Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde ब्रह्मा मुहूर्त में जागने के क्या लाभ है और क्यों है? क्या दिन के बाकी समय में जागना अस्वस्थ होने का संकेत है? आख़िर पौराणिक कथाओं में ब्रह्मा मुहूर्त में जागने पर जोर क्यों दिया गया है? ऐसे कईयों सवाल है जिनके बारे में हर कोई भी विस्तार से नहीं जानता। बहुत ही कम लोग सुबह जागने के बारे में तथ्यों को स्पस्ट रूप से जानते है। आज हम आपको ब्रह्मा मुहूर्त में जागने के उन फायदों के बारे में बतायेंगे, जो हमारे ग्रंथों में दर्शाये गए हैं।
आज हर इंसान एक बेहतर तनाव और चिंता मुक्त जिंदगी जीना चाहता है लेकिन इस आधुनिक समय में चिंताए इंसान को बेचैन करके आपके शरीर को बीमारियों का घर बना रहीं हैं। ऐसे में लोगों को पुरानी संस्कृति और वैदिक उपचारों को अपनाने से बड़ी राहत मिल रहीं हैं। (Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन शैली बनाए रखना एक ऐसी चीज है जो आजकल हर किसी के दिमाग में है। लेकिन सिर्फ व्यायामशाला जाकर पसीना बहाने से, थोड़े बहुत शारीरिक व्यायाम और सही समय पर भोजन करके आप खुद को परिपूर्ण महसूस नहीं कर सकते। वांछित परिणाम पाने के लिए सिर्फ यही सब करना पर्याप्त नहीं हो सकता है। हमारे पूर्वज और कई योग ग्रंथ और महान योगी/ऋषि अपनी आत्मा और मन को स्वस्थ रखने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में जागने की सलाह देते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त क्या है?
Brahma muhurta ( ब्रह्म मुहूर्त) दो शब्दों का जोड़ है जिसमें ब्रह्म का अर्थ है – पवित्र, निर्माता या ईश्वर का स्रोत और मुहूर्त का अर्थ है – समय (Time) । ब्रह्म मुहूर्त यानी कि ईश्वर का समय या एक ऐसा समय जो बेहद रचनात्मक और सर्वशक्तिमान है।
चुकीं यह समय निर्माता है इसलिए इसे ज्ञान को समझने का समय भी माना जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 4 से 6 बजे के बीच का होता है। जैसा कि बड़े बड़े संत महात्मा और वेद बतातें है कि यह एक समय की निश्चित अवधि है। जो एक निश्चित समय लागू होती है और एक निश्चित समय हट जाती है। (Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
ऐसा माना जाता है कि सुबह 4 से 6 बजे की अवधि के बीच हमारे मस्तिष्क में और पूरे शरीर के भीतर सबसे अधिक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और यदि आप इस समय सोते रहते है तो आप इस ऊर्जा को प्राप्त नहीं कर पाते और पूरे दिन बढ़ी हुयी नकारत्मकता से ग्रसित रहते है।
बताया जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में जागने से आपकी उपचारित क्षमताओं में विकास होता है। यदि आप किसी तरह की बीमारी से पीड़ित है तो आपको सुबह ब्रम्हा मुहूर्त में उठकर जल्दी स्वस्थ्य होने का लाभ उठा सकते हैं।
इस दौरान व्यायाम करने से हमारे शरीर को बहुत फायदा होता है और बेकार के आलस्य से छुटकारा मिलता है। इसी तरह, पूरे दिन की योजना बनाने और बिना किसी व्यवधान के उत्पादक कार्य करने के लिए सबसे अच्छा मौन और शांतिपूर्ण समय मिल सकता है।(Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
ब्रह्म मुहूर्त का महत्व क्या है?
प्रतिदिन जो ऊर्जा आपको प्राप्त होती है उसका 68% आपको एक साथ ब्रह्म मुहूर्त में जागकर मिल जाता है। आप कल्पना कर सकते है कि यदि आपके पास इतनी अधिक ऊर्जा होती है तो आप अपने किसी भी कार्य को कितनी कुशलतापूर्वक और जल्दी से कर सकते हैं। आपका सबसे जरुरी काम आपको इसी समय में करना चाहिए क्योंकि इस समय में गलती होने की कोई गुंजाइश नहीं होती। (Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
ब्रह्म मुहूर्त में आपके आसपास का सारा वातावरण शुद्ध, शांत और सुखद होता है। उस समय आप पूरी ऊर्जा के साथ होते है क्योंकि आप सोकर जागे हुए होते हैं। आराम करने के बाद हमारी ऊर्जा और मानसिक शक्ति काफी तीव्र होती है। जागने के बाद दिमाग तरोताजा रहता है। आप चाहे तो इस समय में मेडिटेशन कर सकते है। इस समय ध्यान करने से मानसिक प्रदर्शन में सुधार होता है।
यह आपको मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है और थकान को भी शांत करता है। इसी प्रकार यदि आप सुबह उठकर हरि घास पर या मिट्टी पर नंगे पैर टहलते है तो इससे मिलने वाले स्वास्थ्य फायदे अविश्वसनीय है। इसी तरह सूर्योदय से पहले सुबह जल्दी जाग कर आप अपने भीतर सकारात्मकता, आशा, ऊर्जा, पाते हैं। इस के साथ ब्रह्म मुहूर्त में कम से कम प्रदूषण और नकारात्मकता होती है। इसके अतरिक्त सुबह बहुत कुछ की शाश्वत शक्ति होती है।(Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
किसी भी प्रकार की आध्यात्मिक गतिविधियों को करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त आदर्श समय होता है। इस समय ध्यान करने से व्यक्ति को ज्ञान, शक्ति, सौंदर्य और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
आप ब्रह्म मुहूर्त में अनुप लोम विलोम करके फेफड़ों की शक्ति में में वृद्धि करने के साथ अपनी शारीरिक और मानसिक शक्तियों को बड़ा सकते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में योग करने से हमारा रक्त शुद्ध होता है और इसी वजह से सकारात्मकता के कारण हमारे शरीर में तरह-तरह के रोग दूर हो जाते हैं।(Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
ब्रह्ममुहूर्त ज्ञान की शुद्धतावादी के लिए सबसे उपयुक्त समय है। हमारा मन एक कोरे कागज की तरह होता है और ब्रह्म मुहूर्त में दिन के किसी भी समय की तुलना में बहुत बेहतर ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम होता है।
सुबह का पवित्र समय आत्म-विश्लेषण और आंतरिक आत्म को जानने का भी एक अच्छा समय है। ऑफिस जाने से पहले होने वाली थकावट को दूर करने के लिए सबसे बेहतर है कि आप ब्रह्म मुहूर्त में जागना शुरू कर दे और देखे कि किस तरह आपके भीतर ऊर्जा का संचार होने लगा है।
सुबह जगाकर आप एक पूरे व्यस्त दिन को ऊर्जा से जी पाते हैं। यह आपको पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखने के लिए शरीर को अच्छी ऊर्जा प्रदान करता है। जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में जागता है, वह बेहतर स्वास्थ्य, शक्ति और आध्यात्मिक चमक में एक महत्वपूर्ण बहाव का अनुभव करता है । (Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
यदि आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जागने लगते है तो धीरे धीरे आपके शरीर से सारे विषाक्त पदार्थ , चिंता, जलन और अवांछित आवेग दूर होने लगते हैं। प्राचीन काल से ही और आज भी योगी और ऋषि अपने ज्ञान की प्राप्ति और वृद्धि के लिए ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान लगाते है। महान योगी, संन्यासी और ऋषि इस शुभ समय पर ध्यान करने का मौका नहीं छोड़ते हैं।
यदि हम सिर्फ आयुर्वेदिक चिकित्सा की बात करे तो उसके अनुसार मानव शरीर में सिर्फ तीन दोष या मुख्य विकार होते है जिससे बाकी सभी बीमारियाँ उपजती है। तीन विकार इस प्रकार है :
- वात (वायु और ईथर)
- पित्त (अग्नि और जल)
- कफ (पृथ्वी और जल)
हर दिन यानि कि प्रत्येक 24 घंटे के अंतराल में इनकी अपनी अपनी अवधि होती है। ये तीनों दोष हर दिन अलग अलग अवधि के साथ हमारे शरीर पर हावी होते हैं। समझने वाली बात यह है कि यह तीनों दोष हमारे शरीर में समय के चक्र और पर्यावरण में आए बदलावों के अनुसार घटते और बढ़ते रहते हैं। कहां जाता है कि रात के समय अंतिम दोष का समय होता है जो कि वात का होता है और सुबह हम अंगों के लचीलेपन और संतुलित शरीर और दिमाग के साथ उठते है।(Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
इसी प्रकार आयुर्वेद और वैदिक सभ्यता कुछ और दावे करती है जिसके अनुसार हमारे शरीर में तीन गुण होते हैं :
- रजो गुण
- सत्व गुण
- तमो गुण
इनकी भी अवधिया अलग अलग होती है जो कि वातारण और समय की निश्चित अवधि से प्रभावित होती है। महत्पूर्ण बात यह है कि ब्रह्म मुहूर्त के दौरान, सत्व गुण सक्रिय होता है और हमें सकारात्मक गुणों से लाभान्वित करता है। (Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
हालांकि इस बारे में अनेक मान्यताएं है जिसमें से एक मुख्य मान्यता यह भी है कि पहले के समय में योगी और ऋषि ब्रह्म मुहूर्त समय के दौरान जागते थे, और यज्ञ और वेदों का पाठ करते थे। ऐसा माना जाता है कि इस समय सभी देवता पृथ्वी के चारों ओर घूमते हैं। इसलिए, इस समय में प्रार्थना करने से भगवान जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त का सही समय कौन सा है?
ब्रह्म मुहूर्त में दो समय होते है, जो सूरज निकलने से 96 मिनट पहले होते हैं। हर एक मुहूर्त 48 मिनट और 30 सेकंड का होता है। यह सूर्योदय से पहले का दूसरा अंतिम मुहूर्त है। तो, ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से 1 घंटे 36 मिनट पहले तक रहता है और सूर्योदय से 48 मिनट पहले समाप्त हो जाता है। हर दिन इसकी अवधि बदलती रहती है जैसे सूरज निकलने का समय हर दिन बदलता है ठीक उसी प्रकार। (Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
ब्रह्म मुहूर्त का सटीक समय समझने के लिए हम और विस्तार से समझते हैं। देखिए यदि सूरज 6 बजे निकलता है तो ब्रह्म मुहूर्त 04:24 मिनट पर शुरू होगा। इसी प्रकार यदि सूर्य 7:00 बजे उदय होता है तो ब्रह्म मुहूर्त का समय 05:24 हो जाएगा।
यह समय गुजरी हुयी रात का आखिरी समय (चरण) होता है इसीलिए यह समय विशेष रूप से शक्तिशाली होता है। इस समय में ऊर्जा का एक अनुकूल बदलाव और प्रभाव महसूस किया जा सकता है। आप किसी दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपनी खुली छत पर जाकर विचरण करे और महसूस करे इस ऊर्जा को।
शोधकर्ता और वैज्ञानिक भी ऐसा मानते है कि ब्रह्म मुहूर्त के दौरान की जाने वाली आध्यात्मिक गतिविधियां दिन के किसी भी हिस्से की तुलना में अधिक प्रभाव छोड़ती है। (Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
यह समय योग के सभी अभ्यासों के लिए सबसे अधिक फायदेमंद है। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में मध्यस्थता, पूजा, या किसी अन्य धार्मिक प्रथाओं को पूरा करने के लिए सबसे उपयुक्त समय है।
यह भी कहा जाता है कि इस समय किए जाने पर किसी के अभ्यास से गहरा और तेज परिणाम मिलेगा। इसलिए इस समय आध्यात्मिक गतिविधियों की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि इस समय में मानव मस्तिष्क सबसे तेजी से कार्य करता है। (Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
ब्रह्म मुहूर्त और प्रकृति का संबंध –
सोचने वाली बात यह है कि बिना किसी घड़ी के बिना किसी अलार्म के पशु पक्षी किस प्रकार ब्रह्म मुहूर्त में जाग जाते हैं। यह दर्शाता है कि प्रकृति और ब्रह्म मुहूर्त के बीच कैसा संबंध है। भोर होने पर कमल खिल जाते है मुर्गियां आवाजें लगाने लगती है। इस प्रकार, ब्रह्म मुहूर्त में प्रकृति भी प्रबुद्ध हो जाती है।
पूरे 24 घंटे के अंतराल में ब्रह्म मुहूर्त सबसे उपयोगी समय होता है यदि आप इस समय में जागते है तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। यदि आप सालों से तरोताजा महसूस करने के लिए संघर्ष कर रहे है तो आपको ब्रह्म मुहूर्त में जागने के बारे में सोचना चाहिए। स्मृति शक्ति और ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है।(Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
जब आप सुबह की ताजा हवा में विचरण करते है तो यह आपके शरीर के विभिन्न शारीरिक कार्यों को फिर से जीवंत करने में भी मदद करता है, विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त में जागने से हमारे शरीर की हार्मोनल विविधताओं का संतुलन बना रहता है। जिस कारण से cortisol (तनाव बढ़ाने वाला हार्मोन) का रिसाव कम होता है।
आपको एक नए दिन की शुरूआत करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठना ही चाहिए क्योंकि , ब्रह्म मुहूर्त एक शुभ समय है जो शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।(Brahma Muhurta Mein Jagne Ke Fayde)
यह भी पढ़े :
–सावन में शिव पूजा का महत्व – Sawan Mein Shiv Pooja Ka Mahatva
–मेडिटेशन (ध्यान) के फायदे -TOP 15 Benefits of Meditation In Hindi
–अपना जुनून कैसे खोजे? – How To Find Passion? In Hindi
–“माया” क्या है ? – What Is “Maya” ? – Maya kya hai ?
–श्री कृष्ण : एक सत्य या मिथक? | Mysterious Historical Unknown Facts About Lord Krishna