भारत के उत्तराखंड की सबसे अधिक खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक धनोल्टी की प्राकृतिक मनोरमता अद्भुत है । यूँ तो मेरा उत्तराखंड आना जाना काफी सालो से रहा है, लेकिन इस सफर से पहले मैंने धनोल्टी का सिर्फ नाम ही सुना था। इस सुहावने सफर की कुछ निजी यादों को आपके साथ साँझा कर रहा हूँ उम्मीद है आपको यह लेख जरूर पसन्द आएगा।

धनोल्टी में घूमने की जगह

समूचे उत्तराखंड की संचरना इतनी हसीन और खूबसूरत हैं कि यहां की घनी पहाड़ियों का नज़ारा आँखों को किसी सपने जैसा प्रतीत होता है। धनोल्टी किसी कहानी में सुने जाने वाली जगह की तरह है जहां अनंत शांति और सुकून है। चारों तरफ ऊँचे ऊँचे बर्फ से ढके पहाड़ और घने जंगल मानो प्रकृति अपने यौवन पर गुरूर कर रहीं हो। 

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सुनने में आपको ये बातें किसी कवि की कल्पना भले ही लग सकती है परंतु सत्य तो यही है कि धनोल्टी की वादियों से ना जाने कितने कवियों को कल्पना करने और सोचने का मौका मिला। 

पथरीले ऊँचे पहाड़ों पर बनी पतली सी सड़क जिसके एक तरफ पहाड़ों के खिसकने का डर है तो दूसरी तरफ खौफनाक खाई। यदि आप इनके डर से जीत पाए तभी यहां के अनोखे प्राकृतिक सौंदर्य का लुफ्त उठा पाएंगे।

 best places in dhanaulti

सड़क के किनारे कभी कभी इतने कठिन और सकरे हो जाते है कि आपको सड़क पर आगे चलने के लिए एक दो मिनट का ठहराव भी करना पड़े। बरसात के दिनों में यहां भूस्खलन का खतरा सबसे अधिक होता है। देहरादून से मसूरी से धनोल्टी का सफर पूरी तरह सावधानि से चलने का है। आपकी एक मामुली सी ग़लती पता नहीं कितनों की जान पर बन आएगी आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। धनोल्टी की पहाड़ी सुंदरता स्वर्ग के समान है। 

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धनोल्टी की 10 सबसे खूबसूरत जगहे – 

माँ सुरकंडा देवी मंदिर –

Surkanda devi मंदिर, धनोल्टी

धनोल्टी में सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र यहां स्थित जगत जननी माँ सुरकंडा देवी का मंदिर है। ऊँची चोटी पर स्थित माँ का दरबार इतना भव्य है कि कोई भी आकर भाव विभोर हो जाए। माता रानी का भव्य मंदिर धनोल्टी से लगभग 8 किमी दूर स्थित है। 

माँ सुरकंडा देवी मंदिर तक का रास्ता बिल्कुल सीधा और खूबसूरत पहाड़ी दृश्यों से भरपूर है। रास्ता इतना मनमोहक है कि आप एक पल के लिए भी आलस्य में नहीं आयेगे बल्कि दोगुनी ऊर्जा के साथ रोमांचक सफर का आनंद उठाते हुए नजर आयेगे। मंदिर आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालू देश विदेश से आते है। माँ सुरकंडा देवी बिना किसी भेद भाव के सबके कष्टों को दूर करके उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती है। 

मंदिर तक पहुंचने के लिए रोप वे का इन्तेजाम किया गया है यदि आप मंदिर की चोटी तक चढ़कर जाना पसंद करते है तो सीडियों का उपयोग भी कर सकते हैं। मंदिर के मुख्य स्थल से दिखने वाला नज़ारा इतना अद्भुत है कि आपको एक बार भीतर से एहसास होगा कि इसे बनाने वाला ईश्वर के अलावा कोई हो ही नहीं सकता अर्थात्‌ संसार में ईश्वर विराजमान है। आप इसे मामूली मंदिर समझने की भूल ना करे, हालाकि कोई भी मंदिर मामूली नहीं होता।  यह मंदिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में गिना जाता है।

मंदिर घूमने का समय –

5AM – 7AM (गर्मियों के दौरान) 

7AM – 5PM (सर्दियों के दौरान) 

Dhanaulti Eco Park –

धनोल्टी eco पार्क

समुद्र तल से करीब 7800 मीटर ऊचाई पर स्थित धनोल्टी में तक़रीबन 13 हेक्टर पहाड़ी जंगलों में फैला यह पार्क आपको प्रकृति के और भी करीब ले आता है। लंबे लंबे Deodhar के वृक्ष आपको बसीभूत करने के लिए काफी है। जितना भी तनाव, अनिद्रा और अवसाद आप शहरो से लेके आए होते हैं इन वादियों की शुद्धता में सब खत्म हो जाता है। यदि कुछ हमारे चित्त में ठहराता है तो वो है यहां फैली असीम शांति, सुकूं और पहाड़ों की असीमित सुंदरता। 

Eco park को दो हिस्सों में बांटा गया है जिसमें से एक को अम्बर और दूसरे हिस्से को धारा कहा जाता है। पार्क के भीतर बच्चों के लिए खास खेलों के इन्तेजाम किए गए है। यहां कतार में लगे भिन्न-भिन्न प्रजाति के पेड़ पौधों की सुंदरता आपको निश्चित ही अचरज में डाल सकती है। पार्क का किराया मामूली है जिससे आपके बजट को कोई खास फर्क नहीं पड़ता। 

देवगढ़ का किला – 

ऎतिहासिक रुचि रखने वाले पर्यटकों की दृष्टि से भी धनोल्टी एक बेहतर पर्यटन स्थल है। यहां स्थित देवगढ़ का किले का इतिहास आपको सोलहवीं शताब्दी के इतिहास से रूबरू होने का मौका देता है। प्राकृतिक और ऐतिहासिक सुन्दरता का यह अनोखा मेल हर किसी के मन को मोह लेने के लिए पर्याप्त है। 

किले में घुसते ही आप नक्काशीदार दीवारें और सुनहरे रंग से रंगी हुयी सजावट पाते है। दीवारो पर उकेरी गयी नक्काशी की तारीफ में जितना कहा जाए उतना कम ही है। Rustic रंगो से भरी हुयी कई कला कृतियां आपके मन को खूब भाती है। उत्तराखंड के धनोल्टी में Deogarh Fort चुनिंदा पर्यटन स्थलों में से एक है। 

किले की धार्मिकता को समझते हुए आप यहाँ कतार में बने कईयों जैन मंदिरों को देख सकते है। जैन मंदिरों की सुंदरता भी अद्भुत प्रतीत होती है। कुलमिलाकर यदि आप dhanaulti जाने का विचार कर रहे है तो आपको Deogarh का यह किला जरुर देखना चाहिए। 

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कनाटल एडवेंचर कैंप 

रोमांच के शौकीन लोगों के लिए kanatal Adventure Camp एक दम सही जगह है। यहां आप आराम के साथ साथ रोमांचक खेलों का लुफ्त भी उठा सकते हैं। यहां से दिखने वाला सुंदर पहाड़ी नज़ारा और ठहरने की उत्तम वयवस्था निश्चित आपको यहां ठहरने के लिए आकर्षित करेगी। 

आप यहाँ रहकर कई तरह के एडवेंचर स्पोर्ट्स में हिस्सा ले सकते है। आप यहाँ रहकर रॉक क्लाइम्बिंग, बर्मा ब्रिज, पैरेलल रोप, बैलेंस बीम, रैपेलिंग, वैली क्रॉसिंग इत्यादि जैसी कुछ रोमांचक गतिविधियों का भरपूर आनंद ले सकते हैं। 

यहां बने कैम्पस में आपको स्वादिष्ट स्थानीय भोजन करने का भी मौका मिलता है। आप चाहे तो खुद भी खाना बनाकर खा सकते हैं। यह मसूरी-चंबा जाने वाले रूट पर धनोल्टी में स्थित है। 

टेहरी बांध

Dhanaulti mei ghoomne ki jagah

धनोल्टी जाने वाले पर्यटकों के लिए Tehri Dam सबसे पसंदीदा जगह मानी जाती है। हरि भरी पहाड़ियों से इस बाँध के पानी को देखना बहुत ही सुंदर अनुभव प्रदान करता है। आप यहां पानी से जुड़े कुछ रोमांचक खेलों में भी भाग ले सकते हैं। बोट पर घुमाना हो या बाँध के पानी में पानी वाली बाइक पर तेज रफ्तार से चक्कर लगाना सबकुछ ही आपको बेहद पसंद आएगा। 

ज़रूरी नहीं कि आप यहाँ आकर पानी वाले रोमांचक खेलों का हिस्सा बने बल्कि लोग यहां शांति का अनुभव करने और पिकनिक मनाने के लिए भी खूब आते हैं। 

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दसअवतार मंदिर – 

गुप्त काल के दौरान निर्मित यह मंदिर उत्तराखंड पर्यटन के लिए बेहद खास है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह मंदिर काफी महत्त्वपूर्ण है। समय के पहिये को इतिहास में ले जाने वाला यह सुंदर मंदिर हिन्दुओं के प्रमुख भगवान विष्णु को समर्पित है। गुप्त काल की शिल्पकला की सुन्दर कारीगरी निश्चित ही आपको हैरानी में डाल देगी। इसे पंचायतन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 

थांगधार कैम्प – 

जंगलों और प्राकृतिक वातावरण को चाहने वाले पर्यटकों के लिए Dhanaulti का थांगधार कैम्प उचित गंतव्य हो सकता है। यहां के पहाड़ी जंगलों में लगे तंबुओं में ठहरने की उत्तम व्यवस्था आपको काफी पसन्द आएगी। लंबे लंबे चीड़ और देवदार के पेड़ों से घिरी हुई कैंपिंग जाहिर तौर पर पर्यटकों को सबसे अधिक खूबसूरत और पसन्द आती। 

शादी सूदा जोड़ों को यह जगह खासी पसन्द आती है, सर्दियों के दिनों में यहां बर्फ बारी का भरपूर लुफ्त उठाया जा सकता है। Dhanaulti की खूबसूरत वादियों में आप  रॉक क्लाइंबिंग, माउंटेन बाइकिंग और ट्रैकिंग का भी आनंद ले सकते हैं। 

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एप्पल ऑर्चर्ड रिज़ॉर्ट

सेव के बाग देखने के लिए कश्मीर जाने की आवश्यकता नहीं है! बल्कि आप dhanaulti में भी भरपूर सेब के बाग देखने का मजा ले सकते हैं। आप सेब के साथ-साथ अन्य जैविक फलों और सब्जियों की भी कई किस्में ले सकते हैं। स्वादिष्ट भोजन खाने के लिए आप यहां स्थित ग्लास हाउस रेस्त्रां में जा सकते है। इस रेस्त्रां में यहां का सबसे स्वादिष्ट गढ़वाली भोजन मिलता है। 

Potato Farm – 

हालाकि यह कोई खास पर्यटन स्थलों में नहीं आता लेकिन फिर भी यहाँ आलू की खेती देखने लायक है। यदि आप बच्चों के साथ घूमने आते है तो यह जगह बच्चों के लिए काफी शिक्षा प्रद साबित होगी। 

धनोल्टी घूमने का सबसे अच्छा समय –

Dhanaulti ghoomne ka sabse accha samay

मौसम चाहे कोई भी हो धनोल्टी घूमने का अपना मजा है। कहने का मतलब है कि, आपका प्रकृति के लिए कितना समर्पण है उसके अनुसार ही आप यहाँ घूम सकते है। इस मामले में मेरा मत है कि पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने के लिए गर्मियों और सर्दियों का मौसम सबसे उचित होता है। सर्दियों में बर्फ से ढकी चोटियां देखने को मिलती है तो गर्मियों में कम सर्दी में प्रकृति को और करीब से देखने का मौका मिलता है। 

लेकिन यदि आप एक जटिल प्राकृतिक प्रेमी है तो आपको ख़तरों का सामना करते हुए बरसात के मौसम में एक बार यहां जरूर आना चाहिए। बरसात के दौरान यहां के जंगलों की सुंदरता में एक अलग तरह की सुंदरता होती है जिसे शब्दों में स्पष्ट कर पाना संभव नहीं है। हालाकि बरसात के दिनों में पहाड़ों पर भूस्खलन जैसी तमाम प्राकृतिक आपदाओं का खतरा कई फीसदी बढ़ जाता है। 

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धनोल्टी कैसे पहुँचे?

Dhanaulti kaise pahuche

पहुंचने के लिए सबसे बेहतर तरीका है कि आप नई दिल्ली कश्मीरी गेट से देहरादून के लिए सीधी बस पकड़े। देहरादून से मसूरी मामुली सी दूरी पर स्थित है। मसूरी से Dhanaulti के लिए एक दम शीशा रास्ता है। 

यदि आप चाहे तो दिल्ली से देहरादून रेल्वे स्टेशन पहुंच कर वहाँ से बस या प्राइवेट टैक्सी से भी पहुंच सकते हैं। 

देहरादून से मसूरी – 33.8 km

Dehradun से Dhanaulti – 36km

दिल्ली से Dhanaulti – 317.5km

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By Nihal chauhan

मैं Nihal Chauhan एक ऐसी सोच का संरक्षण कर रहा हू, जिसमें मेरे देश का विकास है। में इस हिंदुस्तान की संतान हू और मेरा कर्तव्य है कि में मेरे देश में रहने वाले सभी हिंदुस्तानियों को जागरूक करू और हिंदी भाषा को मजबूत करू। आपके सहयोग की मुझे और हिंदुस्तान को जरुरत है कृपया हमसे जुड़ कर हमे शेयर करके और प्रचार करके देश का और हिंदी भाषा का सहयोग करे।

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