दोस्तों आज हम आपको बताएंगे भारत की 10 सबसे शक्तिशाली रानियाँ कौन थी।अक्सर महिलाएं अपने परिवार, आदर्श, और घर और विचारों के लिए लड़ती आयीं है। और आज भी महिलाएं हथियार उठाने में पीछे नहीं रहती क्युकी उनका अतीत गवाह हैं कि जब भी बात उनके इन बान, शान और सम्मान की बात होगीं तो महिलाएं किसी से कम नहीं है।
राजाओ के बारे में सब जानते हैं पर क्या आपको पता है कि भारत पर राज करने बाली कुछ ऐसी महान शक्तिशाली और बेहद सुन्दर रानियों के बारे में जिन्होंने अपने युद्ध कोशल से युद्ध किया बल्कि राज पाठ भी सम्भाला।
भारत में महिलाये आदिकाल से ही मजबूत स्थिति में रही है और इतिहास गवाह है कि भारत की ऐसी महान और शक्तिशाली योद्धा रानियों ने भारत का मान रखा है। इनके भीतर युद्ध करने की और राज्य को चलाने का सामर्थ्य तो था ही साथ ही इन्होंने अपने देश प्रेम युद्ध किए और वीरगति को भी प्राप्त किया है।
यह रानियाँ सिर्फ भारत में ही नहीं ब्लकि पूरे विश्व में अपने शौर्य और स्वाभिमान के लिए जानी जाती है।
भारत की सबसे शक्तिशाली रानियाँ :
- रानी लक्ष्मी बाई
- रानी पद्मिनी
- रानी चेन्नम्मा
- रानी रुद्रम्मा देवी (1259–1289 ई।)
- महारानी ताराबाई (1675-1761)
- गोंडवाना की रानी दुर्गावती (1524-1564)
- संयुक्ता (लगभग 1150 – 1192)
- महारानी अक्का देवी
- अहिल्याबाई होल्कर
- रजिया सुल्ताना
1.वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई :
जन्म : 19 नवंबर 1828
मृत्यु :18 जून 1858
लक्ष्मी बाई के बारे में कौन नहीं जानता जहां तक देश का हर नागरिक उनके शौर्य से प्रभावित है। झाँसी की रानी से प्रसिद्ध लक्ष्मी बाई का मणिकर्णिका का था। बचपन से ही हर कला में पारंगत और निडर थी। महारानी का जन्म इनके पिता का नाम मोरो पंत तांबे और माता भागीरथी सापरे थी। इनका जन्म वाराणसी, भारत में हुआ।
इनकी शादी झाँसी नरेश महाराज गंगाधर राव नेवालकर से हुयी।
रानी ने शादी एक पुत्र को जन्म दिया जो चार महीने बाद मर गया उसके बाद उन्होंने राज बचाने के लिए एक पुत्र गोद लिया था उसका नाम दामोदर राव था। उनके पति के म्रत्यु उपरांत अंग्रेज़ी हुकूमत ने उनके राज को छीनने की कोशिश की परंतु रानी ने अंग्रेजो को मुह तोड़ जबाब दिया और सिंघासन पर विराजमान हो गयी।
( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
अंग्रेजो ने झाँसी को नियंत्रित करने के लिए खूब जोर लगाया परंतु रानी के जीते जी वह झाँसी को छू भी ना सके। रानी ग्वालियर के किले में मदद लेने गयी तो ग्वालियर के महाराज ने उनके साथ धोका कर दिया इसलिए उन्होंने खुद ही खुद को तलवार से मार लिया। रानी का स्वाभिमान अमर है उसने अंग्रेजो के हाथ ना मरकर खुद मौत को गले लगाया ऐसी पवित्र वीरांगना को दिल से नमन। लक्ष्मी बाई का नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिख चुका है और वह दुनिया के लिए एक मिसाल है कि देश प्रेम क्या होता है और स्वाभिमान के लिए मरना क्या होता है। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
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2. रानी पद्मिनी (1302 – 1303):
जन्म :सिंहल द्वीप (परंपरागत)
म्रत्यु : जौहर
चित्तौड़ की रानी पद्मावती अपने स्वाभिमान और देश की रक्षा के लिए अपनी मृत्यु का बलिदान दिया। रानी का जन्म सिंहल में हुआ और महाराजा रतन सिंह के साथ शादी हुयी। इनके पिता का नाम राजा गंधर्व सेन और माता रानी चंपावती थी। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
रानी पद्मिनी ने हर तरह की शिक्षा ली थी और खासकर वह युद्ध कला में पारंगत थी। महारानी के साहस के सामने मुहम्मद गौरी भी हार गया था। जब मुहम्मद गौरी चित्तौड़ पर हमला करने आया तो महाराजा रतन सिंह ने 6 महीने तक युद्ध किया उसके बाद महाराज वीरगति को प्राप्त हुए और महारानी ने खुद को जिंदा आग में जला कर जौहर कर लिया। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
महारानी के नाम से पूरा एक ग्रंथ लिखा है जो पद्मावत के नाम से है। और इन्ही के आधर पर बॉलीवुड मूवी भी बनी है पद्मावत के नाम से काफी प्रचलित है। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
3. रानी चेन्नम्मा :
रानी चेन्नम्मा कर्नाटक के कित्तूर राज्य की महारानी थी। उनका जन्म 23 अक्टूबर 1778 को भारत के कर्नाटक में कित्तूर राज्य में बेलगाम के पास ककती नामक छोटे से गांव में हुआ। वह बचपन से ही युद्ध कला, साहित्य, संगीत, नृत्य, घुड़सवारी, भाला, तलवारबाजी, तीरंदाजी आदि में महारत हासिल कर चुकी थी।( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
उन्होंने अपनी शिक्षा घर में ही प्राप्त की। उनकी शादी कित्तूर राजघराने के राजा मल्लासरता से हुयी। शादी के बाद उन्हें पुत्र रतन की प्राप्ति हुयी परंतु किसी कारण वह मर गया और कुछ समय बाद राजा की भी म्रत्यु हो जाती है।( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
उसके बाद उत्तराधिकारी के रूप में शिवलिंगप्पा को चुना गया जो कि राजा मल्लासरता की पहली पत्नि का पुत्र था। अंग्रेज अपनी चालक नीतियों से राज हड़पना चाहते थे परन्तु महारानी के रहते यह सम्भव नहीं था। अंग्रेजो ने महारानी के इस आदेश को नहीं माना और शिवलिंगप्पा को हटाने के लिए आदेश जारी किया गया।
इसी जगह से रानी और अंग्रेज़ी हुकूमत से तकरार शुरू हो जाती है क्युकी रानी ने अंग्रेजों की बात स्वीकार नहीं थी और वह लड़ने के लिए सज्ज हो गयी। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
रानी को आज भी पूरे भारत और खासकर दक्षिण राज्य में बहुत सम्मान दिया जाता है। आज भी उनका सौर्य और स्वाभिमान की मिसाल लोग देते हैं। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
भारत में उनकी कई मुर्तियां और उनके नाम से कई पार्क और सरकारी स्थल है। उनके नाम से सरकारी टिकट जारी किया गया था। रानी चेन्नम्मा इतिहास में अमर थी और वह लोगों के दिल में हमेशा जिंदा रहेगी कि कैसे एक महिला ने पूरे ब्रिटिश सर्कार से भीड़ गयी और उन्हें नाको चने चवाने पढ़े। हालांकि बाद में रानी को गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में ही 1829 में उनकी म्रत्यु हो गयी। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
4. रानी रुद्रमा देवी (1259–1289 ई ):
बुराई का विनाश करने वाली काकतीय वंश की रानी रुद्रमा देवी का जन्म इनके पिता का नाम गणपति देवा था।
उनके पिता ने उनको एक पुत्र के रूप में सबके सामने प्रस्तुत किया था और उनका नाम रुद्र देव बतया ताकि गलत लोग सिंघासन पर ना विराजमान हो। रानी ने बहुत समय एक लड़के की तरह ही गुजारा और बाद में उन्होंने सब सच बता दिया। रानी प्रजा की प्यारी थी और उन्होंने बुराईयों का नाश किया और अपने ही चचेरे भाइयों से युद्ध किया और उन्हें परास्त किया। राजा के मरने के बाद उन्होंने पुरुषों वाली पोशाक धारण कर 1262 में सिंघासन पर विराजमान हुयी ।( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
हालाकि इस बात से राज्य के कई अमीर लोग खुस नहीं थे क्युकी रानी बुराईयों और अन्याय के खिलाफ थी।
रानी का विवाह बीरभद्र से हुआ। उन्होंने अपने साम्राज्य में बुराई का विनाश किया।
5. महारानी तारा बाई भोंसले :
(1675-1761)
महारानी तारा बाई मोहिते कबीले से थी और उनके पिता
हंबिराओ मोहिते मराठा सेना के सेना पति थे। वह घुड़सवारी और तलवारबाजी में बहुत ज्यादा कुशल थी। उनकी शादी राजा राम से हुयी और उनके मरने के बाद उन्होंने अगला उत्तराधिकारी उनके बेटे शिवाजी द्वितीय को चुना। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
उन्होंने मुगल सम्राज्य के साथ कई युद्ध लड़े और उन्होंने औरंगजेब को हिला कर रख दिया था। महारानी मराठा साम्राज्य की संरक्षिका थी। और उन्होंने अपनी निडरता और कौशल से मुगलों को रोके रखा। 1707 में तारा बाई को मुगल सेना ने 4 दिन के लिए बंदी बना लिया था परंतु वह उन सैनिकों को खरीद कर रिहा हो गयी। उसके बाद उन्होंने मुगल साम्राज्य के खिलाफ कई युद्ध लड़े। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
उन्होंने अपने बेटे को सिंघासन देकर खुद संरक्षकों की तरह कार्य किया।
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6.रानी दुर्गावती (1524-1564) :
रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 में हुआ। चंदेल राजा सालबाहन जो कि महोबा पर राज्य करते थे उनकी पुत्री थी।
उनकी शादी गौड़ राजा दलपत शाह से हुयी। विवाह के चार साल बाद ही उनके पति की असमय म्रत्यु हो जाने के कारण उन्होंने अपने पुत्र नारायण को उत्तराधिकारी बनाया और स्वयं संरक्षक बन कर राज पाठ सम्भाला।
रानी बचपन से ही युद्ध कला बंदूक बाजी और तलवारबाजी आदि में महारत हासिल कर चुकी थी।( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
और वह चीते का शिकार भी करती थी। रानी दुर्गावती गोंडवाना जिसका केंद्र (जबलपुर) क्षेत्र की रानी थी। उन्होंने कई धर्मशाला, और कुए और प्रजा के लिए कई सुविधाएं करायी। उन्होंने अपने नाम पर रानी ताल, अपनी दासी के नाम पर चेरीताल और दीवान के नाम पर आधर ताल बनवाया। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
उन्होंने इलाहाबाद के मुगल बादशाह के खिलाफ़ कई युद्ध लड़े और उन्हें भगाया इसी लिए वह काफी मशहूर हुयी। रानी कालिंजर के राजा कीर्तिसिंह चंदेल की इकलौती संतान थीं। जो कि एक राजपूत वंश की ही शाखा है।
रानी दुर्गावती का राज्य संपन्न सुखी राज था और इसीलिए उनके राज पर मुग़लों की नजर रहती थी। मालवा के मुस्लमान शासक बाज बहादुर ने कई बार हमला किया पर रानी के सामने तिनके के समान ही था और वह एक बार भी सफल नहीं हुआ। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
मुगल बादशाह अकबर भी रानी का राज्य हड़प पर उनको अपने हरम में डालना चाहता था। उसने रानी से विरोध लेने के लिए उनके सफेद हाथी को और उनके विश्वसनीय आधार सिंह को माँगा परंतु रानी ने उसकी माँग ठुकरा दी।( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
इसलिए अपने रिस्तेदार आसफ खां के नेतृत्व में एक बड़ी सेना दी और गोंडवाना पर हमला कराया परंतु रानी का शौर्य अकबर से बहुत ऊँचा था। पहली बार में तो रानी ने उनको हरा दिया परंतु दूसरी बार 24 जून 1564 को एक बार और बड़ी संख्या में मुगल सेना ने हमला किया और उन्होंने बहादुरी से युद्ध लड़ा और युद्ध के दौरान ही उनकी म्रत्यु हो गयी। रानी की निडरता और स्वाभिमान इतिहास के पन्नों में दर्ज है।
भारत में उनकी कई मुर्तियां और उनके नाम पर कई सरकारी पार्क और सरकारी स्थल बनाए गए हैं। उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
महारानी दुर्गावती की निडरता से दुनिया आज भी मिसाल दी जाती है।
7. संयोगिता चौहान (संयुक्ता) (लगभग 1150 – 1192) :
संयोगिता पृथ्वी राज तृतीय की पत्नि थी। उनका जन्म कन्नौज में हुआ। उनके इस विवाह के बारे में कई लोक कथाएं प्रचलित हैं। रानी संयोगिता राजा जयचंद गहड़वाल(राठोड़) की पुत्री थी। जय चंद्र पृथ्वी राज के संबंध बहुत खराब थे। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
जब जय चंद ने अश्वमेघ यज्ञ कराया तब उसने सभी राजाओ को बुलाया और उसी समय संयोगिता के स्वयंवर का क्रियाकलाप रखा। पृथ्वी राज चौहान के अपमान के लिए उसने उनको नहीं बुलाया ब्लकि उनका अपमान करने के लिए एक धातु की मूर्ति द्वारपाल के रूप में बनाई। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
रानी संयोगिता ने पृथ्वी राज के बहादुरी के किस्से सुने थे और वह मन ही मन उनसे प्रेम करती थी। संयोगिता बेहद सुन्दर और आकर्षित करने बाली कन्या थी। उनकी सुंदरता के चर्चे राज में दूर दूर तक थे।
रानी जब माला लेके आयी तो उन्होंने अपने पिता के विरुद्ध पृथ्वी राज चौहान की मूर्ति को वरमाला पहना दी उसी समय पृथ्वी राज चौहान घोड़े पर सवार होकर सामने आए और उनको साथ ले गए और उनका विवाह हो गया। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
रानी की बहादुरी और प्रेम प्रसंग के लिए भारत में कई लोक कथाएं और लेख प्रचलित है।
8. महारानी अक्का देवी :
रानी अक्का देवी महान योद्धा थी उन्होंने पुर्तगालीयो से युद्ध लड़े और अपने साम्राज्य की रक्षा की। वह एक महान और शक्तिशाली रानी थी। रानी कर्नाटक के चालुक्य वंश की राजकुमारी थी और बिदर, बागलकोट और बीजापुर के वर्तमान जिलों में स्थित किशुकडू नामक क्षेत्र की राज्यपाल थी। उनका जन्म 1010 ce में हुआ और उनकी म्रत्यु 1064 ce में हुयी।। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
रानी अपनी बहादुरी और उच्च स्तरीय शासन व्यवस्था चलाने के लिए जानी जाती है। उनको गुणदाबंगी भी कहा जाता था जिसका अर्थ है “गुणों की सुंदरता”। उनके शासन काल में उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार किया और कई युद्ध जीते और उन्होंने शिक्षा को काफी महत्व दिया। 1022 के एक शिला लेख के अनुसार उनको युद्ध में काल भैरवी माना जाता था। जो कि साहस की प्रतीक है। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
9.अहिल्याबाई होल्कर :
मालवा राज की महारानी अहिल्याबाई मराठा साम्राज्य की महान रानी थी। उन्होंने अपने साम्राज्य में गरीबों और प्रजा की जरूरत को पूरा करने के लिए जानी जाती है। उनका जन्म 31 मई 1725
ग्राम चौंढी, जामखेड , अहमदनगर, महाराष्ट्र, भारत में हुआ। उनके पिता का नाम मान्कोजी शिन्दे था। उनका विवाह 10 वर्ष की आयु में हो गया था। उनके पति की म्रत्यु जब वो 29 साल की थी तभी हो गयी। उनके पति उग्र स्वभाव के थे जो कि उन्होंने सहा। उनके पति का नाम खण्डेराव होल्कर था। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
उनका राज्याभिषेक
११ दिसंबर, १७६७ को हुआ। बयालीस साल की उम्र पर उनके लड़के मालेराव का देहांत हो गया। रानी ने अपने जीवन में अपनों के खोने का बहुत दुख अनुभव किया। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
फिर भी समाज के प्रति उनका समर्पण सहयोग प्रसंशनीय है।
रानी ने अपने राज्य में कई मंदिर मठ बनवाए और उन्होंने शास्त्रों के पालन के लिए मंदिरों में कई विद्वानों की नियुक्ति की और शिक्षा सत्संग पर विशेष ध्यान दिया। इनके शासन का प्रभाव इतना अच्छा था कि जनता उनके शासन काल में ही उन्हें देवी कहने लगी थी। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
राज्य की चिंता और अपनों के खोने के वियोग में रानी की म्रत्यु 13 अगस्त 1795 में हो गयी।
10. रजिया सुल्तान (1236 – 1240):
(गुलाम वंश)
दिल्ली की एक मात्र महिला शासक। रजिया का जन्म 1205 में हुआ। उनके पिता का नाम
शम्स-उद-दिन इल्तुतमिश था। और माता का नाम कुतुब बेगम था। पिता की मृत्यु के बाद उसके सबसे बड़े भाई सिंघासन पर विराजमान हुए परंतु उनकी म्रत्यु अल्पायु में हो गयी जिसके बाद उसके छोटे भाई रक्नुद्दीन फ़िरोज़ शाह को उत्तराधिकारी बना कर राज सिंघासन पर बैठाया गया। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
लेकिन रक्नुद्दीन से राज सम्भाला नहीं गया और वह अपनी विलासिता में लिप्त रहता था और उसका सासन कुछ महीने तक ही चला जिसके बाद रजिया को सासन की बाघ डोर दे दी गयी।
रजिया के सुल्तान बन जाने पर कई लोग उनके खिलाफ थे परन्तु रजिया ने उनका सामना किया और शासन सम्भाला उनका सलाहकार या अफवाह है कि उनके और रजिया के बीच प्रेम संबंध थे जमात-उद-दिन-याकुत, उन्होंने मिलकर सासन को चलाया।( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
रजिया ने पर्दा डालने की रिवाजों को खत्म किया और खुद भी मुह खोल कर ही युद्ध और राज्य में जाती थी। उनके एक हब्शी के साथ ऐसे संबंधों को देख कर लोग उनसे नाराज थे। लेकिन फिर भी रजिया अपनी सेना और समझदारी वाली राजनैतिक नीतियों से दिल्ली की शक्तिशाली शासक बन गयी। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
जल्दी ही रजिया की शासन काल में भीतरी विद्रोह हुआ जो कि उनके प्रेमी के वज़ह से हुआ क्युकी उन्होंने ज्यादातर सुविधाएं अपने प्रेमी को दी थी इसलिए भटिंडा के राज्यपाल मल्लिक इख्तियार-उद-दिन-अल्तुनिया ने अन्य क्षेत्रों के राज्यपालों, जिन्हें रज़िया का अधिपत्य नामंजूर था, के साथ मिलकर विद्रोह कर दिया।( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
रजिया और मल्लिक इख्तियार-उद-दिन-अल्तुनिया के बीच युद्ध हुआ जिसमें उनका प्रेमी मारा गया और रजिया को बंदी बना लिया गया। लेकिन जान से बचने के लिए रजिया ने उससे शादी कर ली।( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
और इस बीच रजिया के भाई मैज़ुद्दीन बेहराम शाह, ने सिंघासन हासिल कर लिया बाद में रजिया और अल्तुनिया युद्ध करने पहुचे वहाँ उनको हार मिली और उन्हें भागना पड़ा और अगले कुछ दिनों में कैथल के रास्ते में उनकी सेना ने साथ छोड़ दिया और डाकुओं ने उन्हें मार गिराया।
निष्कर्ष :
भारत में महिलाओं ने हमेशा ही अपनी बहादुरी और बुद्धी के दम पर अनेकों महान कार्य किए उनके लिए युद्ध राज्य चलना युद्ध करना कोई कठिन कार्य नहीं थे। भारतीय महिला हमेशा ताकतवर थी और है। और इतिहास गवाह है महिलाएं ना तब पीछे थी ना अब पीछे है बस उन्हें जागने की जरूरत है। समाज और देश के प्रति महिलाओ का सहयोग काबिल तारीफ है। भारत की सबसे शक्तिशाली रानियाँ महान थी उनकी शौर्य और बहादुरी की कथा हमेशा के लिए अमर है। ( सबसे शक्तिशाली रानियाँ)
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