जटायु अर्थ सेंटर , केरल Chadayamangalam , kerala में जटायु की मूर्ति के उद्घाटन के साथ ही भारत ने दुनिया की सबसे बड़ी गिद्ध पक्षी की मूर्ति का कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है । आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी मूर्ति का घर है ।
केरला के चादयामंगलम गांव के स्थानीय लोगों के बीच में जटायु की विशाल प्रतिमा के पीछे एक विशेष पौराणिक कहानी खासी प्रचलित है । यह कहानी आपको सतयुग से जोड़ती है।
गरुण पक्षी (जटायु) की विशाल मूर्ति को हिन्दुओं के प्रमुख भगवान श्री राम के बनवास के समय हुयी एक मुख्य घटना से जोड़ती है। दुनिया की सबसे विशाल पक्षी प्रतिमा बनाने के पीछे केरल सरकार और राजीव आंचल का मुख्य योगदान रहा है ।
भारत में घूमने के लिए कई अच्छी-अच्छी जगह है, लेकिन भारत के दक्षिणी हिस्से में केरला की बात की जाए तो यहां का पर्यटन इलाका वर्कला, कोवलम और पूवा जैसे तटीय क्षेत्रों तक सीमित रह गया है । हालांकि समय के गुजरते हुए यह चलन अब धीरे-धीरे बदलने की कगार पर आ गया है।
केरल के वर्कला, कोवलम और पूवा जैसे शानदार पर्यटन स्थलों के नजदीक ही चादयामंगलम गांव पड़ता है जहां जटायु की दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा बनाई गयी है।
केरल सरकार ने दक्षिण के प्रसिद्ध मूर्तिकार राजीव आंचल के साथ मिलकर केरल के कोल्लम जिले में चादयामंगलम गांव में दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी की मूर्ति का निर्माण कराया। मूर्ति को ज्यादा नामक पहाड़ी पर बनाया गया है और वर्ष 2018 के आते-आते इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था ।
दुनिया का सबसे बड़ा वर्ल्ड स्क्रिप्चर जटायू अर्थ सेंटर
यह प्रतिमा 200 फुट लंबी है और डेढ़ सौ फुट चौड़ी है । इसकी ऊंचाई तकरीबन 80 फुट है ।
जटायु की मूर्ति जिस पर्यटन केंद्र में बनाई गई है उसे मुख्य रूप से जटायू अर्थ सेंटर के नाम से या जटायू नेचर पार्क के नाम से जाना जाता है। यह लेख आपके लिए यात्रा की योजना बनाने और जटायू अर्थ सेंटर जाने के लिए एक विस्तृत गाइड के रूप में कार्य करेगा ।
भारत के केरला में स्थित Jatayu Earth’s Center, Kollam, Kerala वास्तविकताओं की हदों से परे है। प्रकृति और कला का यह बेजोड़ संगम दुनिया के हर हिस्से से पर्यटकों को आकर्षित करता है। भारत की पवित्र भूमि में बना jatayu (गिद्ध राज) की विशालकाय मूर्ति धार्मिक आस्था और हिन्दू धर्म से जुड़ी एक विशेष धर्मिक कहानी से जुड़ा हुआ है, जिसके बारे में हम विस्तार से जानकारी देंगे।
केरला भारत के लिए स्वर्ग है .और इसमें कोई भी डाउट नहीं है । केरला की सुंदरता भगवान के द्वारा दी गई दुनिया की सबसे खूबसूरत सुंदरता है। केरल में बना जटायू नेशनल पार्क केरल का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है।
भारत के केरल में स्थित जटायू नेशनल पार्क की सुंदरता का सारा श्रेय केरल पर्यटन विभाग को जाता है । जटायू नेचर पार्क को बनाने में श्री राजीव आंचल और केरल के पर्यटन विभाग की मेहनत का परिणाम है।
jatayu earth centre in hindi
जटायू अर्थ सेंटर को बनाने में तकरीबन 10 साल का समय लगा जाहिर है, यह कोई अकेले व्यक्ति का कार्य नहीं था ,पूरी टीम ने ही इस परियोजना को पूरा करने में बड़ी मेहनत लगाई उन्होंने मिलकर एक अद्भुत काम किया । जटायू अर्थ सेंटर का निर्माण कार्य सरकारी जमीन पर किया गया है.केरल का प्रमुख पर्यटन स्थल जटायू अर्थ सेंटर तकरीबन 65 एकड़ जगह में फैला हुआ है।
विशाल गिद्ध की मूर्ति, रोमांच केंद्र और सिद्धा उपचार केंद्र को मिलाकर जटायू अर्थ सेंटर बनता है।भले ही इस मूर्ति को बनाने में कम समय लगा हो लेकिन इस मूर्ति के पीछे की कहानी बरसों पुरानी है। जटायू एडवेंचर सेंटर जो कि पथरीली चट्टानों पर आपको कई तरीके के रोमांच से लाभान्वित करता है।
जटायु अर्थ सेंटर , केरल की खासियत –
जैसा कि इसके नाम से ही जाहिर होता है जटायु की विशाल प्रतिमा। जटायू अर्थ सेंटर की मुख्य खासियत यहां बनी दुनिया की सबसे विशाल पंछी की प्रतिमा है यह प्रतिमा इतनी विशाल है कि इसकी लंबाई तकरीबन 200 फुट और चौड़ाई 150 फुट चौड़ी है।
जटायु की मूर्ति का आकार ही इसे यहां का सबसे खास पर्यटक केंद्र बनाती है। मूर्ति की सुंदरता और आकार को देखते हुए इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी जगह मिली है। जटायु की मूर्ति के अतिरिक्त यहां का प्राकृतिक माहौल और सुंदरता बेहद सुहावना है ।
जटायू अर्थ सेंटर में बना एक डिजिटल म्यूजियम, आयुर्वेदिक रिसॉर्ट और 6D थिएटर शामिल है । जटायू अर्थ सेंटर एक ऐसी परियोजना है, जिसमें सरकारी और प्राइवेट दोनों ही समूह के बीच साजिदारी के बाद यह परियोजना क्रियान्वित हुई है। यहां बने एडवेंचर सेंटर में 20 से अधिक एक्टिविटीज है जो आपको रोमांचक और थ्रिल कराने के लिए पर्याप्त है ।
जटायू अर्थ सेंटर इतना खास क्यों ?
केरल में बनी जटायु की प्रतिमा स्वर्ग को परिभाषित करती है। बीओटी ( बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर ) मॉडल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का इस्तेमाल करने वाली वह अपनी तरह की पहली परियोजना है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य इतिहास, महाकाव्य, प्रौद्योगिकी और कई कलाओं को संयोजित करके रखना था। पर्यटन स्थल के आसपास स्थानीय तालाब और कई प्राकृतिक झीलें देखने को मिलेंगी ।
बिजली की पूर्ति करने के लिए यहां सौर ऊर्जा का भी उपयोग किया जाता है।
- जटायु की प्रतिमा के नीचे बने म्यूजियम में संग्रहालय की दो मंजिलें त्रेतायुग को दर्शाने के लिए समर्पित है।
- संग्रहालय में त्रेतायुग के दौरान श्री राम की जीवनी रामायण से संबंधित हर तरह का ज्ञान है ।
- उस दौर में हुई मुख्य घटनाओं का ब्यौरा दर्शाया गया है ।
- संग्रहालय की तीसरी मंजिल पौराणिक कथाओं से संबंधित नए दौर की डिजिटल फोटोग्राफी और कलाकृति को समर्पित।
- संग्रहालय के भीतर प्रभु श्रीराम की अवधि के दौरान हुए उस चरित्र को दिखाया गया है।
- वहां श्रीराम की अवधि के दौरान उसी को चरित्र किया गया है।
- जटायू अर्थ सेंटर में बने थिएटर में विशाल पक्षी जटायु और रावण के बीच हुए कुख्यात युद्ध का एक ऑडियो विजुअल प्रस्तुति दिखाई जाती है ।
- प्रतिमा के भीतर आपको सीढ़ियां मिलेगी जो आपको सीधे जटायु की आंख तक ले जाएगी।
- जटायु की आंख से बेहद सुंदर अरब सागर और केरल के बेहद खूबसूरत ग्रामीण इलाकों को देखने का प्राकृतिक अनुभव प्राप्त होता है।
जटायु की विशाल प्रतिमा कि पीछे का हिंदू धार्मिक महत्व –
मूर्ति के बारे में स्थानीय लोगों का मानना है कि गांव में एक ऊंची पहाड़ी है उस पहाड़ी के तार हिंदुओं की धार्मिक किताब रामायण से जुड़े हुए पाए गए हैं। चादयामंगलम गांव में एक विशेष कहानी प्रचलित है जो यहां की हर निवासी से परिचित है।
कहानी सत्य के दौरान हुई घटना हिंदुओं के भगवान श्री राम और उनकी पत्नी माता सीता के बारे में है। जब भगवान श्रीराम को उनके पिता द्वारा जोकि अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ थे।
उनके पिता ने भगवान श्रीराम को 14 बरस जंगल में रहने का आदेश दिया । इस दौरान उनके छोटे भाई लक्ष्मण और उनकी पत्नी माता सीता उनके साथ जंगल में रहने के लिए गए ।
भगवान राम हिंदुओं के प्रमुख देवता हैं । लंकापति रावण बुराई का प्रतीक है । जंगल में बनवास के दौरान जब रावण ने अपनी मायावी शक्ति से भगवान राम को भ्रमित करके माता सीता का हरण किया, उसी दौरान पक्षी जटायु और रावण का युद्ध हुआ ।
कहानी सतयुग रामायण के समय से गांव के बाहरी हिस्से में बनी चट्टान से जोड़ी गई है ।
यह कोई आम पथरीली चट्टान नहीं है बल्कि हिन्दुओं की धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी धार्मिक पहाड़ी है। हिंदुओं की पौराणिक कथाओं के अनुसार इस चट्टान पर अच्छाई और बुराई का घमासान युद्ध हुआ था ।
जब रावण मायावी शक्तियों का उपयोग कर कर माता सीता का हरण कर कर लंका ले जा रहा था उसी समय गिद्ध जटायु ने रावण का रास्ता रोका और माता सीता को छुड़ाने का प्रयास किया।
गिद्ध जटायु उम्र दराज थे इसके बावजूद भी उन्होंने रावण से डटकर युद्ध किया युद्ध के दौरान रावण ने उनके दोनों पंखों को काट दिया और उसके पूरे शरीर में बाणों की वर्षा कर दी।
घायल होने के पश्चात
गिद्ध राज जटायु ने रावण से युद्ध करना बंद नहीं किया उन्होंने रावण को क्षतिग्रस्त कर दिया किंतु उम्र में बूढ़ा होने के कारण भी रावण का सामना ज्यादा देर ना कर सके और घायल होकर अचेत अवस्था में इस पथरीली चट्टान पर आकर गिर पड़े।
माता सीता ने जटायु को तब तक जीवित रहने का वरदान दिया था जब तक कि वह सारी बात भगवान राम को नहीं बता देते।
इस तरह भगवान राम माता सीता की खोज में दुखी मन लेकर जंगल में दरबदर भटक रहे थे और अंततः हनुमान राम जटायु के पास पहुंचे और सारी बात उन्हें बताने के बाद पंछी जटायु के प्राण निकल गए। महान जटायु का जिक्र हिंदुओं की और भी कई पौराणिक कथाओं में सुनने को मिलता है ।
जटायु कौन थे ? विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें..
चट्टानी चोटी पर जब रावण माता सीता का हरण करके लंका ले जा रहा था उसी समय गिद्धों के राजा जिन्हें जटायु के नाम से जाना जाता है। उन्होंने रावण को रोकने का अथक प्रयास किया महाराज जटायु ने माता सीता की रक्षा में रावण से अंतिम सांस तक युद्ध किया ।
युद्ध के दौरान महाराज जटायु मंगलम गांव की इसी चोटी पर घायल अवस्था में गिरे थे बाद में जब भगवान श्री राम और उनके छोटे भाई लक्ष्मण माता सीता को ढूंढते हुए जंगल में इस चोटी पर पहुंचे तो उन्हें गिद्ध जटायु घायल अवस्था में मिले । उन्होंने अपनी अंतिम सांस लेते लेते भगवान श्रीराम को पूरी सच्चाई बताई और अपने प्राण त्याग दिए ।
कहा जाता है कि सतयुग (रामायण) के उसी युग से इस गांव का नाम जटायुमंगलम (चादयामंगलम) पड़ गया और उस पथरीली चट्टान को आज लोग “जटायुपारा” के नाम से जानते हैं ।
मूर्तिकार राजीव आंचल के लिए यह प्रोजेक्ट सिर्फ पर्यटन से संबंधित नहीं था। उनका बचपन जिस माहौल में गुजरा उन्होंने हमेशा महाराज जटायु कि इन पौराणिक कथाओं को सुना और इन्हीं कथाओं से प्रभावित होकर उन्होंने अपनी सोच को दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी की मूर्ति में तब्दील कर दिया ।
मूर्तिकार राजीव आंचल अपने इस महान कार्य के बारे में कहते हैं कि उन्होंने बचपन से ही जटायु की पौराणिक कहानियों को सुनाने में और भी इससे काफी प्रभावित थे वह कहते हैं कि “यह एक आकर्षक चरित्र के साथ-साथ एक शक्तिशाली कहानी है यह मेरी कल्पना को उड़ान देती है” ।
जटायु का संघर्ष बुराई के प्रति पूरी भावनाओं के साथ आखिरी सांस तक था इंसानों के लिए यह एक बड़ी शिक्षा साबित हो सकती है ।
जटायू अर्थ सेंटर पहुंचने की दूरी –
- वर्कला गांव से 28 किलोमीटर
- कोल्लम रेलवे स्टेशन से 37 किलोमीटर
- त्रिवेंद्रम पुरम एयरपोर्ट से 52 किलोमीटर
- मुनरो दीप से दूरी से 46 किलोमीटर
जटायू अर्थ सेंटर से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट त्रिवेंद्रम पुरम है और सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कोल्लम स्टेशन है।
जटायु अर्थ सेंटर , केरल कैसे पहुंचे ?
सेंटर पहुंचने के लिए आप ऊपर बताई गई किसी भी जगह से टैक्सी कर सकते हैं या बस से भी जा सकते हैं ।
चादयामंगलम अंगमाली (एर्नाकुलम जिला) और केशवदासपुरम (तिरुवनंतपुरम जिले) को जोड़ने वाले मेन सेंट्रल (MC) रोड पर स्थित है। राज्य के प्रमुख बस स्टेशनों से बसें उपलब्ध हैं।
लेख में बताए गए किसी भी स्थान से आप जटायू अर्थ सेंटर कोल्लम के लिए टैक्सी या फिर बस हायर कर सकते हैं । जटायु की प्रतिमा देखने के लिए यह स्थान सबसे सटीक और चुनिंदा दूरी पर स्थित हैं। आप यहां पहुंच कर किलिमनूर पैलेस भी जा सकते हैं ।
इन क्षेत्रों में पूरी तरह घूमने के लिए दिन का समय सबसे उचित है । जटायू नेचर पार्क के साथ-साथ आप यहां की प्रसिद्ध चित्रकार राजा रवि वर्मा का जन्म स्थान और यहां बने कई पुरानी म्यूजियम देख सकते हैं ,जिनमें पौराणिक कथाओं और शिलालेखों की जानकारी शामिल है।
किलिमनूर पैलेस जटायू अर्थ सेंटर के बिल्कुल नजदीक ही स्थित है ,आप वहां निश्चित रूप से शानदार और प्राचीन मूल पेंटिंग्स देख सकते हैं ।
हम लोगों ने जटायू अर्थ सेंटर जाने के लिए प्हवाई अड्डे के पास से एक टैक्सी हायर की थी हालाकी जटायू अर्थ सेंटर जाने के लिए किराए पर दोपहिया वाहन भी आसानी से मिल जाते हैं । .हमारे केस में हम 6 लोग थे इसलिए एक बड़ी कार चुनना हमारी पहली प्राथमिकता थी।
जटायू नेचर पार्क तक पहुंचने के लिए केरल सरकार द्वारा चौड़ी और चिकनी सड़कें बनवाई गई हैं । यहां की सड़कों की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि आप चुटकियों में जटायू नेचर पार्क पहुंच जाएंगे ।
yaha पहुंचने पर मूर्ति के नीचे वाले हिस्से में पार्किंग की अच्छी व्यवस्था की गई है जहां जाकर आप आसानी से अपनी गाड़ी पार्किंग में लगाएंगे और टिकट लेकर भ्रमण करने पर निकलेंगे ।
जटायू अर्थ सेंटर नेचर पार्क टिकट प्राइस –
यहां पहुंचने पर स्टेचू देखने का मुख्य खर्चा ₹500 है इसके अतिरिक्त केबल कार द्वारा स्टैचू तक पहुंचने का खर्चा ₹500 है कुल मिलाकर जटायू अर्थ सेंटर देखने के लिए आपको हजार रुपए का खर्चा टिकट खरीदने के लिए करना होगा ।
जैसा कि आप लेख में लगे चित्रों में देख पा रहे हैं कि जटायू अर्थ सेंटर की ऊंचाई काफी ज्यादा है । इस वजह से जब आप जटायू अर्थ सेंटर में प्रवेश करेंगे तो आपको या तो सीढ़ियों से जाना पड़ेगा या फिर केबल कार से दोनों ही कंडीशन में आप का किराया ₹240 के करीब लगता है ।
केबल कार की सवारी दोनों तरफ से कुल ₹300 प्रति व्यक्ति का खर्चा करती है हमारे मामले में हमने एक तरफ से केवल कार्य का खर्चा उठाया था और दूसरी तरफ से सीढ़ियां द्वारा नीचे पैदल ही उधर आए थे ।
हेलीकॉप्टर द्वारा जटायू अर्थ सेंटर की यात्रा –
यदि आप उमर दराज और चलने फिरने में असमर्थ हैं तो आप हेलीकॉप्टर द्वारा भी जटायु अर्थ सेंटर नेचर पार्क की यात्रा कर सकते हैं । यदि आप जटायू अर्थ सेंटर पार्क की खूबसूरती का ऊंचाई से भ्रमण करना चाहते हैं तो हेलीकॉप्टर से यात्रा करना सबसे उत्तम अनुभव रहेगा ।
हेलीकॉप्टर द्वारा जटायू अर्थ सेंटर पहुंचने का किराया तकरीबन ढाई हजार रुपए है । हेलीकॉप्टर की सवारी आपको जटायु की मूर्ति का हवाई दृश्य प्रदान करेगी । अपने साथ में कैमरा या कोई डीएसएलआर ले जाने का कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है , हालांकि हम लोगों को हमारे ड्रोन कैमरा को ले जाने से रोका गया था ।
जटायू अर्थ सेंटर कोल्लम जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है ? –
भारत के दक्षिणी भाग में खासकर केरल बाली क्षेत्र में गर्मियों के दिनों में काफी गर्मी रहती है इसलिए जटायू अर्थ सेंटर जाने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी के बीच का माना जाता है।
गर्मियों के महीनों में खासकर मार्च से मई के दौरान यहां चिलचिलाती धूप और बेहद गर्म मौसम होता है इसलिए यहाँ घूमने के लिए सर्दियों का मौसम सबसे उचित है। आप चाहे तो यहां बरसात के दौरान भी जा सकते हैं।
बरसात के दिनों में यहां का नजारा बेहद खूबसूरत दिखता है ,ध्यान रखें कि जब आप घूमने के लिए निकले तो मौसम साफ हो और पानी ना बरसे, पानी बरसने के कारण आपका मजा किरकिरा हो सकता है।
आप यहां जाने के लिए हल्का बरसाती मौसम भी चुन सकते हैं अगस्त से सितंबर के दौरान जटायू अर्थ सेंटर घूमने का बेहतर मौसम हो सकता है ।
किसी भी जगह घूमने का सबसे आदर्श समय प्रातः काल है या फिर शाम का हो सकता है क्योंकि जटायू अर्थ सेंटर भारत के दक्षिणी भाग में हैं इसलिए यहां मौसम गर्म रहता है । जटायू अर्थ सेंटर सुबह 9:30 बजे खुल जाता है यहां जाने का सबसे बेहतर समय शाम का माना जा सकता है।
यदि आपका विचार पूरा दिन जटायू अर्थ सेंटर में बिताने का है तो आपके लिए सुबह जाना सबसे उचित अनुभव रहेगा । यहां पहुंचने के बाद आप और भी कई गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं, जहां आपका पूरा दिन चुटकियों में निकल जाएगा ।
क्या जटायू अर्थ सेंटर जाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग जरूरी है?
जब हम लोग जटायू अर्थ सेंटर गए थे, उस दौरान कोरोना का समय था कोरोना की सभी गाइडलाइंस को पूरा करने हेतु भारत सरकार द्वारा कई बदलाव किए गए थे, इसलिए उस समय हमें ऑनलाइन बुकिंग करने जैसी कोई सुविधा नहीं मिल पाई थी ।
हम सभी लोगों ने सुबह जल्दी ही जटायू अर्थ सेंटर पहुंचकर टिकट खिड़की से नगद रुपए देकर टिकट लिए। हालांकि अब ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा पूर्ण रूप से चालू कर दी गई है। ऑनलाइन बुकिंग के लिए आप जटायू अर्थ सेंटर की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आसानी से बुकिंग कर सकते हैं।
जटायू अर्थ सेंटर पहुंचने से पहले आप जटायू अर्थ सेंटर की ऑफिशियल वेबसाइट पर सारी जानकारी ले सकते हैं। वहां जाकर आप की जगह रुकेंगे ? कहां खाना खाएंगे और आपके आने जाने की सुविधा किस चीज से अधिक सुचारू रहेगी ?
सारी मूल बातों को सुनिश्चित करने के बाद हीनिश्चित करने के बाद ही जटायू अर्थ सेंटर जाने का फैसला लें ।
जटायू अर्थ सेंटर, कोल्लम पहुंचकर क्या करें ?
जटायू नेचर पार्क ना सिर्फ आध्यात्मिक है बल्कि यह आपके साहस को पूरी चुनौती देता है यहां बनी एडवेंचर जोन में 30 से अधिक एडवेंचर गेम्स हैं । भक्ति और एडवेंचर का यह संगम किसी भी पर्यटक को पूर्ण आनंदित करने की क्षमता रखता है ।
एडवेंचर खेलों में तीरंदाजी, रॉक क्लाइंबिंग, राइफल शूटिंग,पेंटबॉल और लेजर टैग आदि प्रमुख खेल हैं । यहां बना आयुर्वेदिक रिसॉर्ट में कई तरह की शारीरिक उपचार भी दिए जाते हैं उपचारों को लेने के बाद आप खुद को तरोताजा और आनंदित महसूस करेंगे ।
एक अन्य प्रमुख आकर्षण का केंद्र यहां चलने वाली केवल कार सुविधा है यह दक्षिण भारत की पहली अत्याधुनिक केवल कार सुविधा है। यहां जाने पर आपको एक बार इस केबल राइड का आनंद जरूर लेना चाहिए।
Contact details:
Jatayu Earth’s Center
Chadayamangalam P.O.
Kollam, Kerala – 691534
Phone : +91 474 2477077
Mob: +91 9778414178
E-mail. enquiry@jatayuearthscenter.in, info@jatayuearthscenter.in
Website: www.jatayuearthscenter.in
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