धैर्य कैसे रखें ? क्या कभी आपने यह सोचा है कि एक खुशहाल और सफल जिंदगी जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटक क्या है? इस सवाल का सबसे सटीक उत्तर है – “धैर्य” यदि आपके पास सब्र है patience है तो आप जिंदगी को सुकून और आनंद से बिता सकते हैं। पौराणिक काल की मान्यताओं को भी देखा जाए तो वह भी धैर्यवान पुरुष को ही सफल और उत्तम की उपाधि देती है। 

बड़े दुर्भाग्य की बात है, कि हम हिंदुस्तानी लोग अपनी असली संस्कृति और मान्यताओं को भूला कर जिंदगी की खुशियों को तबाह कर चुके है क्योंकि हम खुश रहने का मंत्र ही भूल चुके है। आप मुझे बताइए आज संतुष्ट कौन है? मैंने कई बार देखा है कि विदेशी लोग हमारी सभ्यताओं को अपनाकर अपने जीवन को खुशहाल बनाने में सफल हो रहे है लेकिन आप लोगों की खुद की सभ्यताओं और संस्कृति से आप कुछ भी नहीं सीखना चाहते। यहां कोई धर्म विशेष की बात नहीं है ये बात है, हिंदुस्तान में रहने वाले हर नागरिक की क्योंकि हमारी संस्कृति एक है – चाहे कोई किसी भी धर्म से ताल्लुक रखता हो। 

पौराणिक किताबों और शिलालेखों में सब्र और धैर्य की शक्ति की व्याख्यान किया गया है लेकिन इस बारे में कोई जागरूक नहीं पर ये सब जानते है कि सलमान खान ने शादी नहीं की? 

आपने कभी अपने भीतर की अन्य चेतना जगाने की कोशिश की नहीं, ना ही आपने कभी अपने भीतर खोजा की खुश रहने के लिए आखिरकार क्या चाहिए? सिर्फ बाहरी दुनिया को देख समझ कर अपने मन में एक नई अवधारणा बना ली की मुझे खुशी तभी मिलेगी जब ऐसा हो जाएगा या वो चीज मुझे मिल जाएगी तब। 

हमारी खुशियां और आपकी किसी लक्ष्य की प्राप्ति की ईच्छा कई तरह से प्रभावित हो सकती है। आपके लक्ष्य प्राप्ति के लिए क्या ज्यादा महत्पूर्ण है? और ऐसा क्या है जो आपको सफल होने से रोकता है? दोनों ही तरह की चीजों की खोज आपको अपने मन में करनी होती है। 

धैर्य क्या है? 

एक शांतिप्रिय और आसान जीवन जीने के लिए हमारे घरवाले सलाहाकार हमे हमेशा धैर्य रखने की सलाह देते हैं। आमतौर पर धैर्य को गुणों की श्रेणी में रखा जाता है लेकिन इसे कोई भी इंसान विकसित कर सकता है। हमारे अन्य गुणों की तुलना में धैर्य का सबसे अधिक महत्व होता है। 

धैर्य हमारे मन की वह स्थिति है जब हम विषम परिस्थितियों में भी अपनी मानसिक स्थिरता बनाए रखते और अपने आखिरी मौके का भी फायदा उठा पाते हैं। धैर्य हमे सुरक्षित रखने का काम भी करता है। यदि आप धैर्य शील नहीं है तो संभावना रहती है कि आप हमेशा किसी ना किसी परेशानी में उलझे हुए रहते हैं और जो व्यक्ति धैर्यवान है वह अपने जीवन को खुशहाली से भर लेता है। 

मैं एक अधीर (Impatient) व्यक्ति क्यों हूँ?

धैर्य कैसे रखें ?

हर छोटी सी बात पर इतना बहुत ज्यादा घबराहट होना, मन की शांति भंग होना ये सब दर्शाता है कि आप कितने अधीर व्यक्ति है। ऐसे लोग जो बेहद impatient है, उन्हें आपने कभी भी आनंदित अवस्था में नहीं देखा होगा क्योंकि उन्हें आंनद का अनुभव हो ही नहीं सकता। ऐसे व्यक्ति हर समय, बैचैनी का अनुभव करते हैं। फिर चाहे बात चाहे जो भी हो पर इस तरह के लोग संतुष्ट नहीं होते। 

हम सभी जानते है, कि आपके पास कुछ भी हो आप बेशक दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन जाए लेकिन जब तक आपके पास धैर्य नहीं है सब कुछ व्यर्थ है और उससे भी बड़ी बात यह है कि आप बगैर धैर्य रखे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन ही नहीं सकते। सवाल यह है कि ऐसा क्या है जो आपको इस तरह के दलदल में डालता है यानि आखिर हम लोग इतने अधीर क्यों हो जाते हैं? ऐसा क्या है जो हमे Impatient बनाता है? 

आपकी अधीरता आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है। जब आप गौर करेगे तो पाएंगे कि इस अधीरता ने आपकी कितनी ही सफलताओं को असफलताओं में बदलने का काम किया। समस्या की जड़ यह है कि लोगों को पता नहीं चलता कि वो अधीर हो चुके हैं, परिणामस्वरुप उन्हें मौका ही नहीं मिलता कि वह अपने इस अवगुण पर काम कर सके। (धैर्य कैसे रखें ?)

आप सोचिए कभी किसी ने आपसे कहा है कि आप एक अधीर व्यक्ति है? या इस तरह की तुम बहुत बेसब्र इंसान हो? यदि कोई आपसे ऐसा कहता है तो आपको उसी समय खुद पर गौर करना चाहिए और सोचना चाहिए कि आखिर इतनी बेसब्री दिखाने का कारण क्या है? मान लीजिए कि – 

आप कहीं किसी लाइन में टिकट लेने के लिए खड़े हैं, ऐसे में आप टिकट खिड़की से 20 लोगों की दूरी पर है। अब ऐसी स्थिति में जरुरी है कि आप धैर्य रखें, क्योंकि यदि आप विचलित भी होंगे तो आपका ही नुकसान होगा। यदि आपने आगे जाने की कोशिश की तो सम्भव है आप आगे भी ना पहुचें और पीछे वाली जगह से भी हाथ धों ले। इसीलिए आपको सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान देना है, बेसब्री सिर्फ आपको नुकसान ही पहुँचाती है। (धैर्य कैसे रखें ?)

हालांकि आप इतने भी ढीले ना रहे की, आपके नंबर से पहले कोई अन्य आ जाए। कहने का तात्पर्य यह है कि आपका कर्म वही रहना चाहिए, आपको ऊर्जा भी वही रहनी चाहिए बस यह सब एक निश्चित समय में हो जब उसकी जरूरत हो तब अन्यथा आपको पूरी तरह शांत और स्थिर रहने की कोशिश करनी चाहिए। (धैर्य कैसे रखें ?)

आपके अधीर होने के पीछे तीन मुख्य कारण हो सकते हैं :

  • अधीर व्यक्तित्व (Impatient Personality) 
  • चिंता, तनाव और Withdrawal 
  • नींद की कमी 

अधीर व्यक्तित्व – 

धैर्य कैसे रखें?

पूरे दिन का अधिकतर समय आप अपने मोबाइल, लैपटॉप पर विभिन्न विंडो के बीच क्लिक करने और अपने फोन पर फ़ीड के माध्यम से स्क्रॉल करने में बिताते हैं, या Tablets पर उंगलिया फिराते हुए गुजारते है। ऐसे में आपका ध्यान भंग होना लगभग निश्चित ही है। आपको एहसास होता है कि सब कुछ बस जल्दी से हो जाए जैसा आप मोबाइल में उंगलिया घुमा कर करते हैं। इस तरह की स्थिति में हमारा ध्यान कम होना शुरू हो सकता है और हम सब कुछ तुरंत होने की उम्मीद करना शुरू कर सकते हैं। इस तरह की ग्रसित दिनचर्या आपको अधीरता का शिकार बनाती है। (धैर्य कैसे रखें ?)

जिस तरह आप धीरे-धीरे विकसित होते है उसी तरह आपका व्यक्तित्व भी विकास करता है लेकिन आपके व्यक्तित्व में आपके गुजरे हुए जीवन की पूरी छाप रह जाती है। आप जिस तरह के हालातों में पले – बड़े होते है उसी तरह का व्यक्तित्व आपको हासिल होता है। अधिकांश मामलों में अधीरता का मुख्य कारण यही माना जाता है। 

जब आप किसी ऐसी स्थिति में बड़े होते है जहां आपने शुरू से ही सिर्फ हार का सामना किया हो, तो व्यक्तिगत रूप से आपका अधीर होना लाजमी में लेकिन आपको यह समझने की आवश्यकता है कि यह एक ऐसा अवगुण है जो आपको अनेक तरीकों से नुकसान पहुंचाने का काम करता है। इस तरह की स्थिति में आप अपनी सफलता को पाने के लिए बेसब्र हो जाते है आपको लगता है कि सब कुछ बहुत जल्दी होना चाहिए। जिसका अर्थ है कि आपको सफल होने के लिए सब कुछ जल्दी से करने की आवश्यकता है।(धैर्य कैसे रखें ?)

और यदि आपको यह संदेश बचपन में नहीं मिला, तो भी आप इसे अपने स्वयं के अनुभवों के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। शायद आप किसी चीज़ पर कार्रवाई करने में धीमे थे, या किसी चीज़ को पाने में असमर्थ हुए जिससे आपको विनाशकारी परिणाम भुगतने पड़े और इसीलिए आप अधीर हो गए ।

चिंता और तनाव के कारण अधीरता – 

कभी कभी आपकी दिनचर्या और आपके विचार चंद चीजों में फंसकर रह जाते हैं। अधीरता के कारणों के बारे में सोचते समय, यह सोचना भी सहायक होता है कि आपका मस्तिष्क दो निश्चित प्रकार के लूपों में कैसे फंस सकता है।

मूल रूप से, यदि आप अच्छा महसूस करने के लिए किसी चीज़ पर भरोसा करते हैं, तो आप निश्चित अधीरता का शिकार हो सकते हैं। आप महसूस करते है कि वह चीज जिससे आप आनंदित महसूस करते हैं वह जल्दी से वापस आए। (धैर्य कैसे रखें ?)

ऐसा होने के पीछे आपकी दिनचर्या के कई पहलू जिम्मेदार हो सकते हैं जिसमे  यह कुछ ऑनलाइन एक्सेस करने के बारे में भी हो सकता है (उदाहरण के लिए आप आनंदित होने के लिए , कोई गेम, पोर्न, शॉपिंग, सोशल मीडिया), या भोजन, शराब या जुआ आदि जैसी चीजों में अपना समय बिताना चाहते है।

 ये सारी क्रियाएं करने के लिए आप खुद को अधीर महसूस करने लगते हैं। आपकी बेसब्री इतनी अधिक बड़ जाती है कि यह आपको होने वाले नुकसान का भी अंदेशा नहीं लगाने देती। (धैर्य कैसे रखें ?)

ऐसी कोई भी चीज जो आपके मस्तिष्क को आनंद का अनुभव कराए और आप के मष्तिक में डोपामिन(आनंदित करने वाला हार्मोन) उछाल देती है, वह आपकी निर्भरता का कारण बन सकती है। और निर्भरता आपको अधीर महसूस कराती है। 

अधीर होने के पीछे दूसरे कारण में चिंता भी शामिल है। चिंता आपको बेसब्र बनाती है। यदि आप किसी विशेष चीज की चिंता करते हैं, तो आप इस बात के प्रमाण के लिए अधीर हो सकते हैं कि सब कुछ ठीक हो जाएगा।

उदाहरण के लिए,आपका कोई प्रिय यात्रा कर रहा है तो उस समय आप उसकी चिंता करते हुए बेसब्र होते है कि वह व्यक्ति जल्दी से आ जाए। और नौकरी के लिए इंटरव्यू के बारे में घबराहट आपको पूरी रात जगाए रख सकती है, दोनों ही प्रकार की स्थितियों में आपका अधीर होना तय है जो आपके performance और आपके निजी स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। असल में किसी चीज के बारे में चिंता करना अधीरता ही कहलाती है। (धैर्य कैसे रखें ?)

नींद की कमी – 

दोस्तों नींद की कमी, कई तरह से आपको प्रभावित कर सकती हैं। यदि आप पर्याप्त नींद नहीं ले रहे है तो यह आपको अधीर बनाती है और साथ ही साथ कई प्रकार की मानसिक और शारीरिक बीमारियों का कारण बनतीं है। 

यदि आप नींद पूरी करने में असमर्थ है तो डॉक्टरों द्वारा प्रमाणित दवाइयाँ यहां क्लिक करके खरीदे सकते हैं। यह आपको शांत और एक स्वस्थ्य नींद दिलाने के लिए कारगर है। (धैर्य कैसे रखें ?)

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बेहतर नींद के लिए अन्य उपायों को जानने के लिए यह लेख पढ़े – 

धैर्यवान कैसे बनें? 

जैसा कि ऊपर हमने आपको विस्तार से बताया कि ऐसा क्या है जो आपको अधीर बनाता है। अब आप आसानी से ऐसी विचारों को ऐसी क्रियाओं को चिन्हित कर सकते है जो आपको एक बेसब्र इंसान बनाती है। इसके अतिरिक्त हमारे पास अन्य योजनाएं है जो आपको एक धैर्यवान व्यक्तित्व प्रदान करेगी। (धैर्य कैसे रखें ?)

1. कछुआ बने, खरगोश नहीं – 

यह कहानी दुनिया का हर व्यक्ति जानता होगा कि खरगोश अपनी अधीरता के चलते दौड़ को हार गया था और कछुआ अपने कर्म विश्वसनीयता रखे हुए धैर्यवान होकर निरन्तर अपना कर्म करता रहा। यह कहानी हमे जिंदगी जीने का और सफल होने का सबसे बेहतर दिशानिर्देश देती है।

आप देखिए कि कछुए की उम्र कितनी ज्यादा होती है? क्यों होती है क्योंकि वह धैर्यवान है लेकिन आप उसे आलसी समझने की गलती ना करें कछुआ बिल्कुल भी आलसी नहीं होता वह निरंतर अपने कार्यों को पूरा करता है बशर्ते उसमे कोई हड़बड़ाहट नहीं होती। (धैर्य कैसे रखें ?)

आपको कछुआ बनने के लिए क्या करना चाहिए? 

आपको एक सूची बनाने की आवश्यकता है, आप उसमे अपने निश्चित कार्यों को लिखे और उसी के अनुसार खुद को निर्देशित रखे। ऐसे में कई बार आपका मन भटकेगा लेकिन आप अपने सूची के निर्देशों पर अटल रहने की कोशिश करे धीरे धीरे आपके अंदर बदलाव होना शरू होगा और आप पहले से अधिक धैर्यवान हो जाएंगे। 

हालांकि आप अपने धैर्य को विकसित करने के लिए हमारी चुनी हुयीं कुछ किताबों पढ़ सकते हैं, जो आपको एक धैर्यवान व्यक्तित्व प्रदान करेगी ।

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कुछ देर खुद के आराम को दे – 

जब आपको बेचैनी होती है या आप खुद को अधीर महसूस करते है। ऐसे में इसे कम करने के लिए सबसे बेहतर तरीका है कि आप जानबूझ कर खुद को धीमा करे। खुद धीमा करने के लिए या आरामदायक महसूस करने के लिए आप कई तरह से काम कर सकते है। जैसे कि आप किसी दिन किसी किताब को पढ़ते हुए कुछ घण्टे बिताए या नहाने से पहले किताब पढ़ने का लुफ्त ले। (धैर्य कैसे रखें ?)

आप चाहे तो कुछ समय के लिए आँखे बंद करके धीमे संगीत का आनंद भी उठा सकते हैं। आपको यह सोचना चाहिए कि आप खुद को कितना समय देते हैं? कई बार आप अपर्याप्त नींद के कारण भी खुद को अधीर महसूस कर सकते हैं। 

माइंडफुल मेडिटेशन – 

मेडिटेशन हमारी इन्द्रियों को नियंत्रित करने के लिए सबसे कारगर तरीका है। आपका विचलित मन स्थिर करने के लिए मेडिटेशन सबसे प्रभावी है। मेडिटेशन आपको अतरिक्त आराम की स्थिति प्रदान करता है जिसकी वज़ह से आप खुद को धैर्यशील महसूस करते है। किए गए कई अध्यन इस बात की पुष्टि करते है कि मेडिटेशन के माध्यम से हम अपनी भावनात्मक स्थिरता को बड़ा सकते हैं। (धैर्य कैसे रखें ?)

यानी कि यह आपको पूरी तरह शांत और स्थिर करने के लिए सुरक्षित और फायदेमंद है। मेडिटेशन करने के लिए आपको अपनी दोनों आँखे बंद करके, किसी भी तरह के विचारो से उलझे बिना मन की असीम शांति वाली स्थिति में प्रवेश कराना होता है। 

धैर्य को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छी शुरुआत करने वाला व्यायाम शरीर की स्कैनिंग है।  अपनी आंखें बंद करें, गहरी सांस लें और अपने ध्यान को अपने सिर के ऊपर से अपने पैर की उंगलियों तक अपने शरीर के नीचे तक ले जाएं।

जैसे जैसे आप शरीर के विभिन्न हिस्सों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगे आप पायेगे की यह आपकी मांसपेशियों को बेहद आराम दे रहा है। अपने शरीर को ढीला महसूस करें, और अपने दिल की धड़कन को कम होते हुए महसूस करे । यह अनिद्रा के साथ साथ अन्य कई तरह के मानसिक और शारीरिक विकारों से निपटने के लिए भी एक बेहतरीन तकनीक है, क्योंकि यह बहुत आराम देने वाली है।(धैर्य कैसे रखें ?)

खुद को प्रतीक्षालू बनाए – 

 धैर्यवान कैसे बने?

यदि आप चाहते है कि आप हमेशा के लिए धैर्यवान बने रहे तो आपको इसके लिए कुछ अलग तरह के प्रयास करने होंगे। 

ऐसी ही एक विधि में जानबूझकर संतुष्टि में देरी करना शामिल है – दूसरे शब्दों में, खुद को चीजों की प्रतीक्षा करने के लिए मजबूर करना।

इसके लिए आप बहुत छोटे से शुरुआत कर सकते है जैसे कि सुबह चाय में 5 दस मिनट की देरी करे। जानबूझ कर इन्तेज़ार करे। इस समय का उपयोग आपको अपनी आँखों को बंद करके लंबी सांसो पर ध्यान केंद्रित करने में करना चाहिए। (धैर्य कैसे रखें ?)

बार बार जानबूझकर खुद के सब्र का इम्तेहान लीजिए। जहां भी आपको लगे कि आप बेसब्र हो रहे है वही रुक जाए और उसे बहुत ही आराम और तखल्लुस से करे। आपको अपने आप को बेसब्र होने ही नहीं देना है। 

समय के साथ यह सब उपाय आपको एक धैर्यवान व्यक्तित्व प्रदान करेगे ।आपको बस इन चीजों का निरंतर प्रयास करते रहना होगा। 

आप अपने लिए एक डायरी बनाए और उसमें अपने मानसिक और शारीरिक गतिविधयों को लिखे ताकि आप आसानी से अपनी समस्याओं को पकड़ कर उनपर काबु कर सके। एक सुन्दर डायरी खरीदने के लिए यहां क्लिक करें… 

अंतिम विचार :

एक अधीर व्यक्तित्व वाला इंसान कभी भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं करता। यहां तक कि वह अपने लक्ष्य को खोजने में ही असमर्थ होता है। आपको अपने जीवन में धैर्य को स्थापित करने के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय भी करना चाहिए। यदि आप एक धैर्यवान व्यक्ति है तो निश्चितता ही आप एक ना एक दिन सफ़लता प्राप्त करेगे। 

जब आप अधीर होते हैं, तो आपका ध्यान पूरी तरह से उस पर होता है जो आपके पास नहीं है, और यह आपकी नकारात्मक भावना है कि आपके पास वह चीज़ कैसे नहीं है।  नतीजतन, आप नकारत्मक होकर खुद को मानसिक रूप से से बीमार कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में आप धीरे-धीरे अवसाद जैसी खतरनाक मानसिक बीमारियों से पीड़ित हो जाते हैं। [यहां क्लिक करके जाने कहीं आप अवसाद (डिप्रेशन) से पीड़ित तो नहीं?] 

निरंतर धैर्यवान व्यक्ति कृतज्ञता के साथ जीता है, यह जानते हुए कि अच्छाई आ रही है।  यह व्यक्ति अपने जीवन में अधिक से अधिक सकारात्मकता को आकर्षित करते हुए, बहुतायत की उच्च आवृत्ति पर कंपन करता है। इस तरह के व्यक्ति जाने अनजाने में आकर्षण के नियम  का पालन करते है और सबसे सफल होते हैं। (धैर्य कैसे रखें ?)

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By Nihal chauhan

मैं Nihal Chauhan एक ऐसी सोच का संरक्षण कर रहा हू, जिसमें मेरे देश का विकास है। में इस हिंदुस्तान की संतान हू और मेरा कर्तव्य है कि में मेरे देश में रहने वाले सभी हिंदुस्तानियों को जागरूक करू और हिंदी भाषा को मजबूत करू। आपके सहयोग की मुझे और हिंदुस्तान को जरुरत है कृपया हमसे जुड़ कर हमे शेयर करके और प्रचार करके देश का और हिंदी भाषा का सहयोग करे।

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Meena Krishnani
2 years ago

बहुत सुन्दर विचार.. साथ ही विस्तार..

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