Bhukamp kyu aata hai aur kaise?) भूकंप क्यु आता है? और भूकंप से बचने के उपाय क्या है? यह काफ़ी महत्त्वपूर्ण सवाल बन जाते है । जब आप भारत के किसी ऐसे क्षेत्र में रहते है जो भूकम्प प्रभावित है। भूकंप जितना जमीन के भीतर होता है उतना नुकसान कम होता है और जितना यह ऊपरी सतह पर होगा उतना ज्यादा नुकसान धरातल पर होता है। इस बारे में विशेष बात करने से पहले हमे यह अवश्य पता होना चाहिए कि
भूकंप क्या होता है?
पृथ्वी के ऊपर की सतह (lithosphere) के अचानक से हिल जाने से जो (कंपन) होता है उसी कंपन को भूकंप माना जाता है। असल में यह पृथ्वी के भीतर हुयी कोई क्रिया प्रक्रिया से उत्पन्न होने वाली भूकम्पीय तरंगों के कारण होता है।
भूकंप की तीव्रता पर निर्भर करता है कि उससे हमे कितना नुकसान उठाना पड़ता है। ज्यादा तीव्रता वाले हिंसात्मक भूकंप प्रलय मचा देते है चारों ओर सब कुछ मलबे में तब्दील हो जाता है। भूकंप एक बड़ी त्रासदी है जिसमें हर साल कई जाने जाती है।
भूकंप के केंद्र को जहा से यह कंपन शुरू होता है उस जगह को भूकंप का केंद्र यानी कि उपरिकेंद्र (epicentre) माना जाता है। यहां से जो तरंगे उठती है वही भूकंप की तीव्रता को हमें बता पाती है। इसलिए हम ऐसी तरंगों को seismic waves भी कहते है। भूकंप से उठने वाली इन तरंगों को मापने वाले यंत्र को भूकम्पमापी भूकंपलेखी (सिस्मोग्राफ ) कहते है।
इस यंत्र में एक स्केल होती है जिसको रिक्टर स्केल कहा जाता है उसी की मदद से हम भूकंप की तीव्रता को नाप पातें है। यदि भूकंप समुद्र में या तटीय इलाकों में आता है तो यह बेहद विनाशकारी सिद्ध हो सकता है। ऐसे ही भूकंप को हम सुनामी (tsunami) के नाम से जानते हैं।
अलग अलग क्षेत्रों में इस त्रासदी को अलग अलग नाम से जाना जाता है। समुद्री क्षेत्र में जब समुद्री तल खिसकता है या हिलता है या उसमे से लावा निकलता है ऐसी स्थिति में समुद्री धरातल पर तेज कंपन उत्पन्न होता जिससे समुद्र का पानी प्रवाहित होकर तटीय क्षेत्रों में भयंकर त्रासदी के रूप में सामने आता है।
भूकंप क्यों आता है ?
यह सवाल बहुत छोटा है पर आसान बिल्कुल भी नहीं है। भूकंप आने के कई कारण हो सकते हैं। पर यह जानने के लिए यह पता होना काफी जरूरी है कि आख़िर भूकंप की मुख्य उत्पत्ति कहा से होती है। इस मामले को गंभीरता से समझने के लिए हमे पहले पृथ्वी को समझना होगा। असल में क्या आपने सोचा है कि पृथ्वी के भीतर क्या है? क्युकी भूकंप की उत्पत्ति भी धरातल के नीचे से ही होती है।
तो यह पहला सवाल बनता है कि पृथ्वी के ऊपरी सतह के नीचे क्या है? वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी के भीतर 7 बड़ी प्लेट्स होती है और कई सारी छोटी प्लेट्स होती है । यह प्लेट्स निरंतर घूमती रहती है। और इन्ही प्लेट्स के ऊपर पूरा भूखण्ड स्थापित है।अलगअलग
प्लेट्स होने के कारण कभी कभी यह बेहद करीब आ जाती है और इनके आपस में टकराने से पूरा धरातल हिल जाता है जिससे भूकंप जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। इन्हीं प्लेट के आपस में टकराने से या दूर होने से पहाड़ों अथवा समुद्रों का निर्माण भी होता है।
और नए भूखण्ड का निर्माण भी हो सकता है। धरती का फटना इन्हीं प्लेट में हुयी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप होता है। इसके साथ ही भूकंप आने के अन्य
भूकंप आने के क्या कारण है?
भूकंप पृथ्वी पर आदि अनादि काल से आते रहे हैं। इतिहास में इन्हें देवताओ का प्रकोप समझा जाता था। परंतु आज के विज्ञान तकनीक के विकास के चलते हम भूकंप क्यु आता है? कहां से आता है? ऐसे सवालों के जबाब जान चुके हैं। भूकंप आने के कई कारण निश्चित होते है पहले मुख्य कारण ऊपर बताये गये है इसके उपरांत और भी मानवीय क्रियाओं के कारण भी भूकंप की स्थिति पैदा हो सकती है।
ज्वालामुखी विस्फोट से : (Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
पृथ्वी भीतर से पिघला हुआ प्लास्टिक की तरह है जिसको हम लावा कहते है। यह बेहद गर्म है। परंतु पृथ्वी की ऊपरी सतह ठण्डी है इसी वजह से वह ठोस है। जब पृथ्वी के भीतर ऐसी कोई प्रक्रिया होती है जिससे अंदर के तापमान में थोड़ा बहुत बदलाव होता है तो उसके ऊपर का पूरा धरातल हिल जाता है। (Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
इसके अलावा जब ज्वालामुखी विस्फोट करता है तो धरती को चीरता हुआ ऊपर आता है जिससे आसपास की जगह में भूकंप के झटके महसूस होते है और जब यह जादा तेज होते है तो इसमें भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है।
मानवीय क्रियाओं के कारण :
मनुष्य ने पृथ्वी पर अपनी जनसंख्या इतनी अधिक कर ली वह पहाड़ों पर जंगलों में ऐसी जगह पर रहने पर भी मजबूर है जो कि भूकंप प्रभावित क्षेत्र है। मनुष्य ने रहने के लिए अपनी सुविधा के अनुसार प्रकृति का नियम तोड़ने की कोशिश की है जिसका परिणाम गलत प्राप्त होता है।(Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
पहाड़ों पर खुदाई करना, सुरंग बनाना, गहरे तालाब बनाना और बाँध के टूटने से यह सभी क्रियायों से भूकंप आने की संभावना होती है। पहाड़ों के तोड़ने पर यह और भी खतरनाक स्थिति पैदा कर लेते हैं। (Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
अचानक से बाँध के टूटने से भी धरती हिलने की आशंका रहती है। (Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
टेक्टोनिक प्लेट्स के अचानक टूटने से :(Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
जब दो चट्टानें आपस में टकराती है और यह प्लेट्स के रगड़ने के कारण हो सकता है। जिससे वह धरती पर धराशाई हो जाती है उससे जो ऊर्जा उत्पन होती है वह जमीन को हिला देती है। प्लेट के आपस में टकराने से या दूर होने से धरती का फटना और भूकंप को पैदा करता है।प्लेट जमीन में 30 से 40 किलोमीटर नीचे होती है।
भूकंप से होने वाले प्राकृतिक नुकसान :
हिमस्खलन और भूस्खलन : भूकंप के झटके आने से पहाड़ी क्षेत्रों में हिमस्खलन और भूस्खलन होने के काफी ज्यादा आसार होते हैं। भूकंप के दौरान पहाड़ी क्षेत्र में यह परेशानी स्वाभाविक है। जिससे यह एक बहुत बड़ी प्राकृतिक आपदा का रूप ग्रहण कर लेते हैं। (Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
बाढ़ : धरातल के हिलने से स्वाभाविक है कि उस पर निर्मित हर चीज ध्वस्त हो जाएगी। जब भूकंप की तीव्रता अत्यधिक होती है ऐसे में नदियों पर निर्मित बाँध टूट जाते है जिससे बाढ़ आ जाती है जिससे काफी बड़े पैमाने पर जिवित और निर्जीव चीजों का नुकसान होता है। सबसे बड़ी समस्या यह है इसमे मानव की जिन्दगियों का खात्मा होता है। (Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
आग : भूकंप के तेज झटकों के कारण बिजली के खंबे गिर जाते है जिससे आग आग लगने का खतरा काफी ज्यादा हो जाता है। यह आग कभी कभी इतना भयानक रूप धारण कर देती है कि कई जंगलों को और मानवीय जीवन को समाप्त कर देती है। (Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
परमाणु बम के परीक्षण से : परमाणु ऊर्जा दुनिया की सबसे बड़ी ऊर्जा मानी जाती है इनके फटने से भूकंपीय तरंगो का निर्माण होता है। इससे भूकंप के आसार ज्यादा ही रहते है। हालांकि ऐसे परीक्षण पूरी तरह से प्रतिबंधित है। (Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
धरती का फटना : जमीन का फटना और झटके भूकंप के मुख्य प्रभाव है। इसमे बड़ी बड़ी इमारतें धराशाई हो जाती है जिन्हें आर्थिक और कई जाने जाने का नुकसान होता है। भूकंप का प्रभाव उन इलाक़ों में तेज होता जहा पर भूकंप का epicentre होता है।
भारत के कौन से क्षेत्र भूकंप के लिहाज से ज्यादा खतरे में है?
भारत का पूर्वोत्तर और कच्छ भुज वाला क्षेत्र ज्यादा खतरे में है। भारत को भूकंप का खतरा तब अधिक होगा जब इंडियन प्लेट जो कि हिमालय से लेकर अंटार्कटिक तक फैली हुयी। यह प्लेट पाकिस्तान को छू कर रहती है। जब यह प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकराती है तो भूकंप का केंद्र भारत होगा और भारत को काफी ज्यादा और बड़ा नुकसान हो सकता है।(Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
यूरेशियन प्लेट साउथ के तरफ है जहा पर चाइना इत्यादि बसे हुए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इंडियन प्लेट यूरेशियन प्लेट की और बढ़ रहीं हैं। और अगर इसकी टक्कर होती है तो भारत के ऊपर ही बड़ी आपदा आ सकती है। (Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
कौन से भूकंप ज्यादा खतरनाक होते हैं?
भूकंप को नापने वाले यंत्र को sesmograph कहते हैं। यह यंत्र एक स्केल के जरिए भूकम्प की तीव्रता नापने में सक्षम है। इस स्केल को रिएक्टर स्केल कहते हैं। रिक्टर स्केल पर 5 तक आने वाले भूकंप ज्यादा खतरनाक नहीं माने जाते हैं। परंतु भूकंप किस इलाके में इससे काफी प्रभाव पड़ता है कि नुकसान कितना होगा। अमूमन रिएक्टर स्केल पर 7.5 या 8 को काफी तीव्रता वाला सबसे ख़तरनाक भूकंप माना जाता है।
भूकंप से बचने उपाय :
भूकंप एक बड़ी प्राकृतिक चुनौती है और मनुष्य को इस चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। सरकार और हमारे वैज्ञानिको के द्वारा आधुनिक खोजों के जरिए हम काफी हद तक इससे निबटने के लिए पहले से ज्यादा सक्षम हो पाए हैं। भूकंप से बचने के लिए निम्न उपाय है। जो कि नीचे विस्तृत रूप में लिखे हुए हैं। (Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
भूकंप रोधी घरों का निर्माण कराए :
आपका घर ऐसे इलाकों में जो भूकंप प्रभावित है तो वहां पर आपको अपने घरों को भूकंपरोधी बनवाना चाहिए। इसमे ज्यादा खर्चा नहीं आता। परंतु ऐसे इंजीनीयर की देश में कमी ही है जो इस तरह के डिजाइन बना पाते है। भारत में इन मामलों में लोग ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते। भूकंप रोधी घर बनाने में कुल खर्चे का 10% अधिक खर्चा आता है। यह ऐसे घर होते है जो भूकंप को सहन कर सकते हैं। (Bhukamp kyu aata hai aur kaise?)
- जब भूकंप आए आप घरों से बाहर निकल कर किसी खुले इलाके में जाए। किसी पेड़ के नीचे या किसी छत्त के नीचे ना रहे।
- आपातकाल की स्थिति में घर में मौजूद किसी टेबल या दरवाजे की चौखट के नीचे आ जाए।
- अगर आप फँस जाते हैं तो धैर्य से काम ले और लंबी साँसें ले।
- बिजली के खम्बे से दूर रहे।
- जानवरों को बाहर खुली जगह में ले जाए।
- घर के सभी खिड़की दरवाजे खुले रखे।
- बिजली का में switch off कर दे ।
दोस्तों उम्मीद है आपको यह लेख समझ आ गया होगा। भूकम्प एक बहुत भयानक प्राकृतिक आपदा है। हमे इसके बारे में जागरूक रहना चाहिए और अपने आस-पास के लोगों को जागरूक करना चाहिए।
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धन्यावाद।।
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