जटायु अर्थ सेंटर ,केरल के Chadayamangalam गांव में स्थित केरल का सबसे मशहूर पर्यटन स्थल है । Chadayamangalam गांव कोल्लम जिले के अंतर्गत आता है। केरल के अंदर कोल्लम जिला पर्यटकों की पहली पसंद होती है।
जटायू नेचर पार्क बनाने के पीछे केरल सरकार और मूर्तिकार राजीव आचल का उद्देश केरल की धरा में हुए रामायण संवाद की घटना को समझाना और दुनिया के सामने पेश करना था । पूरी योजना के पीछे का दिमाग माननीय राजीव आंचल जी द्वारा लगाया गया है।
उनकी ही कल्पना थी की कोल्लम जिले के Chadayamangalam गांव में महान जटायु की सबसे बड़ी और सुंदर प्रतिमा बनाई जाए। इस प्रतिमा की डिजाइन और पूरी ही परियोजना राजीव आंचल जी द्वारा बनाई गई ।
यह एक अर्ध शासकीय परियोजना है ।केरल के पर्यटन विभाग द्वारा बनाए गए भव्य धार्मिक पर्यटन स्थल को सभी विशेषताओं का एक अनूठा मिश्रण बनाया है। जटायू एडवेंचर पार्क में इतिहास ,प्राकृतिक सौंदर्य,रोमांच और पौराणिक कथाओं का मिश्रण देखने को मिलता है ।
जटायुपारा का महत्व –
पौराणिक और धार्मिक कथाओं के अनुसार जटायुपारा वह जगह है, जहां हिंदू महाकाव्य रामायण के दौरान हुए एक विशेष संवाद से है । यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि जब प्रभु श्री राम 14 बरस वनवास में थे उसी समय दुष्ट रावण द्वारा उनकी पत्नी सीता का अपहरण किया गया था।
राज जटायु द्वारा माता सीता की रक्षा की गई और उन्होंने रावण से युद्ध किया युद्ध के दौरान रावण ने जटायु के दोनों पंखों को काट दिया जिस कारण से गिर्राज आसमान से अवस्था में सीधे इसी जगह जटायु पारा की पहाड़ी पर गिरे और मूर्छित हो गए बाद में भगवान श्री राम और उनके भाई लक्ष्मण माता सीता को ढूंढते हुए इस जगह पहुंचे ।
जटायु ने उन्हें पूरी कहानी बताएं कि किस तरह रावण माता सीता का हरण करके ले गया और युद्ध के दौरान उसने जटायु के दोनों पंख काट दिए । घायल अवस्था में जटायु ने प्रभु श्री राम को पूरी बात बताने के बाद अपने प्राण त्याग दिए ।
प्रभु श्री राम और लक्ष्मण द्वारा जटायु का विधिवत अंतिम संस्कार किया गया । त्रेता युग की उस घटनाक्रम से आज भी यहां के लोग काफी प्रभावित हैं ।
Jatayu The Legend – Jatayu Sculpture
हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस में जटायु को अदम्य साहस और वफादारी का अवतार माना गया है । जटायु भगवान श्री राम के पिता चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ के मित्र थे । उन्होंने अपने प्राणों की चिंता किए बगैर माता सीता की आखिरी सांस तक रक्षा की।
गिरिराज जटायु को लेकर केरल के आसपास सभी स्थानीय क्षेत्रों में कई स्थानीय कहानियां प्रसिद्ध है कहा जाता है कि माता सीता ने जटायु को वरदान दिया था कि जब तक वह भगवान श्रीराम को रावण की करतूतों का सारा वाकिया नहीं बता देंगे तब तक उनके प्राण नहीं निकलेंगे ।
प्रभु श्रीराम से मिलने के उपरांत भगवान ने स्वयं उन्हें अमर करने का वरदान देने की बात कही थी परंतु उम्र दराज जटायु ने श्रीराम से बड़े ही सरल मन से कहा कि वह अब वृद्ध हो चुके हैं और ईश्वर के सामने प्राण त्यागने से बड़ा अच्छा कार्य कुछ और हो ही नहीं सकता । यह कहते कहते ही उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए ।
जटायु की प्रतिमा और महिलाओं का सम्मान –
आज जटायु की प्रतिमा को महिलाओं की सुरक्षा, साहस, ईमानदारी और उनके बढ़ते हुए सम्मान को प्रदर्शित करते हुए खड़ी है । जटायु ने माता सीता की रक्षा में अपने प्राण निछावर किए इसी कारण से उनकी प्रतिमा को महिलाओं द्वारा खास सम्मान और तवज्जो हासिल होती है । जटायू अर्थ सेंटर केरल
धार्मिक ग्रंथों में और हिंदुओं की प्रमुख किताबों में जटायु को एक पूर्व युग का प्रतीक भी माना गया है जो यह दर्शाता है कि पृथ्वी पर जीवित सभी नर – नारी ,पशु – पक्षी और अन्य जीव – जंतु एक दूसरे के लिए कितना चिंतित रहते थे । वे सभी एक दूसरे की चिंता करते थे और पृथ्वी पर सभी जीव शांति से जीवित थे ।
जटायू अर्थ सेंटर कैसे पहुंचे ?
केरल में स्थित जटायू अर्थ सेंटर केरल के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है इसलिए यहां पहुंचना काफी आसान हो जाता है । जटायू अर्थ सेंटर जाने के लिए आपको केरल के कोल्लम जिले में चार मंगलयान गांव में पहुंचना होगा ।
यदि आप ट्रेन से जटायु पारा पहुंचना चाहते हैं तो आपको कोट्टाराकारा रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा ।
कोट्टाराकरा रेलवे स्टेशन जटायू अर्थ सेंटर से महज 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यहां पहुंचने पर आप किराए पर टैक्सी या दो पहिया वाहन लेकर 30 मिनट में जटायू अर्थ सेंटर पहुंच सकते हैं ।
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जटायू अर्थ सेंटर की चार पहाड़ियां –
जटायू अर्थ सेंटर का निर्माण प्राचीन पौराणिक मान्यताओं को और आधुनिकता की नयी तकनीकों के साथ पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। जटायू अर्थ सेंटर का निर्माण चार अलग-अलग चोटियों के पर्यटन को मिलाकर बना है । चारों छुट्टियों में एलीफेंट रॉक हिल , एडवेंचर रॉकहिल , किचन रॉक हिल और जटायू रॉक हिल शामिल है ।
एलीफेंट रॉक हिल –
यदि आप जंगल में रात बिताने के शौकीन हैं तो एलीफेंट रॉक हिल आपके लिए सबसे उम्दा जगह रहेगी । यह चोटी ढाई सौ मीटर लंबी जिपलाइन जॉन है। एलीफेंट रॉक हिल पर होने वाली मुख्य एक्टिविटीज में स्काई साइकलिंग .मून लाइट डिनर,कैंप फायर, बोनफायर और यहां का लाजवाब खाना है । आप यहां रहकर जंगली जीव जंतु और घने जंगलों की हरियाली का लुफ्त उठा सकते हैं ।
किचन रॉकहिल – जटायू अर्थ सेंटर
यदि आपने कभी प्राकृतिक गुफाएं नहीं देखी तो यह जगह आपके लिए सबसे अधिक रहस्यमय और रोमांचक होने वाली है । दरअसल किचन रॉकहिल जटायु पारा की प्राकृतिक गुफाओं के पूरी दुनिया में प्रख्यात है । यहां रहकर पेड़ पौधों की विभिन्न तरह की प्रजातियां देख पाएंगे । इसके अतिरिक्त यहां आकर आप अर्थ सेंटर का पूरा नजारा हेलिकॉप्टर से देख सकते हैं । यहां हेली टैक्सी सर्विस की सुविधा भी सुचारु रूप से मुहैया कराई जाती है ।
जटायू रॉक Hill –
समुद्र तल से चट्टान की ऊंचाई हजार फिट है । आपकी विशेष जानकारी के लिए बता दें कि कोल्लम में स्थित जटायू अर्थ सेंटर में बनी गिर्राज जटायु की विशाल प्रतिमा दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी मूर्ति कला मानी जाती है । प्रतिमा की लंबाई तकरीबन 200 से और चौड़ाई 150 फीट है ।
मूर्ति के भीतर आधुनिक जमाने का ऑडियो विजुअल संग्रहालय बनवाया गया है जहां महान जटायु के बारे में पूरी जानकारी बताएं और दिखाई जाती है । चट्टान की चोटी पर पहुंचने के लिए यहां केवल कार सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है । चोटी पर बना महाराज श्री राम का मंदिर और रेन वाटर रीजन बीयर आकर्षण का केंद्र है ।
एडवेंचर रॉक हिल –
जैसा कि नाम से ही पता चलता है एडवेंचर रॉकहिल अपने आप में एक खास जगह है यहां आने के लिए आपको कम से कम पूरे 1 दिन का समय चाहिए होगा यहां होने वाली रोमांचक एक्टिविटीज आपको पूरी तरह से तरोताजा और प्रसन्न कर देगी। यहां होने वाली सभी रोमांचक अभी रोमांचक क्रियाएं आपकी सेफ्टी का पूरा ध्यान में रखकर की जाती है ।
यहां की जंगल में बनी पहाड़ियों पर रॉक क्लाइंबिंग भी कर सकती हैं । एडवेंचर रॉकहिल पर होने वाली मुख्य एक्टिविटीज इस प्रकार है –
- तीरंदाजी
- राइफल शूटिंग
- लोंग वॉक
- कमांडो नेट
- जिपलाइन
- रेसलिंग
धार्मिक तालाब – जटायू अर्थ सेंटर केरल
जटायु बारा की पहाड़ी के पास एक प्राचीन तालाब स्थित है इस तालाब के बीच है कई पौराणिक कहानियों और धार्मिक किस्सा को जोड़ा गया है कहा जाता है कि यह तालाब जटायु ने अपनी जांच से बनाया था ।
उसी समय से लेकर अब तक यह तालाब कभी सूखा नहीं है । इसके अतिरिक्त एक दूसरी स्थानीय कहानी यह भी कही जाती है कि जब जटायु इस जगह पर गिरे थे तो उन्होंने इसी तालाब से पानी पिया था और खुद को प्रभु श्री राम के आने तक जीवित रख पाएं । आप इस तालाब को जटायु की प्रतिमा की तरफ आते वक्त भी देख पाएंगे ।
प्रभु श्रीराम के पदचिन्ह और मंदिर -जटायू अर्थ सेंटर
कहते हैं जब प्रभु राम जब Jatayupara की चोटी पर माता सीता की खोज में पहुंचे तो उन्होंने वहां घायल जटायु को देखा। पहली बार में जब श्री राम के भाई लक्ष्मण ने जटायु का विशाल शरीर देखा तो उन्होंने कहा कि भैया श्रीराम मुझे लगता है कि इस गिद्ध ने ही हमारी माता सीता को खा लिया है।
सच को जाने बिना ही लक्ष्मण जी ने अपने तरकस में से तीर निकालकर जटायु को अपने निशाने पर रख लिया। यह सब देखकर जटायु ने तुरंत ही कहा कि माता सीता को रावण हरण करके ले गया है और रावण से युद्ध करते समय ही उसने मेरे दोनों पंख काट दिए। भगवान श्री राम जटायु की सच्ची निष्ठा और त्याग को देखकर आश्चर्यचकित रह गए और उन्होंने अपने पद चिन्हों को वहां छोड़ दिया ।
मंदिर बेहद प्राचीनऔर पौराणिक महत्त्व रखता है । इसे देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटकों का तांता लगा रहता है । कहा जाता है कि पहाड़ी में बने पदचिन्ह प्रभु श्रीराम के हैं जो उसी समय की है हालांकि मंदिर को अब नए सिरे से बनाया गया है ।
Palaruvi जलप्रपात –
तकरीबन 300 फुट ऊंचा यह है जलप्रपात केरल की कोल्लम जिले में स्थित है । यह भारत का 32 व सबसे ऊंचाई से गिरने वाला जलप्रपात है । जटायू अर्थ सेंटर केरल की खूबसूरती अविस्मरणीय है ।
जटायू अर्थ सेंटर के आसपास घूमने की जगह –
भारत में केरल को स्वर्ग कहा जाता है । जटायू अर्थ सेंटर के आसपास कई खूबसूरत पर्यटन स्थल है ,जाहिर सी बात है कि अगर आप जटायू अर्थ सेंटर तक जाते हैं तो वहां के आसपास के खूबसूरत पर्यटन स्थलों का लुफ्त जरूर उठाना चाहेंगे ।
भारत के केरल में आने वाले देश विदेश के सभी पर्यटक केरल में घूमने की शुरुआत कोच्चि से करते हैं । पर्यटक कोच्चि से होते हुए मुन्नार, एलेप्पी ,कोवलम और त्रिवेंद्रम पुरम जैसी खूबसूरत जगहों का भ्रमण करते हुए केरल की प्राकृतिक सुंदरता का लुफ्त लेते हैं ।जटायू अर्थ सेंटर केरल
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