दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां | दुनिया की सबसे महंगी दबा कौन-सी है? यह सवाल आपके जेहन में कभी तो आया ही होगा और क्युकी यह एक महत्वपूर्ण सवाल होने के साथ ही एक बेहद जरुरी जानकारी है इसलिए आपके कठिन सवालों का असान जबाब लिखा है।
दोस्तों दुनिया में दवाइयाँ हर जीवित चीज़ के लिए आवश्यक है और कुछ दवाईयां ऐसी है जिनकी कीमत आपकी सोच से परे है। इतनी महँगी दवाइयाँ किस लिए या किस रोग में ईस्तेमाल की जाती होगी? या इसमे ऐसा क्या है जो ऐसी दवाईयों को इतना अधिक महँगा बना देता है? आपके ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब नीचे लिखे गए हैं।
(दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां :
- Zolgensma $2.125 million
- मायलेप्ट – $ 71,306
- Mavenclad – $56,954
- रविकि (ग्लिसरॉल फेनिलब्युटिरेट)$55,341
- ब्राइनुरा (सेरलिपोनसे अल्फ़ा) 5,15,64,730
- लक्सटर्ना (6 करोड़)
- कार्बोग्लू (कार्गलिक एसिड)(प्रति एक टेबलेट 14788.15 रुपये)
- आरसागुंबा (हिमालयन वायग्रा)
- लुमिज़ाइम (एल्गलुकोसिडेज़ अल्फ़ा) प्रति शीशी 58,931 रुपये
1)Zolgensma
(कीमत – $2.125 million/year Treatment )
दो मिलियन से अधिक कीमत वाली यह दबा FDA द्वारा अप्रूव्ड है। Zolgensma (जेनेरिक नाम: ओनासिमोगेन अबेपरोवोवेक-जियोइ) दुनिया की सबसे महंगी दबा है। यह दबा एक बेहद दुर्लभ अनुवांशिक मोटर न्यूरॉन बीमारी के इलाज के लिए ईस्तेमाल में ली जाती है।
यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि यह शरीर के मांसपेशियों के नियंत्रण को नष्ट कर देती है और साँस लेने में तकलीफ पैदा करती है। जल्दी ही बच्चे की मौत हो जाती है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
यह (SMA) स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक बीमारी अमेरिका में करीब 400 से 500 बच्चों को हर वर्ष होती है परंतु इस दवाई के लिए काफ़ी ज्यादा कीमत चुकानी होती है। यह दबा दुनिया एक खुराक वाली सबसे महंगी दबाई मानी जाती है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
2) मायलेप्ट
(कीमत – $ 71,306)
मायलेप्ट इकलौती ऐसी दवा है जो इस तरह की बीमारी को सही करने में सक्षम है। इस दवाई का उपयोग शरीर में होने वाला अतरिक्त फैट का समान्य वितरण के लिए और लिपोडिस्ट्रोफी नामक बीमारी से पीड़ित रोगियों में लेप्टिन की कमी के इलाज के लिए किया जाता है।
इस तरह की बीमारी में महीने में इस दवा की 14 शीशियों का प्रयोग होता है। जिसकी कीमत करीब $ 5,093 होती है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
इस तरह की खतरनाक बीमारियों के लिए सिर्फ मायलेप्ट ही एक मात्र औषधि है जो पीड़ित को ठीक करती है इसीलिए बाजार में मायलेप्ट के अलावा कोई और दबाई नहीं है। इसकी यह दुनिया की सबसे महंगी दवाइयों की सूची में दूसरे स्थान पर है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
3) मावेंक्लाड
कीमत – $ 56,954
इस दवाई का उपयोग मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) के रूपों को शिथिल करने के लिए किया जाता है। मरीज़ का दबा दो कोर्स में दी जाती है 12 महीनों में इसके दो डोज लेने होते हैं। परंतु समस्या यह है कि यह दबाई बेहद महँगी पड़ती है। अब तो इसकी कीमत 6% और बढ़ गयी है। पहले यह $53,730 में उपलब्ध हो जाती थी परंतु अब यह $56,954 की हो गयी है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
इसका उत्पादन करने वाली कंपनी EMD सेरोनो एक कॉप कार्ड प्रदान करता है जिससे इसकी कीमत 0$ भी HO जाती है परंतु यह ऑफर सिर्फ व्यावसायिक रूप से बीमित रोगियों के लिए है। दुनिया की सबसे महंगी दवाइयों में इस दवा को हमारी सूची तीसरा स्थान दिया गया है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
4) रेविकी (ग्लिसरॉल फेनिलब्युटिरेट)
(कीमत – $55,341)
रविकि बहुत महँगी दवा है। दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां में इसका स्थान चौथे पर है।
यह दबाई होरिजन फार्मा द्वारा निर्मित की जाती है। इसका दबाई का उपयोग UREA CYCLE DISORDERS के लिए किया जाता है।(दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
जो कि आनुवांशिक स्थिति है जिसके परिणामस्वरूप रक्त में अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है। और अगर यह दबाई नहीं दी जाए तो यह बीमारी कोमा में या सीधा मौत का कारण बन जाती है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
रविकि का उपयोग 3 महीने के बच्चों के लिए भी किया जा सकता है। समान्य रोगियों को करीब एक महीने में ग्यारह से बारह बोतलें लगायी जाती है। रेविती की एक बोतल की कीमत लगभग $ 5,031 है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
5) ब्राइनुरा (सेरलिपोनसे अल्फ़ा)
(कीमत – $ 700,000 प्रति वर्ष)
ब्राइनुरा का उपयोग मुख्य रूप से लेट इन्फेंटाइल न्यूरोनल सेरॉइड लिपोफ्यूसिनोसिस टाइप 2 (सीएलएन 2) रोग, बैटन रोग का एक रूप, जो कि दुर्लभ रूप से हमे अनुवांशिक विरासत में मिला विकार है जो मुख्य रूप से तंत्रिका तंत्र (NERVOUS SYSTEM) को प्रभावित करता है।
यह बचपन से ही आपको व्हीलचेयर पर ला देता है। और ऐसे बच्चे किशोरावस्था आने से पहले ही मर जाते है या जी नहीं पाते। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
यह बीमारी आमतौर से बचपन में 2 से 4 साल तक की उम्र के बच्चों में हो सकती है।
इसके लक्षण निम्न है :
- समय पर बोल ना पाना (भाषा में देरी)
- बरामदगी
- शरीर की हलचल में तकलीफ (सामन्य क्रियाओं में तकलीफ)
ब्राइनुरा ट्राइपेप्टिडाइल पेप्टिडेज़ -1 (टीपीपी 1) के लिए एक एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी है। यह CLN2 के साथ 3 वर्ष की उम्र के और पुराने उम्र के बच्चों में विकलांगता को कम करने के लिए पहला एफडीए-अनुमोदित उपचार है।
यह दवाई दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां की सूची में पाँचवे स्थान पर रखा गया है।
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6) लक्सटर्ना
(कीमत – 6 करोड़)
अमेरिका में निर्मित यह दबा एक समय पर दुनिया की सबसे महंगी दबाई मानी जाती थी। हालांकि अभी भी इसकी कीमत बहुत ज्यादा ही है।
लक्सटर्ना एक दुर्लभ अनुवांशिक नेत्रहीनता को सही करने में सक्षम है।
यह दवाई बनाने वाले निर्माता ने कहा है कि एक दबा एक डोज में दी जाएगी और अगर यह काम नहीं करती है तो पैसे वापस कर दिए जायेगे। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
असल में दवा मनुष्य के genes को सही करने का कार्य करती है।
दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां की हमारी सूची में यह 6 बे स्थान पर रखा गया है।
(दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
7) एक्टिम्यून
कीमत – $ 52,777
Actimmune होरीजन फार्मा द्वारा निर्मित की जाती है। यह दबाई ऑस्टियोपेट्रोसिस और क्रोनिक ग्रैनुलोमैटस बीमारी के लिए अनुमोदित है। ग्रैनुलोमैटस बीमारी बहुत खतरनाक और दुर्लभ बीमारी है जो कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को खराब करता है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
आमतौर पर मरीज़ को सप्ताह में Actimmune की तीन खुराकें लेनी होती है और पूरे महीने में औसत 11 शीशी लेनी होती है।
एक शीशी की कीमत लगभग $ 4,797 डॉलर है। जो वास्तविकता में काफी महँगा है।
निर्माता होराइजन फार्मा गरीब रोगियों के लिए कम पैसों में दबाई उपलब्ध कराते हैं। दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां की हमारी सूची में यह 7 बे स्थान पर रखा गया है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
8) कार्बोग्लू (कार्गलिक एसिड)
(कीमत – प्रति एक टेबलेट 14788.15 रुपये)
जाहिर सी बात है जब आपके शरीर में कोई ऐसी एंजाइम नहीं होती जो जिंदगी के लिए बेहद जरुरी है। ऐसे में इस एंजाइम को बनाने वाली दवा महँगी हो यह काफ़ी हद तक लाजमी है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
कार्बोग्लू एक मौखिक रूप से खाए जाने वाली दवा है। जिसका उपयोग रक्त में खतरनाक अमोनिया (hyperammonemia) के बनाने में मदद करने के लिए किया जाता है और यह लिवर की एक बहुत ही आवश्यक एंजाइम (जिसे N-acylylglutamate सिंथेज़, या NAGS के रूप में जाना जाता है)।
यह रक्त प्रवाह में नाइट्रोजन के निर्माण को रोक कर काम करता है। जिसकी वज़ह से व्यक्ति हाल ही कोमा में या सीधा मौत हो सकती है। दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां में इसका स्थान सातवे पर है।
9) आरसागुंबा (हिमालयन वायग्रा)
(कीमत – 1 करोड़ रुपए प्रति किलो)
दुनिया के सबसे ऊंची चोटियों में से एक हिमालय पर्वत पर 16000 ft की ऊचाईयों पर उगने वाली यह औषधि बहुत ज्यादा दुर्लभ है। जड़ी नाम से चर्चित कीड़ा हिमालय के उपरी हिस्से में ही पाया जाता है।
यह दवाई फंगस और लार्वा के मिले की जुले स्वभाव से बनती है जो इसको और भी ज्यादा दुर्लभ बना देती है। यह पहाड़ों पर घास के बीच उगता है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
वैज्ञानिकों के अनुसार यह दबाई बहुत शक्तिशाली है और दुर्लभ और काफ़ी महँगी है इसलिए इसकी तस्करी की कोशिश भी लगातार होती ही रहती है।
शोध से पता चलता है कि लार्वा पर fungal इन्फेक्शन के बाद आरसागुंबा (हिमालयन वायग्रा) तैयार होता है। (दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
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10) लुमिज़ाइम (एल्गलुकोसिडेज़ अल्फ़ा)
(कीमत – प्रति शीशी 58,931 रुपये)
लुमिज़ाइम एक स्पेशल Genzyme बनाता है जो कि लाइसोसोमल ग्लाइकोजन एक -विशिष्ट एंजाइम है। यह लुमिज़ाइम पोम्पे रोग के इलाज के लिए ईस्तेमाल किया जाता है।
- इस रोग में ग्लाइकोजन की अधिकता से मांसपेशियों में कमजोरी (मायोपैथी) आ जाती है, यह हृदय, नर्वस सिस्टम, और लिवर, skeleton को नुकसान पहुँचाती है।
- एक स्पेशल एंजाइम की आवश्यकता होती है जो ग्लाइकोजन को तोड़ सकती है, यह ऊर्जा के लिए उपयोग की जाने वाली शुगर के रूप में संग्रहित रहती है।
- लुमिज़ाइम इस एंजाइम की जगह ले लेता है और मरीज़ सही हो जाता है।
यह दबाई 800$ प्रति शीशी मिल सकती है। 70 किलो वजन वाले व्यक्ति को महीने में कम से कम लुमिज़ाइम की 56 शीशी की जरुरत होती है। इसी आधार पर, Lumizyme की कीमत प्रति वर्ष लगभग $ 650,000 है ।
(दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां)
दोस्तों यह दुनिया की कुछ सबसे महंगी दवाइयां थी। और भी कई ऐसी दबाई है जो बहुत ही महँगी है। परंतु दुनिया की सबसे महंगी दवाइयां सबसे दुर्लभ बीमारियों के इलाज में सक्षम है। चुकीं यह बहुत सीमित मात्रा में है इसीलिए इनकी कीमत इतनी ज्यादा है। भारत दुनिया में सबसे सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराता है।
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