Periods ke Dard ke Gharelu Upay पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द आम तौर पर समान्य माने जाते है। लेकिन कभी कभी यह इतना गंभीर रूप ले लेते है, कि इनसे होने वाली पीड़ा असहनीय हो जाती है। पीरियड्स में होने दर्द से हर महिला परेशान होती है लेकिन किसी किसी को यह ऐंठन भरा दर्द कम कम होता है और किसी किसी को बहुत ज्यादा। कुछ मामलों में पीरियड क्रैम्प का दर्द इतना ज्यादा होता है कि यह आपके व्यवस्थित जीवन को प्रभावित करने लगता है। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
यहां हम आपकी मदद के लिए पीरियड्स में होने वाली ऐंठन से छुटकारा दिलाने के लिए कुछ घरेलू और मेडिकल उपाय बताएँगे जो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद और पूरी तरह सुरक्षित हैं। पीरियड्स का दर्द इतना खतरनाक और दर्दनाक हो सकता है कि इसे एक चिकित्सा का नाम देना पड़ा जिसे dysmenorrhea (कष्टार्तव) के नाम से जानते हैं।
किशोर महिलाओं के लिए कई बार यह दर्द और भी ज्यादा कष्टदायक हो सकता है। यह दर्द दो प्रकार का होता है, पहले को कहते है primary dysmenorrhea. primary dysmenorrhea का दर्द आपके पेट का नीचे वाले भाग में होता है, यह सामन्य दर्द है कोई बीमारी नहीं। और एक दूसरा दर्द जिसे secondary dysmenorrhea कहते है और यह दर्द period के बाद 2 से 4 दिन तक रह सकता है। यह दर्द आपके पैरो से लेके जांघों वाले हिस्से में होता है। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
आपको एक बात का विशेष ध्यान देना चाहिए कि यदि आपका गर्भाश्य पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित है जैसे कि एंडोमेट्रिओसिस, फाइब्रॉयड्स और पेल्विक इंफ्लेमेटरी विकार तो ऐसे में आपको पीरियड्स के दौरान और अधिक दर्द का अनुभव हो सकता है।
हालांकि यह स्थिति महिलाओं में इतनी समान है कि किए गयी कई तरह की रिपोर्ट बताती है कि मासिक धर्म से गुजर रही दुनिया की आधी से ज्यादा महिलाएं पीरियड्स के दौरान दर्द महसूस करती है।
पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन ऐसी कोई गंभीर बीमारी नहीं है जो आपको जान से मार डालने पर तुली हो हालांकि यह आपके जीवन को अस्त व्यस्त जरूर करता है। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
मासिक धर्म (पीरियड्स) में दर्द क्यों होता है?
Dysmenorrhea या कहें कि मासिक धर्म में होने वाला दर्द हमारे शरीर में पाए जाने वाले एक खास यौगिक के कारण होता है जिसे prostaglandins (प्रोस्टाग्लैंडीन) कहा जाता है।
जब आप पीरियड्स से ग्रस्त होने वाली होती है उस समय प्रोस्टाग्लैंडीन का स्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है और पीरियड के पहले दिन प्रोस्टाग्लैंडीन का स्तर सबसे ज्यादा होता है जिस कारण से हम पीरियड्स के शुरुआती दिनों में सबसे अधिक दर्द, सूजन और ऐंठन महसूस करते हैं। जैसे जैसे दिन गुजरते जाते हैं और गर्भाशय की परत टपकती जाती है वैसे वैसे ही प्रोस्टाग्लैंडीन का स्तर कम होता जाता है और हम आराम की स्थिति में पहुंचने लगते है। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
मासिक धर्म में असहनीय दर्द होने के निम्न कारण भी हो सकते हैं :
- यदि आप धुम्रपान करती हैं।
- आपकी उम्र 30 वर्ष से ज्यादा है।
- बहुत ज्यादा खून का रिसाव होता है।
- अनुवांशिक पारिवारिक इतिहास के कारण भी आपको मासिक धर्म में ज्यादा दर्द हो सकता है।
- खून में अनियमितता।
- आप हाल ही में किशोर अवस्था में आयी है।
कैसे पता लगाए की पीरियड्स में होने वाला दर्द समान्य है?
जैक्सनविले, फ्लोरिडा में मेयो क्लिनिक में एक इंटर्निस्ट और महिला स्वास्थ्य विशेषज्ञ, के रूप में काम कर रहीं जैकी थिलेन (MD) कहती है कि किसी भी लड़की या महिला का दर्द उसी प्रकार का होता है जैसा उसने पहली बार महसूस किया था यदि आपको संदेह है कि यह दर्द उस दर्द से कुछ अलग है जो आपने पहली बार महसूस किया था तो आपको इस पर गौर करना चाहिए। हालांकि अधिकतर महिलाओ में यह दर्द समान्य ही पाया गया है। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा खराब ऐंठन किसी और चीज का संकेत हो सकती है?
आम तौर पर समान्य दर्द होना स्वाभाविक बात है। पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द किसी गंभीर बीमारी को नहीं दर्शाते। लेकिन यदि आप बेहद कष्टदायी मासिक धर्म से गुजर रही है, तो इसके कुछ अन्य कारण भी हो सकते है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया था।
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) :
Endometriosis एक ऐसा विकार है जिसमें पीरियड्स के दौरान गर्भाश्य में बनने ऊतकों की समान्य रेखा के जैसे ही ऊतकों का फैलाव आपके अन्य हिस्सों मे होने लगता है। सरल भाषा में समझिए – जो ऊतक (Tissue) की lining (परत) Periods के दौरान आपके गर्भाश्य में बनतीं है उसी प्रकार के ऊतक (Tissue) का फैलाव गर्भाश्य के बाहर तक होने लगता है। यह ऊतक (Tissue) इतने ज्यादा फैल जाते है कि यह आपके मूत्राशय, अंडाशय या यहां तक कि आपके आंतों तक पहुंच जाते है। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine Fibroids) :
आपके गर्भाश्य में होने वाली गैर-कैंसरयुक्त वृद्धि हैं जो गर्भाशय की दीवारों के अंदर उभरती हैं। यह आकार में बेहद छोटे और एक छोटे और बार भारी द्रव्यमान तक हो सकते हैं।
एडेनोमायोसिस (Adenomyosis) :
गर्भाश्य में बनने वाली ऊतकों की सामान्य रेखा की वृद्धि शरीर के अन्य अंगों में होने लगती है। अंग की मांसपेशियों की दीवार के अंदर बढ़ने लगता है। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
जब आप ऊपर बताये गये विकारों से पीड़ित होते है तो इनसे होने वाले दर्द भी आपको पीरियड्स के दर्द के जैसे ही लग सकते हैं। लेकिन इस तरह के दर्द आमतौर पर लंबे समय तक रहते है और इनमें होने वाले दर्द सामान्य मासिक धर्म की ऐंठन से अधिक गंभीर हो सकते है।
यदि आप इस प्रकार के गंभीर दर्द का अनुभव करते हैं, तो आपको जल्दी ही अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
पीरियड्स के दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए उपचार –
अधिकतर महिलाये मासिक धर्म में होने वाले दर्द का उपचार घर पर रहकर ही कर लेती है। लेकिन फिर भी आपका दर्द ठीक नहीं होता तो आपको घरेलू उपचारों को छोड़ कर कुछ दवाइयों का सेवन करना चाहिए। आप चाहे तो यह दबाये अपने डॉक्टर से लिखवा सकते हैं।
मासिक धर्म के दर्द में आराम दिलाने के लिए यहां डॉक्टरों द्वारा प्रमाणित कुछ उपाय बताये गये हैं। यह उपचार आपके लिए पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है । (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
मासिक धर्म के दर्द को कम करने के लिए खान पान –
“आहार स्वास्थ्य की कुंजी है” । आपका आहार आपको हर तरह की बीमारियों से निबटने के लिए मदद कर सकता है । मासिक धर्म के दौरान आपका मन कई तरह की फैट युक्त, मीठा या नमकीन खाने की इच्छा करते है लेकिन इस तरह का खान पान आपके दर्द को और अधिक बढ़ाने का काम करता है। मासिक धर्म के दौरान आपको आलू के चिप्स nuts इत्यादि खाने से बचना चाहिए।
कुछ महिला रोग विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ चुनिंदा खाद्य पदार्थों को खाकर पीरियड्स का दर्द कम किया जा सकता है। पीरियड्स के दौरान आपको Anti Inflammatory गुणों वाले खान पान पर जोर देना चाहिए। आप चाहे तो चेरी, ब्लूबेरी, स्क्वैश, टमाटर और बेल मिर्च जैसे विरोधी भड़काऊ खाद्य पदार्थ अच्छे विकल्प हैं। मासिक धर्म के दौरान आपको चाय कॉफी इत्यादि के सेवन से भी बचना चाहिए क्योंकि इनमें मौजूद कैफीन आपके दर्द को और अधिक बड़ा देता है।
पीरियड्स के दौरान आप ठंडे पानी की मछली या ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करे यह आपको पीरियड्स के दर्द से काफी आराम दिला सकता है। कैल्शियम से भरपूर बीन्स खाए, हरि सब्जियाँ खासकर पत्तेदार सब्जियाँ खाए । इस तरह के खाद्य पदार्थों में Anti Inflammatory गुण होते है, जो आपके दर्द को काफी कम सकते हैं। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
आपको इस तरह का संतुलित आहार सिर्फ मासिक धर्म के दौरान ही नहीं बल्कि पूरे साल खाना चाहिए इससे आपका शरीर स्वस्थ्य और बीमारी रहित रहता है। (1) (विश्वसनीय स्त्रोत)
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पीरियड्स के दर्द में क्या नहीं खाना चाहिए?
यदि आप ऐसे लोगों में से एक है, जो पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से बेचैन हो जाते है, तो आपकी कुछ चीजों से परहेज करने के बारे में सोचना चाहिए। मासिक धर्म के दर्द पीडित महिलाओं को ब्रेड, मीठे या बहुत नमकीन खाद्य पदार्थ, सफेद चावल, पास्ता जैसे किसी भी सफेद खाने से परहेज करना चाहिए। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
पीरियड्स के दौरान आपको ट्रांस-फैटी एसिड युक्त खाने से भी बचना चाहिए। इसके लिए आपको अधिक तैलीय खाद्य पदार्थों को नहीं खाना चाहिए जैसे कि – आलू के फ्रेंच fries, प्याज के छल्ले, cookies, cheese और पनीर इत्यादि
इसके अतरिक्त आपको सिगरेट, गांजे, smack, तंबाकू उत्पादों के सेवन से भी बचना चाहिए क्योंकि ये सभी उत्पाद आपकी सूजन को बड़ा कर दर्द को और अधिक पीड़ा दायक बना देते हैं।
कैमोमाइल चाय पीए
किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि यदि आप मासिक धर्म के दर्द के दौरान कैमोमाइल चाय पीते है तो यह आपको काफी राहत प्रदान कराती है। कैमोमाइल चाय में कई तरह के रोगप्रतिकारक गुण होते हैं। इसके अतरिक्त यह Anti Inflammatory गुण से भरपूर होती है।
जो आपको दर्द से निजात दिलाने के लिए उपयोगी होती है। कैमोमाइल चाय एंटी inflammatory पदार्थों से भरी हुई होती है, जो प्रोस्टाग्लैंडीन (दर्द का कारण बनने वाला हार्मोन) को रोकती है।
महिलाओं के गर्भाश्य में जो कोशिकाएँ होती है। उनके द्वारा ही प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन का स्राव होता है। जिससे आपको दर्द और सूजन महसूस होती है। यह कोशिकाएँ सिर्फ एक निश्चित अवधि तक ही प्रोस्टाग्लैंडीन का रिसाव करती है।
मासिक धर्म के दौरान रक्तप्रवाह में प्रोस्टाग्लैंडीन होने के कारण की पीरियड्स के दौरान जी मचलना, सिर दर्द, दस्त और उल्टी जैसे विकारों के लिए जिम्मेदार होते हैं। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
यदि आप पीरियड्स के दौरान कैमोमाइल चाय पियेंगे तो यह दर्द पैदा करने वाले प्रोस्टाग्लैंडीन को रोकता है और मासिक धर्म के लक्षणों को कम करने के लिए मासिक धर्म के रक्त प्रवाह को बढ़ाता है।
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पीरियड्स के दर्द में खाए सौंफ युक्त कैप्सूल खाए –
शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि सोंप खाने वाली 85% महिलाओं को मासिक धर्म के दर्द का कम अनुभव हुआ। उन्होंने पीरियड्स से 3 दिन पहले से 60 मिलीग्राम सौंप युक्त capsule का सेवन दिन में 3 बार किया।
शोध के दौरान प्रतिभागियों को अलग अलग स्तर पर सौंप का सेवन कराया गया था और जिन्होंने सौंप का सेवन नहीं किया था उन्हें अत्यधिक दर्द का अनुभव करना पढ़ा। शोधकर्ताओं का मानना है कि सौंफ़ गर्भाशय के संकुचन को रोकता है जो प्रोस्टाग्लैंडीन द्वारा उत्तेजित होते हैं। सौंप के capsule आपकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के साथ आपको पेट संबंधित सभी विकारों से दूर रखते हैं। मासिक धर्म के दौरान और गर्भवती महिलाओं को उनका सेवन करना चाहिए। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
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कुछ जरुरी तेलों से अपने पेट की मालिश करे –
किए गए कुछ शोध (1) इस बात कि पुष्टि करते है कि कुछ चुनिंदा तेलों का मिश्रण आपको मासिक धर्म में होने वाली ऐंठन से छुटकारा दिला सकते हैं। आपको इन तेलों को मिलकार अपने पेट की मालिश करनी है और आप निश्चित ही आराम महसूस करने लगेंगे। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
तेलों में दर्द कम करने के पीछे मालिश के बाद उनका परिसंचरण बड़ जाता है जिससे कि आपको दर्द नहीं होता। तेल मासिक धर्म के दर्द से बचने के लिए सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले उत्पादों में से एक है। परिसंचरण क्षमता बढ़ाने के कारण निम्न तेलों को मासिक धर्म के दर्द से छुटकारा पाने के उपयोगी माना जाता है :
- गुलाब का तेल (अभी खरीदे)
- दालचीनी का तेल (अभी खरीदे)
- लौंग का तेल (अभी खरीदे)
- कुठरा का तेल (अभी खरीदे)
- लैवेंडर का तेल (अभी खरीदे)
उपर्युक्त तेल की मालिश मासिक धर्म के दौरान आपको बेहद राहत पहुंचाने का काम करते हैं। निम्न तरह के तेलों को मिलाकर या अकेले भी इनका उपयोग दर्द के लिए किया जा सकता है। हालांकि बेहतर परिणामों के लिए आपको तेलों के मिश्रण का उपयोग करना चाहिए।
सभी तेलों को एक साथ नहीं मिलाना है, बल्कि इन में से किसी भी एक तेल को मँगवा कर उसे नारियल या Jojoba के तेल के साथ मिलाकर मालिश करे। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
दिए गए तेलों को आप यही से ऑनलाइन ऑर्डर करके मँगवा सकते है या यह किसी मेडिकल पर भी मिल सकते हैं।
महिला रोग विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आप पीरियड्स से एक दिन पहले और पीरियड्स के दौरान तेलों की घुमावदार मालिश करते है तो यह आपकी पेट में ऐंठन को कम करने और परिसंचरण को बढ़ावा देने में मदद करता है।
एक टब में स्नान करे –
एक हल्के गर्म पानी से भरे हुए bathtub में खुद को डुबोकर रखना भी आपको मासिक धर्म में होने वाली पीड़ा से मुक्ति दिला सकता है। गर्म पानी में स्नान करने से आपकी श्रोणि की मांसपेशियों को आराम देने के लिए बेहद फायदेमंद उपचार है।
नहाने से पहले आप अपने नहाने के पानी में लैवेंडर, सेज या गुलाब जैसे आवश्यक तेलों की कुछ बूंदों को मिलाकर पानी की दर्द निवारक क्षमता को और अधिक बड़ा पाएंगे जिससे आपके दर्द में और अधिक आराम मिलता है। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
अधिकतम फायदा उठाने के लिए आपको कम से कम 20 मिनट पानी में बने रहे।
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खूब पानी पीए –
पानी की कमी आपको कई तरह की बीमारियों से ग्रसित कर सकती है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पीरियड्स के दौरान यदि आप कम पानी पीते है, तो आपको अधिक दर्द का अनुभव करना पड़ता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आप कम पानी पीते हैं, तो आपके मासिक धर्म के दौरान पेट में ऐंठन होने की संभावना अधिक होती है। इसीलिए आपको लगातार पानी पीते रहना चाहिए। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
एक्यूप्रेशर आजमाएं –
एक्यूप्रेशर को प्राचीन चीनी उपचार माना जाता है और आज भी दुनिया भर में उपचार की इस पद्धति का उपयोग किया जाता है। उपचार की इस विधि में अंग विशेष पर दबाव डाल कर आराम महसूस किया जाता है। यह दबाब आप अपनी हाथ की गद्दी और तलवों पर देते है। माना जाता है कि हमारे शरीर के हर अंग का कनेक्शन हमारे हाथ की गद्दी और पैर के तलवों से है। इसीलिए जब आप इनपर अलग अलग तरह से दबाब देते है तो आपको आराम मिलता है। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
2004 में हुए एक अध्ययन के अनुसार यदि आप अपने हाथ के गोल वाले (उँगलियों के गद्दी के बीच वाले हिस्से में) हिस्सों पर हल्की दबाब वाली मालिश करते है तो आपको पीरियड्स के दर्द से आराम मिलता है। (3) (विश्वसनीय स्त्रोत)
कैसे करें?
- अपनी भीतर की टखने की हड्डी को दूसरे हाथ की चार उँगलियों से मापे।
- अब इसी जगह पर कई मिंटो तक मजबूती से रगड़ते रहे।
- यह प्रक्रिया बार बार दोहराएं।
सप्लीमेंट खाए –
जी हाँ कई पूरक (सप्लीमेंट) ऐसे है जो आपको मासिक धर्म में होने वाली पीड़ा से मुक्ति दिला सकते हैं। किए गए कुछ अध्यन इस बात का समर्थन करते है कि आप कुछ विशेष तरह के सप्लिमेंट्स का सेवन करके पीरियड्स में होने वाली ऐंठन से छुटकारा पा सकते हैं। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
आप निम्न तरह के सप्लिमेंट्स खाकर मासिक धर्म के दर्द से आराम पाने में सफल हो सकते हैं :
डॉक्टर द्वारा चुना हुआ प्रमाणित कैल्शियम, zinc, और सभी विटामिन युक्त गोलियां (मासिक धर्म के दर्द से निजात दिलाने के लिए) यहां से खरीदे…
आप यह पूरक यही से ऑनलाइन मँगवा सकते है या आपके पास किसी नजदीकी मेडिकल स्टोर पर भी आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे।
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दालचीनी युक्त कैप्सूल खाए –
युवा महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने पीरियड्स से तीन दिन पहले दिन में 3 बार 420 मिलीग्राम दालचीनी युक्त कैप्सूल का सेवन किया उन्हें मासिक धर्म में कम रक्तस्राव, कम दर्द और जी मचलना, उल्टी जैसे विकारों में लाभ मिला। वही जिन लोगों ने इनका सेवन नहीं किया उन्हें मासिक धर्म में होने वाले सभी लक्षणों से गुजरना पड़ा।
वही शोध में यह भी पता चला कि दालचीनी युक्त कैप्सूल के सेवन से महिलाओं को किसी दुष्प्रभाव का सामना नहीं करना पड़ा। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
आप अपने खाने में दालचीनी का छिड़काव करे यह आपको उचित फायदे देगा और मासिक धर्म के दौरान दर्द से काफी राहत प्रदान करेगा।
मासिक धर्म के दर्द से आराम पाने के लिए दालचीनी कैप्सूल यहां से खरीदे…
गरमाहट ले –
गर्माहट से आपको कई तरह के लाभ हो सकते जिसमें मासिक धर्म के दर्द में भी आराम मिलता है। आप अपने पेट पर हीटिंग पैड, हीट रैप या गर्म पानी की बोतल लगाने से मासिक धर्म में ऐंठन से राहत पा सकते है। आप इन वस्तुओं को दवा की दुकान या ऑनलाइन पा सकते हैं। कष्टार्तव दर्द से राहत के लिए गर्मी का लगातार उपयोग इबुप्रोफेन के साथ-साथ काम कर सकता है। गर्मी मांसपेशियों को आराम देने में मदद करती है। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
उच्च गुणवत्ता वाले :
योग और व्यायाम से पाए पीरियड्स के दर्द से आराम –
शायद ही कोई ऐसा रोग हो जो योग और व्यायाम से प्रभावित ना हो। योग और व्यायाम के बलबूते पर आप मासिक धर्म के दर्द में आराम पा सकते हैं। कई महिलाएं इस बात की पुष्टि करती है कि उन्होंने योग या व्यायाम करने के बाद मासिक धर्म के दर्द में आराम महसूस किया।
इसके पीछे का कारण यह है, कि जब आप कसरत करते है तो आपके मस्तिष्क में endorphins नामक हार्मोन का रिसाव होता जो आपको आनंदित और अच्छा महसूस कराता है। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
हमारे शरीर में बनने वाले प्राकृतिक एंडोर्फिन मूड को बेहतर बनाने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन उनका दर्द निवारक प्रभाव भी होता है। एंडोर्फिन को बढ़ावा देने का एक प्रसिद्ध तरीका एरोबिक व्यायाम है। आप चाहे तो संभोग भी कर सकते हैं ।
आप सुबह उठकर 20 से 30 मिनट योग या व्यायाम कीजिए निश्चित ही आपको कई तरह के स्वास्थ्य फायदों के साथ मासिक धर्म के दर्द से आराम मिलेगा ।
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पीरियड्स के दर्द के लिए की दवा –
मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द आम तौर पर घरेलू उपचार से काबु किए जा सकते है। लेकिन फिर भी आपको ऐसा लगता है कि आपका दर्द कम नहीं हो रहा है तो आप ओवर दा काउन्टर दवा ले सकते हैं। इबुप्रोफेन, एस्पिरिन और नेप्रोक्सन सोडियम जैसी दबाई मेडिकल पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है और आप इनका उपयोग मासिक धर्म के दर्द को कम करने के लिए कर सकते हैं। (Periods ke Dard ke Gharelu Upay)
लेकिन आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि यदि आप पहले से ही किसी दवा का सेवन करते है तो इस तरह की कोई दवाई ना खाए। कोशिस करे कि आप प्राकृतिक इलाज से ही इसे काबु कर ले।
अगर आपको पहले से ही कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो आपको नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) से सावधान रहना चाहिए । ये दवाएं गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अल्सर को ट्रिगर कर सकती हैं या रक्तस्राव की स्थिति को और खराब कर सकती हैं।
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डाक्टर को कब दिखाये?
देखा जाए तो मासिक धर्म के दर्द एक स्वाभाविक प्रक्रिया हिस्सा है लकिन यदि आपको गंभीर दर्द है तो यह चिंता का विषय है। आपको निम्न स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए :
- मासिक धर्म का दर्द और ऐंठन इतनी गंभीर होना की आप अपनी दैनिक क्रिया भी नहीं कर पा रहीं हैं।
- आपको 25 साल या उससे ज्यादा उम्र पर गंभीर मासिक धर्म की पीड़ा हो रहीं हैं।
मासिक धर्म के दर्द से जुड़े अन्य विकार निम्न प्रकार के हो सकते हैं :
- श्रोणि सूजन की बीमारी (PID)
- endometriosis
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