़ी झीलों में से एक है। 

नागार्जुन सागर झील – तेलांगना

नागार्जुन सागर झील, एक महत्वपूर्ण स्थान है जो तेलंगाना राज्य, भारत में स्थित है। यह हैदराबाद शहर से लगभग 150 किमी दक्षिणी-पश्चिम में स्थित है। यह झील मुसी नदी पर बनी हुई है और महत्वपूर्ण पानी संचयन स्थल है। 

नागार्जुन सागर झील की आयताकार आकृति के कारण, इसे हवाई दृश्य से आसानी से पहचाना जा सकता है। यह 590 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और 22 मीटर की अधिकतम गहराई है। 

झील के पानी में हेप्टोस नदी व ढोन नदी से पोषित होती है। झील में समुद्री मछली के बिंदुओं की संख्या बड़ी होने के कारण, नौकायन और मछलीपालन झील से चलने वाले महत्वपूर्ण धंधे हैं।

इसके अलावा, नागार्जुन सागर झील एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है और आसपास की पहाड़ियों, तलाबों और झरनों से घिरी हुई है। इस से घिरे भूमि का शुद्ध, स्वच्छ और दक्षिण तेलंगाना का जंगली वनस्पति का रोमांचकारी संगम है।

नागार्जुन सागर झील से संबंधित नौकायन और समुद्री मछली के विकास से संबंधित उफान-परस्ती के साथ-साथ, झील के पार्क के रूप में वि‍स्तार किया गया है और तब से यहाँ पर मंगलवार से रविवार तक सामान्य लोग आए और झील का आनंद उठाते हैं।

लोकतक झील – मध्य प्रदेश

लोकतक झील मध्य प्रदेश के राज्य में स्थित है। परिधि 376 वर्ग किमी है, जिसमें से 30 वर्ग किमी क्षेत्र झील का होता है। इस झील का नाम संस्कृत में ‘लोक’ और ‘तक्षक’ शब्दों से आया है, जिसका अर्थ है ‘लोक के नगर में समुद्र के समान वृद्धि वाला ताक’।

लोकतक झील को स्थायी नदी सिंधौं और ताम्रपरणी के संचार से पूर्ण किया जाता है। झील का पानी अलग-अलग शैवाल वनों, पेड़ों, घास, फसलों और मछली पत्तियों से घिरा हुआ है। यहां आकर आप खुद को परिपूर्ण महसूस करने लगते हैं। झील का पानी पूरी तरह सफेद रंग का है।

यह झील महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बीच स्थित  है। झील के किनारे सुधामापुर से सुधामापुरा नदी के सुन्दर दर्शनीय खेत और आँध्र प्रदेश की आदिवासी जनजातियों वाले क्षेत्रों में कुछ छोटे-छोटे खूबसूरत गांव हैं। 

इसके अलावा, झील के होने से यहां तमाम तरह के पक्षियों की वैरायटी आती है। वैज्ञानिकों और जीव विज्ञान से जुड़े लोगों के लिए यह एक उत्तम जगह है। यहाँ आप कृषि बागानों, विकासशील गांवों, पक्षियों और ढेर सारे आकर्षणों से घिरा हुआ वातावरण देख सकते हैं।

वुलर झील – जम्मू कश्मीर

भारत के स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर में स्थित यह झील दुनिया की सबसे सुंदर झीलों में से एक है। वुलर झील भारत के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। यह झील कुलगाम जिले में स्थित है और यह लगभग 24.5 वर्ग किलोमीटर में फैली हुयी है। वुलर झील का सबसे आकर्षण का केंद्र इसका अद्भुत नज़ारा है, झील में तैरती माइनस टेम्प्रेचर के साथ पहाड़ों का नज़ारा अविस्मरणीय है । 

वुलर झील/ओसमन सागर को आमतौर पर कश्मीर के स्विट्जरलैंड के रूप में जाना जाता है। यह झील भारत के सबसे प्रसिद्ध क्षेत्रों में से एक है, जो अनोखी सुंदरता और जंगल के बीच खुली झील के अद्भुत दृश्य के लिए लोकप्रिय है।

वुलर झील के दोनों ओर खुले फैलाव में पहाड़ों से घिरी गलियों की प्राकृतिक सुंदरता आपके मन पर गहरी छाप छोड़ जाएगी। इस झील का किनारा अंग्रेजी फैशन से प्रभावित है और वहाँ जाने वालों के लिए कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जिनमें शालीमार बाग, तुलीप बाग, कोकराजह बाग और मां सुंग श्राइन हैं।

वुलर झील के चारों तरफ हरा-भरा पर्वत वाली स्थापनाएं और हनीमून पर केंद्रित कई रिजॉर्टों की उपलब्धता है, जो यहां घूमने फिरने और मौज करने के लिए एक शानदार जगह हैं। झील के किनारे जाने वालों को वन्य जीवों, जैसे कि रांगों बैल, काले हिरण, लकड़बग्घा, भालू और चीते के पास की तलाश भी कर सकते हैं।

दोस्तों उम्मीद है आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। भारत की 10 सबसे बड़ी झीलें तमाम तरह के रहस्यों और विविधताओं से भरी हुई है। 

By Nihal chauhan

मैं Nihal Chauhan एक ऐसी सोच का संरक्षण कर रहा हू, जिसमें मेरे देश का विकास है। में इस हिंदुस्तान की संतान हू और मेरा कर्तव्य है कि में मेरे देश में रहने वाले सभी हिंदुस्तानियों को जागरूक करू और हिंदी भाषा को मजबूत करू। आपके सहयोग की मुझे और हिंदुस्तान को जरुरत है कृपया हमसे जुड़ कर हमे शेयर करके और प्रचार करके देश का और हिंदी भाषा का सहयोग करे।

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