पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा ? दोस्तों अपनी पृथ्वी पर रहते हुए भी बहुत कम लोगों के दिमाग में इस तरह के दुर्लभ सवाल आते हैं। जो जाहिर करते है कि आप एक बुद्धिजीवी व्यक्ति है। पृथ्वी का नाम किसने रखा? या फिर पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा? या पृथ्वी का नाम पृथ्वी कैसे पड़ा ?
ये सारे सवाल एक ही तरफ इशारा करते है कि वह व्यक्ति कौन था जिसने सबसे पहले हमारी अर्थ को या पृथ्वी को उसका नाम दिया और दिया भी तो किस आधार पर दिया?
इस तरह के सवाल हमारे जेहन में आते हैं। परंतु दोस्तों आप चिंता ना करे क्युकी आपके हर अनोखे सवाल का जवाब देने के @hindusthani_in आपके लिए हाज़िर है। (पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा ?)
पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा? पृथ्वी एक ग्रह है , यह खोज किसने की? पृथ्वी से जुड़े कुछ अनजाने रहस्य से पर्दा उठेगा यहा…
पृथ्वी पर अनेकों देश है और बात अगर ऐतिहासिक अवशेषों के आधार पर पृथ्वी के नामकरण की हो तो यह बात सिर्फ़ इतना ही बताती है, कि अलग अलग स्थानों में के लोग प्रथ्वी को अलग अलग नाम से जानते थे। और जहां तक बात EARTH (अर्थ) की है तो यह शब्द अँग्रेजी और जर्मन (eor(th)e/ertha’ और ‘erde’,) दोनों ही भाषा में आता है। (पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा ?)
और इस वर्ड का मतलब जमीन है या धरती है। हालांकि इस शब्द को किसने इजात किया यह अभी भी रहस्य बना हुआ है और उम्मीद है आगे भी बना रहेगा।
इस बारे में एक और दिलचस्प बात यह है, कि पृथ्वी ऐसा एकलौता ग्रह है जिसको रोमन लोगों द्वारा किसी देवी देवता का नाम नहीं दिया गया बाकी सौर्य मंडल में मौजूद हर ग्रह का नाम रोमन के देवताओं के आधर पर है।
उदाहरण के तौर पर jupiter ग्रह सभी देवी देवताओं का राजा माना जाता है। और saturn को कृषि का भगबान माना जाता है। प्रथ्वी का यह नाम करीबन 1000 वर्ष पुराना माना जाता है।
पृथ्वी के इन नामों के अलावा अन्य कुछ भाषायी स्थानों पर भी इसे अलग अलग नामों से जाना जाता है। जैसे कि पुर्तगीज में प्रथ्वी को टेरा कहा जाता है और फिनिश में मा इसके अतरिक्त जापानी में इसे सचि कहा जाता है और डच में आर्दे। पृथ्वी के नाम बेशक अलग हो परंतु इनका मतलब एक है वो है धरती या जमीन। (पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा ?)
पृथ्वी का कुल वजन कितना है ?
पृथ्वी का वजन 5.9736 x 1024 किलोग्राम है। यह एक बड़ी संख्या है, इसलिए इसे पूर्ण रूप से लिखें: 5,973,600,000,000,000,000,000,000,000 किलोग्राम। आप यह भी कह सकते हैं कि पृथ्वी का वजन 5.9 है ।यह वजन बहुत अधिक लगता है, और यह है, लेकिन पृथ्वी के सौर मंडल में कुछ अन्य वस्तुओं के वजन का एक अंश है। सूर्य का पृथ्वी से 333,000 गुना अधिक वजन है। और बृहस्पति का 318 गुना अधिक वजन है।
पृथ्वी से जुड़े अनजाने तथ्य :
- पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है, जिसके पास tectonic plates है।
- पृथ्वी को अपनी axis में घूमने के लिए 24 घटे नहीं बल्कि 23 घंटे, 56 मिनट और 4 सेकंड लगते है।
- हर कोई जानता है, कि पृथ्वी के पास 1 चंद्रमा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी के साथ सह-कक्षीय कक्षाओं में 2 अतिरिक्त क्षुद्रग्रह बंद हैं? उन्हें 3753 Cruithne और 2002 AA29 कहा जाता है। पहला वास्तव में यह पृथ्वी की परिक्रमा नहीं करते है, लेकिन हमारे ग्रह के साथ एक समकालिक कक्षा में है, जिससे यह प्रतीत होता है, कि यह अपने अपने रास्ते से सूर्य की परिक्रमा लगाते है। (पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा ?)
- विज्ञानियो द्वारा यह पता लगाया गया है कि पृथ्वी की रफ्तार कम होती जा रही है। करोडों साल पहले पृथ्वी पर एक दिन मात्र 20 घंटे का होता था। और अंदाजा लगाया जा रहा है आने वाले समय में यह समय बढ़ कर 27 घंटे का हो जाएगा। यानि कि आने वाले समय में दिन 27 घंटे का हुआ करेगा। (पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा ?)
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी का नाम किसने रखा?
भारत में अधिकतर लोग हिन्दू धर्म में आस्था रखते हैं और इसीलिए यहाँ के लोगों का मानना इस बारे में एक अलग कहानी से रूबरू कराता है।
भारतीय मान्यताओं के अनुसार राजा पृथु के नाम पर पृथ्वी का नाम पृथ्वी पड़ा था। राजा पृथु ने इस धरती का दोहन किया और धरती में अनाज उगाया और उन्होंने सम्पूर्ण विश्व पर राज किया। (पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा ?)
हिन्दुओ के दो सबसे बड़े और मान्यताप्राप्त ग्रंथ विष्णु पुराण और श्री मद भागवत कथा में भी राजा पृथु का जिक्र मिलता है। राजा के पिता का नाम वेन था जो कि बहुत क्रूर शासक था। उसके पापों के कारण पृथ्वी पूरी तरह बंजर हो गयी थी ।
और जब वह राजा मर गया तो ऋषि मुनियों द्वारा उसकी बांह से राजा पृथु का जन्म हुआ और उन्होंने ही द्वारा से पूरा संसार बसाया। राजा पृथु को भगवान विष्णु का 24 बा अवतार माना जाता है। (पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा ?)
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पृथ्वी की खोज किसने की?
जी हाँ पहली बार जब यह सवाल मैंने पढ़ा था तो मुझे भी यह सवाल बेतुका लगा पर यदि यह सवाल इस तरह हो कि पृथ्वी एक ग्रह है, यह खोज किसने की?
तो अब सवाल आपको वजनदार लग रहा होगा। हज़ारों साल पहले पृथ्वी को क्या माना जाता था? क्या लोग तब अंतरिक्ष के बारे में जानकारी रखते थे?
यह सवाल पेचीदा और रहस्यमय जरूर है पर हम आपको एक एक सवाल का संतुष्टि पूर्ण जबाब देंगे।
प्राचीन काल में लोग मानते थे कि पृथ्वी आकाशगंगा का केंद्र है। और सूरज, चंद्र, और तारे इत्यादि ये सब पृथ्वी के चक्कर लगाते है। और कईयों का यह मत था कि पृथ्वी चपटी ( flat) है । प्राचीन ग्रीस के वैज्ञानिक जैसे Plato इन्होंने यह बात बतायी की पृथ्वी गोल यानी कि अंडाकार है।
(पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा ?)
यह बहुत ही आम बात लगती है कि जब आप आसमान में देखते है तो तारे और सूरज, चंद्रमा सभी देखने में ऐसे लगते है जैसे वह पृथ्वी के चक्कर लगाते हो पर प्राचीन खगोलविज्ञानी लोगों के लिए और भी समस्याएं थीं।
उन्हें लगता था ग्रह आकाश में एक सीधे रास्ते का अनुसरण करने के बजाय,कुछ ग्रह रुकते हुए, पीछे की ओर बढ़ते है , फिर से रुकते हुए दिखाई देंगे और फिर आगे की ओर बढ़ेंगे। उसके बाद ग्रीक खगोलशास्त्री टॉलेमी ने कहा कि सभी ग्रह एक छोटे वृत्त में पृथ्वी के इर्द गिर्द घूमते हैं। (पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा ?)
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16 बी शताब्दी में पोलिश गणितज्ञ और खगोलशास्त्री निकोलस कोपरनिकस ने सौर मंडल का हेलिओसेंट्रिक मॉडल प्रस्तुत किया, इस मॉडल में पृथ्वी और अन्य ग्रह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा लगा रहे थे।
इतना सब होने के बाद भी कई सालों तक लोगों में सहमती नहीं बन पायी। गैलीलीयो ने देखा कि jupiter के पास खुद का चाँद है । (पृथ्वी का नाम पृथ्वी किसने रखा ?)
काफ़ी सालो बाद वैज्ञानिकों की यह सहमति बन पायी की पृथ्वी भी बाकी ग्रहो की तरह ही एक ग्रह ही है जो कि बाकी सभी ग्रहों की तरह सूर्य की परिक्रमा करती है।
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