वैज्ञानिकों द्वारा किए गए दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग | DUNIYA KE 10 SABSE MEHNGE EXPERIMENTS मानवता के विकास के पीछे मनुष्य के वैज्ञानिक प्रयोग और खोज का बहुत बड़ा महत्व रहा है। जैसे जैसे हम नयी नयी तकनीकों और नियमों से अवगत हो रहे है, वैसे ही हम तरक्की और विकास की सीढ़ियां चढ़ते जा रहे हैं। इस विषय में अगर कोई सबसे जरूरी चीज है, तो वह है हमारे द्वारा किए गए प्रयोग या कहे Experiments।
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अभी कुछ ही समय की बात है, जब लोगों ने मोबाइल फोन जैसी तकनीक से वाकिफ़ हुए। लेकिन क्या किसी ने सोचा था कि मोबाइल फोन इतने अधिक उपयोगी सिद्ध होंगे? ये तो प्रयोग की एक झलक मात्र है, आने वाले समय में वैज्ञानिक प्रयोगों को एक नयी दिशा मिलेगी।
हर दिन कुछ नया अविष्कार होता और आविष्कारों से पहले होते है प्रयोग (Experiments) । और आज हम ग्यान विज्ञान के क्षेत्र में जितने भी विकसित है वह इन प्रयोगों के बदोलत ही है। (दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
Experiments (प्रयोग) करना कोई सरल कार्य नहीं है इसके लिए आपको अति शिक्षित और आपकी तार्किक क्षमता आम लोगों से एक कदम आगे होनी चाहिए और ये वही लोग होते है जिन्हें हम वैज्ञानिक या साइंटिस्ट्स कहते हैं।
Experiments प्रयोगों को करने के लिए वैज्ञानिकों को कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना होता है परंतु इसमे सबसे बड़ी चुनौती इनके ख़र्चे को लेकर भी होती है।
जितनी बड़ी खोज उतना बड़ा प्रयोग और उससे भी अधिक उसपर होने वाला खर्चा और तब जाकर होता है आविष्कार। दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग
और इसलिए आज हम आपको रूबरू कराएंगे दुनिया के कुछ ऐसे खास वैज्ञानिक प्रयोगों (Experiments) के बारे में जो दुनिया में अब तक के सबसे महंगे वैज्ञानिक प्रयोग माने जाते हैं।
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तो आइये जानते है दुनिया के सबसे महंगे प्रयोगों के बारे में :
10. नेशनल इग्निशन फैसिलिटी (NIF),- $3.5 बिलियन
National Ignition Facility (NIF) एक बड़ी laser द्वारा आधारित जड़त्वीय संलयन (inertial confinement fusion) (ICF) अनुसंधान उपकरण है।
NIF की प्रयोगशाला Lawrence Livermore National प्रयोगशाला Livermore, California में स्थित है ।
NIF थोड़े से हाइड्रोजन ईंधन को जलाने के laser का उपयोग करती है। और इसी की ऊर्जा से परमाणु ऊर्जा संयंत्र चलाया जा सकता है। NIF का मिशन है कि यह ज्यादा से ज्यादा fusion की मदद से परमाणु ऊर्जा हासिल कर सके।
एनआईएफ का मिशन उच्च ऊर्जा लाभ के साथ संलयन प्रज्वलन (fusion ignition) को प्राप्त करना है, और परमाणु हथियारों के भीतर पाई जाने वाली शर्तों के तहत पदार्थ के व्यवहार का अध्ययन करके परमाणु हथियारों के रखरखाव और डिजाइन का समर्थन करना है। (दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
NIF (एनआईएफ) आज तक बना सबसे बड़ा और सबसे ऊर्जावान आईसीएफ उपकरण है, और दुनिया में सबसे बड़ा लेजर है।
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9. ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट ( HGP) – $4 बिलियन
ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट (एचजीपी) एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजना है , जिसका लक्ष्य है मानव डीएनए में बनने वाले जोड़े (gene pair’s) के आधार (base) को जानना है।
इसके साथ ही मानव शरीर के सारे genes की भौतिक और कार्यात्मक दोनों दृष्टिकोण से मानव जीनोम के सभी जीनों की पहचान और मैपिंग करना है। (दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
8. लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) – $6 बिलियन
लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे अधिक ऊर्जा देने वाला पार्टिकल कोलाइडर और दुनिया की सबसे बड़ी मशीन है।
इसका निर्माण यूरोपीय संगठन द्वारा 1998 से 2008 के बीच 10,000 से अधिक वैज्ञानिकों और सैकड़ों विश्वविद्यालयों और प्रयोगशालाओं के साथ-साथ 100 से अधिक देशों के सहयोग से किया गया था।
यह एक सुरंग में 27 किलोमीटर (17 मील) परिधि में स्थित है और जिनेवा के पास फ्रांस-स्विट्जरलैंड सीमा के नीचे 175 मीटर (574 फीट) तक गहरा है।
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7. हबल स्पेस टेलीस्कोप – $7 बिलियन
हबल स्पेस टेलीस्कोप (जिसे अक्सर एचएसटी या हबल के रूप में जाना जाता है) एक स्पेस टेलीस्कोप है जो 1990 में कम पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किया गया था और अभी तक ऑपरेशन में बना हुआ है।
हालांकि यह पहला स्पेस टेलीस्कोप नहीं था, लेकिन यह टेलिस्कोप सबसे बड़ा और सबसे बहुमुखी में से एक है, जो एक महत्वपूर्ण शोध उपकरण के रूप में आज भी अपना कार्य कर रहा है। (दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
इस टेलिस्कोप का नाम खगोलविद एडविन हबल के नाम पर रखा गया है, और यह नासा के ग्रेट ऑब्जर्वेटरी में से एक है।
6. स्काईलैब- $ 14 बिलियन
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका द्वारा बनाया गया skylab पहला अंतरिक्ष केंद्र है। जिसे नासा ने मई 1973 और फरवरी 1974 के बीच लगभग 24 सप्ताह तक अपने कार्य में रखा था।
यह तीन अलग-अलग तीन-अंतरिक्ष यात्रियों के दल द्वारा संचालित किया गया था: स्काईलैब 2, स्काईलैब 3 और स्काईलैब – मेजर ऑपरेशन में एक कक्षीय कक्ष शामिल था और कार्यशाला, एक सौर वेधशाला, पृथ्वी अवलोकन और सैकड़ों प्रयोग के लिए पर्याप्त जगह दी गई थी ।(दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
स्पेस शटल द्वारा इसको फिर से बढ़ाया जाने की कोशिश में असमर्थ होने के कारण , यह 1981 तक तैयार नहीं था, और इसीलिए स्काईलैब की कक्षा क्षय हो गई और यह 11 जुलाई, 1979 को हिंद महासागर और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में मलबे को बिखेरते हुए वातावरण में विघटित हो गया।(दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
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5. ITER – $16 बिलियन
ITER एक अंतरराष्ट्रीय परमाणु संलयन अनुसंधान और इंजीनियरिंग मेगाप्रोजेक्ट है,जो कि दुनिया का सबसे बड़ा magnetic confinement plasma physics प्रयोग है ।
यह एक प्रयोगात्मक tokamak nuclear fusion reactor है, जो कि सेंट-पॉल-लेस-ड्यूरेन्स में कैडरैच सुविधा के बगल में, प्रोवेंस, दक्षिणी फ्रांस में बनाया जा रहा है।
इसका मुख्य उद्देश्य fusion एनर्जी का शांतिपूर्ण उपयोग करके वैज्ञानिक और तकनीकी व्यवहार्यता का प्रदर्शन करना है, और बाद में world nuclear fusion industries को बढ़ावा देना है।
ITER नाम का फुल फॉर्म International Thermonuclear Experimental Reactor है । (दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
4. मैनहट्टन परियोजना – $ 30 बिलियन
दुनिया का पहला परमाणु बॉम्ब इसी परियोजना में तैयार हुआ था। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि प्रयोग का यह अविष्कार एक इतना काला भविष्य बनेगा।
(दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
मैनहट्टन परियोजना दुनिया में परमाणु तकनीक की शुरुआत के लिए जिम्मेदार परियोजना है। यह वह परियोजना थी जिसने पहला परमाणु बम बनाया था। इन बमों को जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में गिरा दिया गया था, जो अभी भी इस बम की प्रतिकूलता और प्रभाव से प्रभावित हैं। (दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
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3. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन – $ 100 बिलियन
असल में यह प्रयोग एक प्रोजेक्ट की तरह है। जहां 10 यूरोपीय राष्ट्र, अमेरिकी, जापान, कनाडा और रूस एक साथ आए हैं।
इसका मुख्य उद्देश्य तो अंतरिक्ष से सम्बन्धित जानकारी जुटाना है परंतु माना जाता है, कि यह प्रोजेक्ट सोवियत संघ द्वारा बनाए गए Mirr को पीछे करना है।
Mirr सोवियत संघ द्वारा बनाया गया एक स्पेस स्टेशन है जो कि पिछले 10 वर्षो से ज्यादा से अंतरिक्ष में है। (दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
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2. मैन ऑन मून – $ 156 बिलियन
असल में यह प्रोजेक्ट दो अन्य परियोजनाओं का मिश्रण है। प्रोजेक्ट जेमिनी , जिसने उड़ान और उचित उड़ान के साथ अपोलो अंतरिक्ष जहाजों की मदद की। अपोलो परियोजना एक अन्य परियोजना थी, जिसका उद्देश्य मनुष्य को चंद्रमा पर रखना था।(दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
1. स्पेस शटल प्रोग्राम – $ 174 बिलियन
यह विशाल रकम अंतरिक्ष शटल के लिए प्रयोग के लिए है जो लगभग 1500 बार अंतरिक्ष में उड़ान भर चुका है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह प्रयोग अंतरिक्ष में शटल के माध्यम से होता है, जो अंतरिक्ष में कई नई खोजों को जन्म देगा। (दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
अविष्कारों और खोजों की कोई सीमा नहीं है, आने वाले समय में इन्हीं प्रयोगों के बलबूते पर मनुष्य नयी विकसित दुनिया का निर्माण करेगा। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए ये Experiments (प्रयोग) हमे एक बेहतर, आधुनिक और सफल दुनिया की तरफ एक कदम और आगे ले जाते हैं।
(दुनिया के सबसे महंगे प्रयोग)
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