Giloy ke Fayde Corona virus जैसी महामारी ने हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है। इस समय हमारी रोगप्रतिकारक क्षमता इतनी कमजोर है कि कोई भी रोग हमे आसानी से ग्रसित कर सकता है। ऐसे में हमारा इतिहास या कहें कि भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा हमे हमारी immunity को बूस्ट करने के लिए सुरक्षित और प्रभावी उपाय बताता है जो हमारे शरीर को किसी भी तरह की बीमारी से निबटने के लिए हमे पूरी तरह मजबूत बनाते है। (Giloy ke Fayde)

पूरी दुनिया में भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा को सबसे बेहतर प्राकृतिक उपचार माना गया है। अँग्रेजी और केमिकल युक्त दवाइयाँ आपको ठीक जरूर कर देती है लेकिन इनका दूषित प्रभाव हमारे शरीर को हमेशा नुकसान पहुंचाता है। बेहतर की आप अपनी बीमारियों के इलाज के लिए केमिकल युक्त और अँग्रेजी दवाइयाँ लेने से पहले खुद को एक प्राकृतिक उपचार दे, जिसका आपके शरीर पर सिर्फ सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। (Giloy ke Fayde)

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार गिलोय का बड़ा महत्व है क्योंकि यह एक ऐसी दवाई माना जाता है जो भिन्न-भिन्न तरह के बुखार, और अन्य बीमारियों को ठीक कर सकता है। गिलोय अमृत के तीन पेड़ों में से एक माना जाता है – ‘अमरता की जड़’ और इसीलिए गिलोय को संस्कृत भाषा में अमृतवल्ली या अमृता भी कहा गया है। 

भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा कई बड़ी बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखता है। इसमे हैरानी की कोई बात नहीं की किसी भी बीमारी के शुरुआती लक्षणों को आयुर्वेद उपचार द्वारा ही ठीक किया जाना चाहिए जिससे आपको रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। हालांकि जब आप उससे आराम महसूस ना करे तब आप अंग्रजी दवाइयों की तरफ रुख कर सकते हैं। (Giloy ke Fayde)

गिलोय क्या है? 

Giloy ke Fayde

गिलोय का वैज्ञानिक नाम Tinospora Cordifolia है और दुनिया भर में लोग इसे इसी वैज्ञानिक नाम से पहचान सकते हैं। लेकिन भारत में गिलोय को ‘ गुडूची का पौधा’ भी कहा जाता है, जो हमारी आंत में अच्छे बैक्टीरिया के लिए भोजन और पोषक तत्व के रूप में कार्य करता है। गिलोय के कारण आंत में एक स्वस्थ माइक्रोबायोम को बढ़ावा मिलता है,  जो स्वस्थ आंत पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से तैयार और पुनर्स्थापित करता है। (Giloy ke Fayde)

गिलोय का तना मुख्य रूप से उपचार के लिए उपयोग में लिया जाता है क्योंकि इसके तने में एल्कलॉइड की प्रभावी मात्रा होती है। एल्कलॉइड कई बीमारियों को ठीक करने के लिए सुरक्षित और फायदेमंद है । हालांकि गिलोय की जड़ और पत्तियों का उपयोग भी किया जाता है लेकिन अधिक प्रभावी नतीजों के लिए इसके तने का उपयोग किया जाता है। 

“भारतीय आयुर्विज्ञान की मुख्य रचना चरक संहिता के एक श्लोक के अनुसार गिलोय कड़वे स्वाद वाली प्रमुख जड़ी-बूटियों में से एक है। जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के विकारों में किया जाता है और यह जड़ी बुटी मुख्य रूप से वात और कफ के कारण होने वाले दोषो को कम करने के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।”

गिलोय की पत्तियों को देखने पर प्रतीत होता है कि उनका आकार दिल जैसा है और उसके लाल रंग के फल के कारण गिलोय का नाम हार्ट-लीव्ड मूनसीड भी पड़ा है। गिलोय को इसके औषधीय गुणों और कई स्वास्थ्य लाभों के लिए सराहा गया है। (Giloy ke Fayde)

गिलोय और रोग प्रतिरोधक क्षमता 

गिलोय का सीधा संबंध हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति से है क्योंकि बुखार जैसी बीमारी तभी होती है जब कोई संक्रमण हमे जकड़ लेता है, जो स्वाभाविक रूप से हमारी कमजोर रोग प्रतिरोधक शक्ति के कारण होता है। 

हमारे शरीर के Immunity system का लगभग 71%   इम्यून सेल्स की मेजबानी करता है। यानि कि यह साफ है कि पूरे शरीर की प्रमुख शक्ति, रोग प्रतिरोधक शक्ति होती है यदि यह किसी भी तरह कमजोर हुयी तो कोई भी रोग आपको पीड़ित कर सकता है। (Giloy ke Fayde)

समझने वाली बात यह है कि आखिर हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर क्यों होती है? और कैसे होती है? और इसे मजबूत कैसे किया जा सकता है? 

सबसे पहले हम जानेंगे की हमारी – 

रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर क्यों होती है? 

इसके पीछे कई छोटे बड़े कारण है, जिसमें अपर्याप्त भोजन, पानी की कमी, अपर्याप्त नींद, बेकार अवशोषण, दूषित पानी और खाना, bacteria और virus के हमले के कारण। लेकिन रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होने का मुख्य कारण माना जाता है हमारे पाचन तंत्र की कमजोरी को क्योंकि हम स्वस्थ्य भोजन करके ही ऊर्जा पाते है जिससे हमारे शरीर का हर अंग विकसित होता है यदि यही भोजन पाचन तंत्र की ख़राबी के कारण ठीक तरह से अवशोषित नहीं हो पाए तो निश्चित ही इसका प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है नतीजतन आप किसी बीमारी की चपेट में आ जाते है। (Giloy ke Fayde)

आयुर्वेद ने अपने अनंत ज्ञान में माना है कि एक अच्छी तरह से संतुलित आंत, तथाकथित ‘अच्छे’ और ‘बुरे’ बैक्टीरिया के सही अनुपात के साथ, एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली की कुंजी है। 

हाल ही में हुए कुछ शोधों से निष्कर्ष निकला कि हमारी आंतों में मौजूद अच्छे bacteria (Microbiome) को पोषित रखकर और एक अच्छा अहार संतुलन बनाकर हम अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बड़ा सकते हैं। 

मुद्दा वही आकार ठहरता है यदि आपका पेट का मामला फिट है तो आपका स्वास्थ्य भी हिट है। 

हमारे आंत में जो अच्छे bacteria यानि कि Micro biome है, हमे उनका विशेष ध्यान रखना होता है जिसके लिए जरुरी है कि हम ऐसा भोजन करे जो आंत में मौजूद अच्छे bacteria को तंदुरुस्त बनाए और उनकी संख्या में इजाफा करे जिससे हमारा पाचन तंत्र अच्छे ढंग से काम करने लगे। 

कुछ पौधों पर आधारित प्रीबायोटिक्स को अत्यधिक पसंद किया जाता है क्योंकि उनमें पॉलीसेकेराइड का एक समूह होता है, जिसमें अरबिनोज और अरबिनोग्लैक्टन शामिल हैं। इस तरह के पौधे का सेवन हमारे लिए(आंत के micro biome) के लिए सबसे स्वस्थ्य है। गिलोय इन्हीं पौधों में से एक है जो हमारी आंत के अच्छे bacteria के लिए सबसे स्वस्थ्य भोजन के रूप में कार्य करता है। इसीलिए गिलोय से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। (Giloy ke Fayde)

गिलोय के औषधीय गुण 

गिलोय के तने में पाए जाने वाले एल्कलॉइड, ग्लाइकोसाइड, स्टेरॉयड और अन्य कुछ यौगिकों के कारण इसे अत्यधिक प्रभावी माना जाता है, हालांकि गिलोय की जड़ और पत्तियों भी कई तरीकों से उपयोग की जा सकती है। 

शोधकर्ताओं द्वारा कुछ अध्ययनों में यह साबित हुया की गिलोय में पाए जाने वाले यौगिक कैंसर, मधुमेह, तंत्रिका संबंधी समस्याओं, बुखार आदि के खिलाफ  बेहद प्रभावी हैं।(Giloy ke Fayde)

गिलोय का सेवन और उपयोग कैसे करें?

हालांकि गिलोय को हम किसी भी तरह से उपयोग कर सकते हैं लेकिन आयुर्वेद में गिलोय के सेवन के लिए विभिन्न तरीके बताएं गए हैं। आयुर्वेद के मुताबिक गिलोय का सेवन काढ़ा और रस के रूप में और अधिकतर चूर्ण के रूप में किया जा सकता है। हालांकि आज के समय में गिलोय कैप्शन और रेडीमेड चूर्ण के रूप में भी उपलब्ध है। त्वचा संबंधी विकारों से बचने या उन्हें ठीक करने के लिए गिलोय का पेस्ट बनाकर सीधे त्वचा पर लगाया जा सकता है। (Giloy ke Fayde)

आम तौर पर गिलोय की खुराक एक चम्मच है जिसे नियमित रूप से दिन में दो बार लिया जा सकता है। व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार गिलोय की खुराक अलग अलग हो सकती है। 

गिलोय का जूस कैसे बनाये? 

गिलोय का रस निकालने के लिए सबसे पहले आपको गिलोय की कुछ शाखाओं की आवश्यकता होती है, जिन्हें आप अच्छे से साफ़ कर ले। कटी हुयी इन शाखाओं को पानी मिलाकर अच्छी तरह पीस ले और बाद में इसे सूती कपड़े में डाल कर रस निचोड़ ले। लीजिए तैयार है, गिलोय का रस। 

गिलोय के स्वास्थ्य फायदे – 

चुकीं गिलोय एक औषधीय पौधा है इसलिए इसके कई स्वास्थ्य लाभ है। गिलोय हमारी इम्यूनटी को बूस्ट करने के साथ साथ अन्य ऐसे गुणों से भरपूर है को हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। गिलोय एंटी-टॉक्सिक, एंटीपीयरेटिक (जो बुखार को कम करता है), एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है जो किसी भी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए सबसे उत्तम उपाय है। अब हम गिलोय से होने वाले कुछ स्वास्थ्य फायदों के बारे में जानते है :

बुखार के लिए गिलोय के फायदे – Giloy Benefits For Fever In Hindi 

बुखार आने के पीछे कई तरह के कारणों को जिम्मेदार माना जाता है, लेकिन आयुर्वेद में बुखार आने के सिर्फ दो कारण मान्य किए गए हैं। आयुर्वेद के अनुसार बुखार तब आता है जब आपका पाचन तंत्र ठीक तरह से कार्य नहीं करता और दूषित पदार्थ आपके शरीर के भीतर रह जाते हैं या फिर कुछ कण (bacteria, virus etc) जो बाहर से शरीर में प्रवेश कर जाते है उनके कारण। (Giloy ke Fayde)

पुराने बुखार के लिए गिलोय का उपयोग बेहद फायदेमंद होता है। गिलोय बार-बार आने वाले बुखार में अद्भुत काम करता है। यह एक प्रभावकारी विरोधी , ज्वरनाशक जड़ी बूटी है जो किसी भी तरह के संक्रमण से लड़ने के लिए आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करती है और आपको जल्दी से स्वस्थ्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।  हमारे बुखार को कम करने के लिए गिलोय में जवारघाना (एंटीपायरेटिक) गुण होते है।

कैसे इस्तेमाल करें – 

बुखार के लिए गिलोय का सेवन करने के लिए 2-3 बड़े चम्मच गिलोय का रस और इतना ही पानी लें।  इन्हें अच्छी तरह से मिला लें। इस मिश्रण को रोजाना सुबह खाली पेट पिएं।(Giloy ke Fayde)

डेंगू के बुखार के लिए गिलोय का उपयोग – 

चुकीं गिलोय एक ज्वरनाशक जड़ी बूटी है इसलिए इसका प्रभाव किसी भी तरह के बुखार के खिलाफ किया जा सकता है। डेंगू का बुखार बेहद घातक होता है जिसमें हमारी ब्लड प्लेटलेट कम हो जाती है। गिलोय डेंगू के बुखार को ठीक करने के लिए काफी प्रभावी ढंग से काम करता है। गिलोय डेंगू के दौरान हमारी प्लेटलेट को बढ़ाने में मदद करता है । डेंगू के बुखार के दौरान गिलोय का सेवन करने से यह बुखार की सभी जटिलताओं को कम करने में सहायक होता है। (Giloy ke Fayde)

यदि आप डेंगू के दौरान नियमित रूप गिलोय का सेवन करते है तो यह आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने का काम करता है। डेंगू से जल्दी स्वस्थ होने के लिए आप गिलोय के रस के साथ तुलसी के पत्तों को भी मिलाय जिससे आप जल्दी से स्वस्थ्य हो पायेगे। आप चाहे तो गिलोय के रस के साथ तुलसी के पत्तों को उबाल कर पीए और आप पायेंगे कि आपकी ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या में इजाफा होने लगता है। 

इस्तेमाल कैसे करें – 

गिलोय के ताजे डंठल थोड़े और उनका रस निकालकर उसमें 10-12  तुलसी की पत्तियों को मिलाकर 1/2 कप पानी में उबालकर रोजाना पीएं ।  यह प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में मदद करता है। 

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कोरोना-वायरस संक्रमण के लिए गिलोय का उपयोग – Uses Of Giloy For Corona In Hindi 

Coronavirus होने का प्रमुख कारण है हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति का कमजोर होना जिस कारण से हमारा शरीर संक्रमण की चपेट में आ जाता है। गिलोय बुखार ठीक करने के लिए सबसे बेहतर उपाय है खासकर viral बुखार के लिए यह और भी ज्यादा प्रभावी रूप से कार्य करता है। 

हालांकि वैज्ञानिकों ने इस बात को स्पष्ट करने के कोई सबूत नहीं दिए है कि गिलोय corona से संक्रमित व्यक्ति को ठीक कर सकता है लेकिन गिलोय से होने वाले अन्य फायदों के कारण जैसे कि रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होना इत्यादि के कारण यह coronavirus को प्रभावी रूप से खत्म करने का काम कर सकती है। 

कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, पता चला कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए गिलोय के सेवन से आशाजनक परिणाम मिलते हैं।(Giloy ke Fayde)

कैसे इस्तेमाल करें – 

गिलोय और अश्वगंधा को मिलाकर सेवन करने से coronavirus जैसे संक्रमण में ठीक होने में अधिक मदद मिलती है। हालांकि आप चाहे तो गिलोय का रस या काढ़ा बनाकर 5 से 6 हफ्तों तक पीए जिससे आपको बहुत राहत मिलेगी। 

Hay fever (एलर्जिक राइनाइटिस) 

एलर्जिक राइनाइटिस के नाम से लोकप्रिय यह बुखार मौसम बदलने पर काफ़ी फैलता है। बुखार के दौरान छींक आना, नाक बहना, नाक बंद होना और आँखों में पानी आना इस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। बुखार के तापमान को कम करने के लिए गिलोय का उपयोग फायदेमंद है यह आपके बुखार को कम करके आपको रोग मुक्त बनाने में मदद करता है। (Giloy ke Fayde)

बुखार उतारने के लिए आधा चम्मच गिलोय पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खाने से पहले खाए, यह आपके शरीर के तापमान को समान्य करेगा और आपको बेहतर महसूस कराएगा ।

ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए गिलोय का उपयोग – 

गिलोय के औषधीय गुण हमारे शरीर में बड़ी हुयी अनियंत्रित ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षित और फायदेमंद है । आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में गिलोय को “मधुनाशिनी” अर्थात शक्कर का नाश करने वाली कहा गया है। जाहिर है इसका यह नाम गिलोय के आवश्यक गुणों के कारण ही कहा गया है। गिलोय इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है जो अंततः हमारे शरीर के ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता  है।  गिलोय डायबिटीज़ से होने वाली सभी जटिलताओं के लिए जैसे अल्सर, गुर्दे की समस्याओं के लिए भी उपयोगी है।

इस्तेमाल कैसे करें – 

1/2 चम्मच गिलोय पाउडर को दिन में दो बार दोपहर के खाने के बाद  और रात के खाने में बाद पानी के साथ पीए ।

गठिया के लिए गिलोय का उपयोग – 

बड़ती उम्र के प्रभाव के साथ कुछ बीमारियाँ ऐसी होती है जो आप को सबसे ज्यादा तकलीफ देती है। ऐसी ही एक बीमारी का नाम है गठिया इस बीमारी में घुटने का दर्द इतना असहनीय हो जाता है कि व्यक्ति चलने फिरने में असमर्थ होने लगता है। लेकिन गिलोय का सेवन आपको ऐसी किसी भी बीमारी से बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। चूँकि गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-आर्थराइटिक गुण होते हैं इसलिए गिलोय गठिया और गाउट को कम करने में मदद करता हैं। (Giloy ke Fayde)

इस्तेमाल कैसे करें – 

जोड़ों के दर्द और गठिया को ठीक करने के लिए गाय के दूध को गर्म करके उसने गिलोय का चूर्ण बनाकर सेवन करे निश्चित ही आराम मिलेगा। 

प्रतिरक्षा को विकसित करने के लिए गिलोय के फायदे – 

गिलोय पोषक तत्व और Antioxidants से भरपूर है जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जाने जाते हैं। Antioxidants आपके शरीर को दूषित पदार्थो से मुक्त करते है और आपको कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाने का काम करते हैं । दूसरी तरफ Antioxidants आपकी त्वचा को प्रदूषण से छुटकारा दिलाने के लिए सहायक होते है यह आपकी त्वचा के छिद्रों को खोल कर उनसे दूषित पदार्थों की बाहर निकालने में मदद करता है। नतीजतन आपकी त्वचा चमकदार, ज़बां और रोग मुक्त दिखती है। (Giloy ke Fayde)

गिलोय हमारी प्रतिरक्षा को मजबूत करता है । इसलिए इसे दिन में दो बार काढे या रस के रूप में सेवन करे। गिलोय का उपयोग लीवर की बीमारियों, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और दिल से जुड़ी समस्याओं के लिए भी प्राचीन काल से किया जाता रहा है।(Giloy ke Fayde)

पाचन तंत्र बेहतर बनाने के लिए गिलोय का उपयोग – 

गिलोय, हमारे पाचन तंत्र को बेहतर ढंग से काम करने के लिए उपयोगी सिद्ध होता है क्योंकि गिलोय के पत्ते या गिलोय में पाए जाने वाले यौगिक हमारी आंतों में मौजूद अच्छे bacteria के लिए पोष्टिक भोजन का काम करते है जिससे वे स्वस्थ्य होकर बेहतर ढंग से पाचन क्रिया करते हैं। 

गिलोय के सेवन से पाचन संबधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है जैसे दस्त, भारीपन, उल्टी, कोलाइटिस इत्यादि । 

इस्तेमाल कैसे करें – 

आधा चम्मच गिलोय पाउडर हो हल्के गुनगुने पानी में दिन में दो बार पीए। 

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चिंता और तनाव को कम करने के लिए गिलोय के फायदे – 

आज के इस व्यस्त जीवन में चिंता और तनाव होना सबसे स्वाभाविक बात है। गिलोय आपके मन को शांत और स्थिर करने के लिए सबसे बेह्तरीन उपाय है। गिलोय में याददाश्त और संज्ञानात्मक कार्यों को बढ़ाने की शक्ति होती है। गिलोय हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। (Giloy ke Fayde)

इस्तेमाल कैसे करें  – 

दो चम्मच गिलोय का रस, और उतना ही सादा पानी के साथ पीए। ऐसा आप प्रतिदिन एक बार करे निश्चित ही आपको शांति महसूस होगी। 

आँखों की रोशनी के लिए गिलोय के फायदे – 

गिलोय से मिलने वाले लाभों में, आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए गिलोय का उपयोग काफी प्रभावी माना जाता है। गिलोय में पाए जाने वाले पोषक तत्व आपको आँखों को कई तरह की बीमारियों से बचाते है साथ ही उन्हें स्वस्थ्य रखने के लिए उपयोगी है। 

इस्तेमाल कैसे करें – 

गिलोय के पत्तों को पानी में उबाल कर ठंडा करे बाद में इसी पानी से आँखों को धुले । यदि पत्ते नहीं है तो गिलोय पाउडर का उपयोग किया जा सकता है। 

दोस्तों ये तो गिलोय से मिलने वाले कुछ प्रमुख स्वास्थ्य लाभ थे लेकिन जैसा कि आप जानते है कि हर चीज के दो पहलू होते है एक अच्छा और बुरा इसलिए अब हम गिलोय से होने वाले मामूली नुकसान के बारे में बतायेंगे। 

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गिलोय के नुकसान और दुष्प्रभाव – Side Giloy Side Effects In Hindi 

हालांकि गिलोय एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसका कोई नुकसान नहीं है लेकिन कुछ खास स्वास्थ्य स्थिति वाले लोगों के लिए गिलोय का उपयोग करने के कुछ निर्देश है। यदि आप डायबिटीज़ की दवाईयों का सेवन करते है तो आपको गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि आपका ब्लड शुगर का स्तर बेहद कम हो जाए। (Giloy ke Fayde)

गिलोय प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक सक्रिय होने का कारण बन सकता है जो ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे संधिशोथ के लक्षणों को और बदतर कर सकता है।  स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए गिलोय के प्रभाव अभी तक अज्ञात ही है। इसलिए, सुरक्षित रहने के लिए बच्चे को स्तनपान के दौरान गिलोय के सेवन से बचना अच्छा है।

गिलोय का उपयोग भारत में सदियों से औषधि के रूप में होता आ रहा है, और अधिकतर भारतीय लोग इसके फायदों से परिचित है। आज बुखार जैसी समस्या इतनी आम है कि लोगों को मजबूरी में अँग्रेजी केमिकल युक्त दवाइयों का सेवन करना पड़ता है। यह दवाई या हमारे शरीर को कमजोर करती है।

 इसलिए हमेशा ध्यान रखे कि केमिकल युक्त अँग्रेजी दवाईयों का सेवन तभी करना है जब स्थिति आयुर्वेदिक उपचार से नियंत्रण में ना आए। लेकिन यदि आप समान्य बुखार से पीड़ित होते है या corona जैसी बीमारी से संक्रमित गिलोय का उपयोग हर स्थिति में आपको फायदा पहुंचाएगा। गिलोय के उपयोग की सबसे अच्छी बात यह है कि गिलोय पूरी तरह प्राकृतिक और हानिरहित है इसलिए आप सदैव इसका उपयोग कर सकते हैं। (Giloy ke Fayde)

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By Nihal chauhan

मैं Nihal Chauhan एक ऐसी सोच का संरक्षण कर रहा हू, जिसमें मेरे देश का विकास है। में इस हिंदुस्तान की संतान हू और मेरा कर्तव्य है कि में मेरे देश में रहने वाले सभी हिंदुस्तानियों को जागरूक करू और हिंदी भाषा को मजबूत करू। आपके सहयोग की मुझे और हिंदुस्तान को जरुरत है कृपया हमसे जुड़ कर हमे शेयर करके और प्रचार करके देश का और हिंदी भाषा का सहयोग करे।

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